
बीकानेर. Indian Railway News: बीकानेर रेल मंडल के सूरतगढ़-बठिंडा खंड में स्थित बागवाली रेलवे स्टेशन पर रेलवे लाइन और सिग्नलिंग से जुड़े अत्याधुनिक तकनीकी कार्य 02 फरवरी 2025 को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिए गए। यह कार्य 26 जनवरी से 02 फरवरी तक चला, जिसके तहत यार्ड में संरचनात्मक और तकनीकी सुधार किए गए हैं।
रेलवे लाइन में महत्वपूर्ण बदलाव
रेलवे संचालन को सुगम बनाने के लिए स्टेशन पर लाइन नंबर 1 और 3 को लूप लाइन में परिवर्तित किया गया, जबकि लाइन नंबर 2 को मुख्य रेल मार्ग (मेनलाइन) बनाया गया है। इससे अब यार्ड में दो गाड़ियां एक साथ प्रवेश कर सकेंगी और विपरीत दिशाओं में गाड़ियों का संचालन संभव होगा।
- पहले: लाइन नंबर 1 मुख्य लाइन थी, जहां ट्रेनों को रोकने की कोई व्यवस्था नहीं थी।
- अब: इसे लूप लाइन बना दिया गया है, जिससे यहां गाड़ियां रुक सकेंगी और लाइन नंबर 2 से बिना रुके ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा।
गति में वृद्धि से संचालन में सुधार
तकनीकी उन्नयन के बाद, पहले जहां गाड़ियां 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यार्ड में प्रवेश करती थीं, अब वे 30 किमी प्रति घंटे की गति से प्रवेश कर सकेंगी। इससे गाड़ियों के क्रॉसिंग में लगने वाला समय घटेगा और यात्री भी अपने गंतव्य पर समय से पहुंच सकेंगे।
अत्याधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली से सुरक्षा और दक्षता में सुधार
रेलवे स्टेशन पर सिग्नलिंग को भी उन्नत किया गया है, जिसमें फ्यूज अलार्म सिस्टम और स्वचालित फायर सिस्टम जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।
1. फ्यूज अलार्म सिस्टम
- इस प्रणाली में दो फ्यूज लगाए गए हैं, जिससे यदि एक फ्यूज खराब हो जाए, तो सिग्नल व्यवस्था बाधित नहीं होगी।
- किसी भी तकनीकी खराबी की स्थिति में इंजीनियरों और रेलवे स्टाफ को मोबाइल संदेश (SMS) के माध्यम से सूचना मिल जाएगी, जिससे तुरंत सुधार कार्य किया जा सके।
- यह प्रणाली लोको पायलटों के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय सिग्नलिंग सुनिश्चित करेगी।
2. स्वचालित फायर सिस्टम
- यदि सिग्नल विभाग के उपकरणों में धुआं या असामान्य तापमान बढ़ता है, तो यह सिस्टम स्वचालित रूप से अलर्ट भेजेगा।
- स्टेशन मास्टर और तकनीकी इंजीनियरों को तुरंत SMS के माध्यम से सूचना मिलेगी, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति को टाला जा सकेगा।
- यह सिस्टम रेलवे के सुरक्षा मानकों को और मजबूत करेगा।
लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से हुआ कार्य
इस तकनीकी उन्नयन और संरचनात्मक सुधार कार्यों को पूरा करने में करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इससे रेलवे संचालन अधिक सुरक्षित, तेज और प्रभावी होगा, जिससे यात्रियों और मालगाड़ियों दोनों को फायदा मिलेगा।
