
चंडीगढ़. Indian Railways News: उत्तर भारत के रेल नेटवर्क को और अधिक मजबूत और सुलभ बनाने के लिए रेलवे ने एक बड़ी परियोजना को अंजाम देने की तैयारी कर ली है। अंबाला से जालंधर के बीच अब तीसरी रेल लाइन बिछाई जाएगी। करीब 153 किलोमीटर लंबे इस रेल कॉरिडोर के निर्माण पर लगभग 3200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह कदम बढ़ते रेल यातायात को संभालने और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के मकसद से उठाया गया है।
बढ़ते ट्रैफिक को मिलेगा समाधान
अंबाला-जालंधर रेल मार्ग पहले से ही भारी ट्रैफिक दबाव झेल रहा है। इस रूट पर ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे संचालन में देरी और बाधाएं आ रही थीं। रेलवे के अधिकारियों ने इस चुनौती को देखते हुए तीसरी रेल लाइन की योजना बनाई है। इससे ट्रेनों की आवाजाही ज्यादा सुगम हो सकेगी और लेट-लतीफी की समस्या में भी कमी आएगी।
दो चरणों में होगा निर्माण
रेल लाइन के निर्माण को दो चरणों में पूरा किया जाएगा ताकि पहले से चल रही ट्रेनों का संचालन प्रभावित न हो
- पहला चरण: अंबाला से लुधियाना तक नई रेल लाइन का निर्माण।
- दूसरा चरण: लुधियाना से जालंधर तक की रेल लाइन को विस्तार देना।
हर चरण में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। लाइन को सेंसर प्रणाली और स्वचालित स्विच सिस्टम से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी और सुरक्षा बेहतर होगी। साथ ही, सिग्नलिंग सिस्टम भी पूरी तरह ऑटोमेटेड होगा।
भूमि अधिग्रहण और मुआवजा योजना
इस परियोजना के लिए हरियाणा और पंजाब राज्यों में 20 से 30 फुट तक जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने सर्वे पूरा कर लिया है और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है। जल्द ही इस प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड से अंतिम मुहर लगने की संभावना है। भूमि अधिग्रहण के दौरान प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा और इसके प्रावधान पहले ही सर्वे रिपोर्ट में शामिल किए जा चुके हैं।
निर्माण विभाग ने भेजा प्रस्ताव
रेलवे के निर्माण विभाग ने इस पूरे प्लान का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करके रेलवे बोर्ड के पास भेज दिया है। स्वीकृति मिलते ही बजट आवंटन और टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस रेल लाइन से न केवल यात्री ट्रेनों को फायदा होगा, बल्कि मालगाडिय़ों के संचालन में भी गति आएगी, जिससे औद्योगिक विकास को भी बल मिलेगा।
क्या होगा फायदा?
- ट्रेनों की लेट-लतीफी में कमी
- यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा
- मालगाड़ी संचालन में तेजी
- भविष्य में नई ट्रेनों के संचालन की संभावना
- स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन
