
नई दिल्ली. India’s First Vertical Lift Bridge: भारत में पहली बार एक ऐसा वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज तैयार किया गया है, जो रामेश्वरम (Rameshwaram) को तमिलनाडु से जोड़ता है। इस ब्रिज पर हाल ही में ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हुआ। ट्रायल के दौरान, ट्रेन 121 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पुल के ऊपर से गुजरते हुए एक नई तकनीक का प्रदर्शन कर रही थी। आइए जानते हैं, इस 2.2 किमी लंबे ब्रिज की खासियत और इसे बनाने की प्रक्रिया के बारे में।
वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज क्या है?
यह ब्रिज खास इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसके ऊपर से ट्रेन गुजरेगी, जबकि नीचे से बड़े-बड़े जहाज भी आराम से गुजर सकेंगे। वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज का मतलब है कि यह पुल ऑटोमैटिक तरीके से ऊपर उठ सकता है जब पानी के जहाज को गुजरने की जरूरत होती है। जैसे ही कोई जहाज इसके पास आएगा, यह ब्रिज अपनी ऊंचाई बढ़ा कर जहाज को गुजरने का रास्ता दे देगा। एक बार जहाज निकल जाने के बाद, ब्रिज फिर से अपने सामान्य स्तर पर वापस आ जाएगा, ताकि ट्रेन आसानी से गुजर सके।
किसने और कैसे बनाया?
भारत का यह पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने तैयार किया है। तमिलनाडु के रामेश्वरम में बने इस पंबन रेल पुल में दो लोकोमोटिव और 11 लोडेड वैगन के साथ लोड डिफ्लेक्शन की भी व्यवस्था है, जिससे इसकी मजबूती और सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
कब शुरू हुआ था काम?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पंबन पुल की नींव नवंबर 2019 में रखी थी, और RVNL ने पुल के निर्माण का काम फरवरी 2020 में शुरू किया। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते निर्माण में देरी हुई, जिससे पहले तय की गई समय सीमा (दिसंबर 2021) में विस्तार हुआ। अब यह ब्रिज 2024 में पूरी तरह से तैयार हो चुका है और यात्री तथा मालवाहन ट्रेनें इस पर चलने के लिए तैयार हैं।
ब्रिज की विशेषताएं:
- लंबाई और डिजाइन: 2.2 किमी लंबे इस पुल को खास तौर पर डिजाइन किया गया है ताकि यह रेल और जल परिवहन दोनों को सुगम बना सके।
- ऑटोमैटिक लिफ्ट सिस्टम: जहाज के गुजरने के लिए ब्रिज का ऊपरी हिस्सा अपने आप उठता है और फिर जहाज के गुजरने के बाद वापस नीचे आ जाता है।
- सुरक्षा मानक: पुल को अत्याधुनिक सुरक्षा मानकों के तहत तैयार किया गया है, ताकि भारी ट्रैफिक और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव हो सके।
भविष्य में क्या होगा?
यह वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज न केवल रामेश्वरम और अन्य तटीय क्षेत्रों के बीच रेलवे कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह भारतीय रेल नेटवर्क के लिए एक नई दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। इस ब्रिज के निर्माण से समुद्री और रेलवे यातायात को बेहतर समन्वय मिलेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास में भी तेजी आएगी। भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज तकनीकी और इंजीनियरिंग के लिहाज से एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भविष्य में और भी ऐसे संरचनाओं के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
