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India’s new defense policy: अमेरिका से बढ़ती नजदीकी, पाकिस्तान में खलबली, रूस से हथियारों की खरीद में कटौती

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PM Narendra Modi

इस्लामाबाद. India’s new defense policy: भारत ने हाल ही में अपने रक्षा संबंधों में एक बड़ा बदलाव किया है, जो पाकिस्तान के लिए नई चिंताएं पैदा कर सकता है। रूस से हथियारों की खरीद में कटौती करते हुए, भारत अब पश्चिमी आपूर्तिकर्ताओं, विशेषकर अमेरिका की ओर रुख कर रहा है। यह भारत की पारंपरिक रक्षा नीति में एक ऐतिहासिक मोड़ है, क्योंकि भारत ने हमेशा अपनी अधिकांश रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भरता रखी थी।

पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक क़मर चीमा ने इस बदलाव पर टिप्पणी करते हुए इसे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने एक वीडियो में कहा, “भारत और रूस के बीच कुछ प्रमुख रक्षा समझौतों में देरी हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि रूस खुद यूक्रेन युद्ध में फंसा हुआ है, और इस वजह से वह समय पर भारत को हथियार मुहैया नहीं कर पा रहा है। भारत इस देरी से नाराज़ है, और इसलिए उसने पश्चिम और अमेरिका से हथियारों की ओर रुख किया है।”
चीमा ने यह भी बताया कि “भारत ने अमेरिका के प्रति अपनी नजदीकी को और बढ़ा दिया है। रूस भी इस बदलाव को महसूस कर रहा है, क्योंकि अब तक भारत के अधिकांश हथियार रूस से ही आते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका ने भारत के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। अब भारत अपनी सुरक्षा के लिए सभी विकल्पों को खुला रखना चाहता है, और यह संकेत देता है कि वह युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि “रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उम्मीद थी कि भारत पुराने रिश्तों के कारण रूस के साथ जुड़े रहेगा, लेकिन भारत अब सिर्फ अपने राष्ट्रीय हितों को देख रहा है। भारत अमेरिका से हथियार ले रहा है, लेकिन उसे यह भी पता है कि भविष्य में अमेरिका उससे असहमत हो सकता है, इसलिए वह रूस से संबंध भी खत्म नहीं कर रहा। भारत का मानना है कि जो भी उसे फिलहाल मिल रहा है, उसे लेना चाहिए।”
रूस और अमेरिका के हथियारों की तुलना करते हुए, चीमा ने कहा कि “रूस से हथियार आमतौर पर सस्ते मिलते हैं, लेकिन भारत को अब देरी नहीं चाहिए। यूक्रेन युद्ध के कारण कुछ हथियारों की आपूर्ति रुकी हुई है, और भारत अपने रक्षा समझौतों में और देरी का जोखिम नहीं उठा सकता। इसलिए, भारत ने अपनी नीति में बदलाव किया है और अमेरिका की ओर रुख किया है। हालांकि, भारत रूस से तेल भी खरीद रहा है और वह अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संतुलित रखते हुए किसी भी पक्ष के साथ ज्यादा दूरियां नहीं बनाना चाहता।”
इस रणनीतिक बदलाव से भारत की रक्षा नीति में एक नया मोड़ आ सकता है, जो न केवल रूस और अमेरिका के बीच भारत के कूटनीतिक रिश्तों को प्रभावित करेगा, बल्कि पाकिस्तान सहित अन्य देशों के लिए भी यह एक नई चुनौती पेश करेगा। अब यह देखना होगा कि भारत का यह बदलाव भविष्य में किस दिशा में जाता है और क्या इससे क्षेत्रीय राजनीति में और बदलाव आएगा।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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