
नई दिल्ली. INS TAMAL: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान एक बार फिर भारत से युद्ध की आशंका में कांप उठा है। उसकी सेना चौकसी बढ़ा रही है, नौसेना समुद्री सीमाओं को घेरे हुए है, लेकिन भारत की जवाबी रणनीति ने उसके माथे पर और बल डाल दिए हैं। कारण – भारतीय नौसेना के बेड़े में जल्द शामिल होने वाला अत्याधुनिक स्टेल्थ युद्धपोत आईएनएस तमाल।
यह बहुउद्देशीय गाइडेड मिसाइल फ्रीगेट सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि पाकिस्तान के मंसूबों पर सर्जिकल वार करने वाला नया हथियार है – और वो भी ‘ब्रह्मोस’ जैसी विश्व की सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइल से लैस।
28 मई को होगा आईएनएस तमाल का जलावतरण
रूस के कालिनिनग्राद स्थित यांतार शिपयार्ड में निर्मित आईएनएस तमाल को पहले जून 2025 में भारत को सौंपा जाना था। लेकिन बदले हालात और भारत की तेज़ तैयारियों के चलते यह घातक युद्धपोत अब समय से पहले – 28 मई 2025 को भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा। भारतीय नौसैनिकों का एक दल इस समय रूस में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है, ताकि जलावतरण के साथ ही आईएनएस तमाल भारतीय समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा में जुट सके।
आईएनएस तमाल: दुश्मन की नींद उड़ाने वाली खूबियां
- अत्याधुनिक :स्टेल्थ तकनीक रडार की पकड़ से बचने में माहिर
- गति: 30 नॉटिकल मील (लगभग 56 किमी/घंटा)
- मारक दूरी: 3000 किलोमीटर तक की लगातार यात्रा
- ब्रह्मोस मिसाइल: सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल – लक्ष्य का तत्काल विध्वंस
- पनडुब्बी रोधी प्रणाली: टॉरपीडो और रॉकेट लॉन्चर से लैस
- वजन: 3900 टन
- हेलिकॉप्टर सुविधा: एक मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर की तैनाती संभव
- श्रेणी : ‘तलवार’ क्लास फ्रीगेट – नाम का अर्थ भी ‘तलवार’
आईएनएस तुशील के बाद अब आईएनएस तमाल
2016 में भारत और रूस के बीच एक रणनीतिक रक्षा समझौता हुआ था, जिसके तहत रूस को 4 तलवार श्रेणी के स्टेल्थ फ्रीगेट तैयार करने थे। पहला युद्धपोत आईएनएस तुशील 9 दिसंबर 2024 को भारतीय नौसेना में शामिल हुआ। अब उसी श्रृंखला में दूसरा और कहीं अधिक उन्नत युद्धपोत आईएनएस तमाल भी तैयार है – पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर।
‘तमाल’ के बाद विदेशी युद्धपोतों को अलविदा – अब होगा आत्मनिर्भर भारत का जलजंगल
आईएनएस तमाल भारतीय नौसेना का आखिरी आयातित युद्धपोत होगा। इसके बाद भारत पूरी तरह से स्वदेशी युद्धपोत निर्माण की राह पर चल पड़ेगा। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब कोई भी युद्धपोत विदेश से नहीं खरीदा जाएगा – एक ओर तकनीकी आत्मनिर्भरता और दूसरी ओर सामरिक गर्व का प्रतीक।
पाकिस्तान डरा हुआ है… और भारत तैयार है
जहां एक ओर पाकिस्तान अपनी सुरक्षा घेरा मजबूत करने में जुटा है, वहीं भारत अपनी ताकत को और धार दे रहा है। आईएनएस तमाल के नौसेना में शामिल होते ही हिंद महासागर में भारत की पकड़ और भी मजबूत हो जाएगी। और यह स्पष्ट संदेश होगा – अगर कोई भारत की ओर आँख उठाएगा, तो समंदर से ही जवाब मिलेगा और वो भी ब्रह्मोस की गूंज के साथ।
