
चूरू. Indian Railway News: बीकानेर रेल मंडल के रतनगढ़-मोलीसर (17 किमी) खंड के दोहरीकृत रेलमार्ग का शुक्रवार को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) जनक कुमार गर्ग ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ मंडल रेल प्रबंधक डॉ. आशीष कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
निरीक्षण का तरीका
- स्वचालित ट्रॉली से रतनगढ़ से मोलीसर तक बारीकी से निरीक्षण किया।
- स्पेशल स्पीड ट्रायल ट्रेन से पुनः रतनगढ़ से मोलीसर तक यात्रा कर परीक्षण किया।
- 90 किमी/घंटा की गति से ट्रेनों के संचालन की अनुमति प्रदान की।
- यह दोहरीकृत रेलमार्ग ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली से युक्त है, जिससे रेल संचालन और अधिक सुरक्षित एवं सुचारू होगा।
चूरू-रतनगढ़ रेल खंड
- कुल लंबाई: 42.81 किलोमीटर
- अब तक पूरा: 17 किलोमीटर
- शेष कार्य: तीव्र गति से प्रगति पर
अन्य प्रमुख रेल दोहरीकरण परियोजनाएं
चूरू-सादुलपुर खंड
- 57 किमी का दोहरीकरण कार्य प्रस्तावित
- लागत: 468 करोड़
भिवानी-डोभाली खंड
- 42 किमी दोहरीकरण
- लागत: 471 करोड़
मनहेरू-भवानीखेड़ा खंड
- 31 किमी रेल दोहरीकरण
- लागत: ₹413 करोड़
इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद ट्रेनों की गति बढ़ेगी, जिससे यात्रियों को कम समय में यात्रा पूरी करने का लाभ मिलेगा।

व्यापारिक गतिविधियों को बल मिलेगा, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
उच्च स्तरीय टीम की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण निरीक्षण के दौरान रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियरों की टीम भी मौजूद रही:
- जनक कुमार गर्ग – मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त
- डॉ. आशीष कुमार – मंडल रेल प्रबंधक
- एस. एल. मीना – चीफ इंजीनियर
- विजय सिंह मीना – डिप्टी चीफ इंजीनियर
- अमित जैन – वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वयक)
- अमन अग्रवाल – मंडल इंजीनियर दक्षिण
- जयप्रकाश – वरिष्ठ मंडल यातायात प्रबंधक
रेलवे संरचना के विकास में एक और मील का पत्थर
भारतीय रेलवे निरंतर अपने नेटवर्क को उन्नत और सुरक्षित बनाने में जुटा हुआ है। रतनगढ़-मोलीसर खंड का दोहरीकरण इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे यात्रियों और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा।रेलवे का यह सतत विकास न केवल यात्रा को सुगम बना रहा है, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
