
नई दिल्ली. Indian Railway Update: भारतीय रेलवे ने 1 मई से यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ बड़े बदलाव लागू किए हैं। इन नए नियमों का मकसद ट्रेन यात्रा को अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। खासकर रिज़र्वेशन टिकटधारकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। अब टिकट बुकिंग, कोच एंट्री, रिफंड प्रक्रिया और डिजिटल भुगतान से जुड़े नियमों में बड़ा फेरबदल किया गया है। अगर आप अक्सर ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो ये 5 बड़े बदलाव आपके लिए जानना जरूरी है:
1. अब बिना कन्फर्म टिकट के नहीं मिलेगी एंट्री
रेलवे के नए नियम के मुताबिक, वेटिंग टिकट रखने वाले यात्रियों को अब स्लीपर या एसी कोच में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। केवल कन्फर्म टिकट धारकों को ही इन रिज़र्वड डिब्बों में यात्रा करने दिया जाएगा। यदि कोई वेटिंग लिस्ट वाला यात्री इन कोचों में पाया जाता है, तो रेलवे कर्मचारी उसे वहां से हटाकर जनरल कोच में भेज सकते हैं और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह कदम कन्फर्म यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
2. अब टिकट बुकिंग के लिए जरूरी होगा OTP
आईआरसीटीसी वेबसाइट या ऐप के जरिए टिकट बुक करते समय अब ओटीपी वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। चाहे आप नियमित यात्री हों या पहली बार टिकट बुक कर रहे हों, पेमेंट से पहले ओटीपी के जरिए आपकी पहचान की पुष्टि की जाएगी। इससे फर्जी बुकिंग और दलाली को रोकने में मदद मिलेगी।
3. टिकट बुकिंग की समय-सीमा घटकर हुई 90 दिन
पहले यात्री यात्रा तिथि से 120 दिन पहले तक टिकट बुक कर सकते थे, लेकिन अब यह अवधि घटाकर 90 दिन कर दी गई है। रेलवे का मानना है कि इससे दलालों और एजेंटों द्वारा की जाने वाली अनावश्यक बुकिंग पर लगाम लगेगी और आम यात्रियों को टिकट मिलना आसान होगा।
4. अब रिफंड मिलेगा सिर्फ 2 दिन में
अगर आपने टिकट कैंसिल किया है, तो अब आपको रिफंड के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। रेलवे ने रिफंड प्रक्रिया को तेज करते हुए इसे अधिकतम दो कार्यदिवस के भीतर निपटाने का निर्णय लिया है। यह नियम ऑनलाइन और रेलवे काउंटर दोनों माध्यमों से बुक किए गए टिकटों पर लागू होगा, बशर्ते वो बैंक अकाउंट से जुड़े हों।
5. डिजिटल भुगतान को मिल रहा बढ़ावा
रेलवे अब यात्रियों को टिकट बुकिंग और ऑनबोर्ड सेवाओं के लिए डिजिटल पेमेंट को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। इसका उद्देश्य लेन-देन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और तेज बनाना है। इससे नकद लेन-देन में होने वाली गड़बडिय़ों पर भी रोक लगेगी।
