
नौगांवा (अलवर). innovation in government school: आमतौर पर हम स्कूल में छात्राओं को उनकी नियमित स्कूल ड्रेस में ही देखते हैं, लेकिन क्या आपने कभी किसी स्कूल में छात्राओं को फौजी ड्रेस में देखा है? अगर नहीं, तो आप अलवर जिले के भजेड़ा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की उन वीर बालाओं से मिलिए, जो फौजी ड्रेस पहनकर अपने आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दे रही हैं। यह नई पहल न केवल उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता की ओर भी प्रेरित कर रही है। इस अनोखी पहल का श्रेय जाता है स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. कोमल कांत शर्मा को, जिन्होंने छात्राओं के लिए एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य उन्हें शिक्षा, खेल और नेतृत्व के क्षेत्रों में सक्षम बनाना है।
“वीर बाला समूह”: एक नई दिशा की ओर
डॉ. कोमल कांत शर्मा ने इस विद्यालय में एक खास कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे “वीर बाला समूह” कहा जाता है। इस समूह को तीन अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है:
- वीर बाला एडवांस
- वीर बाला एक्सीलेंट
- वीर बाला प्लेयर
इन समूहों के माध्यम से छात्राओं को विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों में सक्षम बनाने का लक्ष्य है, जैसे कि सैन्य सेवाओं, शिक्षा, और खेल।
वीर बाला एडवांस: रक्षा सेवाओं में करियर बनाने की दिशा
वीर बाला एडवांस समूह में उन छात्राओं को शामिल किया जाता है, जो उच्च मनोबल के साथ अपने भविष्य को रक्षा सेवाओं में बनाना चाहती हैं। इस समूह की सदस्य छात्राओं को शस्त्रों का ज्ञान, अनुशासन, और नेतृत्व की शिक्षा दी जाती है। इन छात्राओं की ड्रेस भी सेना की ड्रेस से मिलती-जुलती रखी जाती है, जिससे उन्हें एक सैन्य वातावरण का अनुभव होता है। इस समूह के तहत, छात्राओं को भारतीय सेना में भर्ती की जानकारी, शारीरिक तैयारियां, और कॅरियर गाइडेंस भी दी जाती है। इन छात्राओं का उद्देश्य केवल अपनी शिक्षा को बेहतर बनाना नहीं, बल्कि राष्ट्र की सेवा में खुद को समर्पित करना भी है।
वीर बाला एक्सीलेंट: शैक्षणिक क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर
वीर बाला एक्सीलेंट समूह में उन छात्राओं को शामिल किया गया है, जो शैक्षिक दृष्टि से उत्कृष्ट हैं। प्रत्येक कक्षा से तीन-तीन सर्वश्रेष्ठ छात्राओं को इस समूह में शामिल किया गया है, जिनकी शैक्षिक क्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है। इस समूह की छात्राओं को विशेष कक्षाएं, कॅरियर गाइडेंस और अंतर कक्षा प्रतियोगिताओं में भाग लेने के अवसर दिए जाते हैं। शनिवार को आयोजित बालसभा में इन्हें वीर बाला एडवांस समूह के साथ कॅरियर संबंधी जानकारी दी जाती है, ताकि वे भी अपने भविष्य को दिशा दे सकें।
वीर बाला प्लेयर: खेलों में बेहतरी की ओर
वीर बाला प्लेयर समूह में उन छात्राओं को शामिल किया गया है, जो खेलों में रुचि रखती हैं। इस समूह का उद्देश्य इन छात्राओं को खेल के क्षेत्र में प्रेरित करना और उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए तैयार करना है। अब तक, स्कूल में शतरंज और वॉलीबॉल में छात्राओं ने राज्य स्तर पर कई पुरस्कार जीते हैं, और यह समूह अब मुक्केबाजी, टेनिस, और शूटिंग जैसे नए खेलों में भी सक्रिय है। स्कूल में खेल विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन प्रशिक्षण और स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से छात्राओं को उन्नत कोचिंग दी जाती है।
वीर बालाओं का आत्मविश्वास और उनके लक्ष्य
“वीर बाला समूह” की सदस्य छात्राएं अपनी उपलब्धियों से साबित कर रही हैं कि यह पहल न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ा रही है, बल्कि उन्हें अपने भविष्य के लिए स्पष्ट दिशा भी दे रही है। कक्षा 7वीं की नीरज, जो “वीर बाला एडवांस” समूह की सदस्य हैं, बताती हैं, “मैं शतरंज में अंतरराष्ट्रीय ग्रैंड मास्टर बनना चाहती हूं और अब तक मैं राज्य स्तर पर शतरंज खेल चुकी हूं। यह सब मेरे स्कूल और प्रधानाचार्य डॉ. शर्मा की प्रेरणा से संभव हुआ है।” इसी तरह, कक्षा 8वीं की तनिष्का ने कहा, “मैंने स्कूल में शतरंज खेलना शुरू किया और अब अपनी टीम के नेतृत्व में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। अब मैं अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी बनना चाहती हूं।”
कक्षा 6वीं की छात्रा आर्निका, जो “वीर बाला एडवांस” समूह की सदस्य हैं, कहती हैं, “मुझे सैन्य गतिविधियों में भाग लेकर बहुत अच्छा लगता है और मैं सैन्य अधिकारी बनना चाहती हूं। मुझे यहां मिलिट्री क्षेत्र के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है।”
कक्षा 5 की छात्रा वंशिका का सपना है कि वह बड़ी होकर एक दिन प्रिंसिपल बने। वह बताती हैं, “स्कूल में होने वाली विभिन्न गतिविधियों से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है और ये मेरे भविष्य के लिए मददगार साबित हो रही हैं।”
शैक्षिक और खेलों में सुधार
डॉ. शर्मा बताते हैं कि वीर बाला समूह के गठन के बाद, विद्यालय में शैक्षिक परिणामों में भी सुधार आया है। पिछले दो वर्षों से विद्यालय के बोर्ड परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहे हैं। इसके अलावा, स्कूल की शतरंज और वॉलीबॉल टीम ने राज्य स्तर पर सफलता प्राप्त की है। अब, स्कूल में शूटिंग जैसी नई खेल सुविधाओं को जोड़ने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
सफलता की ओर बढ़ रहे कदम
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भजेड़ा की यह पहल शिक्षा, खेल और नेतृत्व के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश कर रही है। यहां की वीर बालाएं अब केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि खेलों और सैन्य क्षेत्र में भी सफलता की ओर बढ़ रही हैं। डॉ. कोमल कांत शर्मा की यह अनूठी पहल ना केवल इन बालिकाओं के जीवन को आकार दे रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सक्षम भी बना रही है।
