
नई दिल्ली. Indian Railway News: भारतीय रेलवे ने सामान्य श्रेणी (जीएस) के यात्री सुविधा को बेहतर बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। बीते तीन महीनों में रेलवे ने करीब 583 नए सामान्य श्रेणी के कोच अपने बेड़े में शामिल किए हैं, जिन्हें 229 नियमित ट्रेनों में जोड़ा गया है। इससे न केवल यात्रियों को यात्रा की अधिक सुविधा मिलेगी, बल्कि रेलवे यात्रा में बढ़ती मांग को भी पूरा किया जाएगा। आने वाले समय में इस पहल को और बढ़ाया जाएगा, ताकि लाखों और यात्रियों को बेहतर यात्रा का अनुभव मिल सके।
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना व प्रचार) दिलीप कुमार के अनुसार, सामान्य श्रेणी के यात्री रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं और रेलवे इस श्रेणी के यात्रियों को अधिकतम सुविधा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसी दिशा में काम करते हुए पिछले जुलाई से अक्टूबर तक रेलवे ने 583 नए जीएस कोच तैयार किए हैं, जिन्हें 229 नियमित ट्रेनों में जोड़ा गया है। इसके परिणामस्वरूप, हर दिन हजारों अतिरिक्त यात्री यात्रा करने में सक्षम हो रहे हैं।

नवम्बर में 1,000 से ज्यादा नए कोच जोड़ने का लक्ष्य
रेलवे का यह भी कहना है कि इस नवम्बर माह तक 1,000 से ज्यादा नए सामान्य श्रेणी कोच जोड़े जाएंगे, जिन्हें लगभग 647 नियमित ट्रेनों में समाहित किया जाएगा। इन नए कोचों के जुड़ने से हर रोज़ लगभग एक लाख अतिरिक्त यात्री रेल यात्रा का लाभ उठा सकेंगे। इसका मतलब है कि अब और भी यात्रियों को सामान्य श्रेणी में बैठने की सुविधा मिलेगी, जिससे ट्रेन में भीड़-भाड़ कम होगी और यात्रा अधिक आरामदायक बन पाएगी।

आने वाले दो वर्षों में 10,000 नए जीएस कोच जोड़ने की योजना
इससे भी बड़ा कदम रेलवे ने भविष्य के लिए उठाया है। आगामी दो वर्षों में रेलवे अपने बेड़े में 10,000 से ज्यादा नए सामान्य श्रेणी के कोच जोड़ने की योजना बना रहा है। इनमें से 6,000 से अधिक कोच LHB (Linke Hofmann Busch) तकनीक से बनाए जाएंगे, जो कि हल्के, मजबूत और अधिक सुरक्षित होंगे। इसके अलावा, बाकी कोच स्लीपर श्रेणी के होंगे। इस कदम से अनुमान है कि लगभग आठ लाख अतिरिक्त यात्री रोजाना रेल यात्रा का लाभ उठा सकेंगे।

LHB कोचों की विशेषताएं: सुरक्षित, तेज और आरामदायक यात्रा
रेलवे ने जो नए कोच तैयार किए हैं, वे LHB तकनीक पर आधारित होंगे, जो कि पारंपरिक आईसीएफ़ (Integral Coach Factory) कोचों से काफी बेहतर हैं। इन एलएचबी कोचों का डिजाइन हल्का और मजबूत है, जो न केवल दुर्घटनाओं के दौरान सुरक्षा को बढ़ाता है, बल्कि यात्रा को भी अधिक आरामदायक बनाता है। हादसों के दौरान इन कोचों में होने वाले नुकसान को कम करने में भी इनकी अहम भूमिका होती है। इसके अलावा, इन कोचों में यात्रा करना तेज और आरामदायक भी है, क्योंकि इनमें वेंटिलेशन, बैठने की सुविधा, और अन्य आवश्यक सुविधाएं बेहतर हैं।

रेलवे की आगामी योजनाएं: यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करना
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए रेलवे का यह विस्तार और सुधार एक बड़ा कदम है, और इसके माध्यम से रेलवे यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके अलावा, नए कोचों की निर्माण प्रक्रिया भी बहुत तेजी से चल रही है, ताकि आने वाले समय में यात्रियों को बेहतर सेवा मिल सके।
रेलवे का यह कदम न केवल यात्रियों की संख्या को संभालने में मदद करेगा, बल्कि यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना भी तैयार करेगा। इन सुधारों से भारतीय रेलवे एक बार फिर अपनी क्षमता और यात्री सेवा को नए ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए तैयार है।
