
नई दिल्ली. Indian Railway Update: ग्रेटर नोएडा से गुरुग्राम जाने वाले लाखों यात्रियों के लिए खुशखबरी! मोदी सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में एक नई क्षेत्रीय तेज़ गति परिवहन प्रणाली (RRTS) विकसित करने का ऐलान किया है, जो गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए बनाई जाएगी। यह 60 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर राजीव चौक, गुरुग्राम से लेकर नोएडा सेक्टर-142 और सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा तक जाएगा, और इस रास्ते में फरीदाबाद के बटा चौक से भी गुजरेगा।
यह विशाल परियोजना 15,000 करोड़ की अनुमानित लागत से तैयार होगी, जो दिल्ली-एनसीआर के यातायात और परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से बदलकर रख देगी। इस मार्ग पर कुल आठ स्टेशन होंगे, जो यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाएंगे। यह अपग्रेड न केवल यातायात के दबाव को कम करेगा, बल्कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में भी मदद करेगा।
मुख्य विशेषताएँ:
- क्षेत्रीय तेज़ गति परिवहन प्रणाली (RRTS): केंद्र सरकार ने गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए RRTS परियोजना को हरी झंडी दी है।
- 60 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर: यह मार्ग गुरुग्राम के राजीव चौक से नोएडा सेक्टर-142 और सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा को जोड़ते हुए फरीदाबाद के बटा चौक से होकर गुजरेगा।
- 15,000 करोड़ की लागत: यह कॉरिडोर ₹15,000 करोड़ की अनुमानित लागत से विकसित होगा।
- आठ स्टेशन: इस रूट पर आठ प्रमुख स्टेशन होंगे, जिससे यात्रा और अधिक सुगम हो जाएगी।
- यातायात जाम में कमी: इस परियोजना से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यातायात की भीड़-भाड़ में कमी आएगी और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
गुरुग्राम मेट्रो का विस्तार
रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने इस RRTS परियोजना और मेट्रो विस्तार पर चर्चा की। इस बैठक में गुरुग्राम मेट्रो को सराय काले खान से करनाल और बड़सा स्थित AIIMS तक विस्तारित करने का प्रस्ताव भी सामने आया।
IGI एयरपोर्ट और अन्य प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी
इस नेटवर्क के माध्यम से IGI एयरपोर्ट को गुरुग्राम, फरीदाबाद और जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा, जिससे इन प्रमुख शहरों के बीच यात्रा की कनेक्टिविटी और भी मजबूत होगी। भविष्य में इस नेटवर्क का विस्तार राजस्थान के धारूहेड़ा, बावल और शाहजहांपुर तक भी किया जा सकता है। यह परियोजना दिल्ली-एनसीआर में परिवहन व्यवस्था को नया दिशा देने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक समृद्धि के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
