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Jaguar Fighter Jet:: पांच दशक पुराना योद्धा अब और घातक, जानें अपग्रेड के बाद कितनी बढ़ी ताकत

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नई दिल्ली. Jaguar Fighter Jet: भारतीय वायुसेना के बेड़े में ऐसे कई लड़ाकू विमान हैं जो वक्त के साथ पुराने तो जरूर हुए हैं, लेकिन उनकी उपयोगिता और मारक क्षमता लगातार अपग्रेड के साथ बरकरार रखी गई है। इन्हीं में से एक है जगुआर फाइटर जेट, जिसे करीब 50 साल पहले भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। 1970 के दशक में जब इसे ब्रिटेन और फ्रांस के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत विकसित कर भारत लाया गया, तब इसकी गिनती दुनिया के सबसे भरोसेमंद स्ट्राइक एयरक्राफ्ट में होती थी। आज, 2025 में भी यह विमान दुश्मन के ठिकानों पर सटीक वार करने के लिए तैयार खड़ा है — और वह भी पहले से कहीं ज्यादा घातक रूप में।

डीप पेनेट्रेशन स्ट्राइक का महारथी

जगुआर को डीप पेनेट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट कहा जाता है क्योंकि यह दुश्मन की सीमा के भीतर गहराई तक घुसकर बमबारी कर सकता है। आतंकी शिविर, हवाई ठिकाने और दुश्मन के युद्धपोत — ये सब इसके टारगेट दायरे में आते हैं। कारगिल युद्ध में भी इस विमान ने अहम भूमिका निभाई थी, जब कठिन पहाड़ी इलाकों में बमबारी के लिए इसे तैनात किया गया था।

नई पीढ़ी के इंजन से और ताकतवर होगा

अब जगुआर को पावर देने के लिए नया F-125N इंजन लगाया जा रहा है। यह इंजन इसे करीब 43.8 किलो न्यूटन थ्रस्ट देगा, जिससे इसकी रेंज और पेलोड क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा। पुराने इंजन के मुकाबले नया इंजन अधिक ईंधन दक्ष और भरोसेमंद माना जा रहा है।

आखिर क्यों नहीं हो रही रिटायरमेंट?

कई बार सवाल उठता है कि आखिर 50 साल पुराने विमानों को कब तक उड़ाया जाएगा? इसका सीधा जवाब भारतीय वायुसेना ने अपने अपग्रेड प्रोग्राम से दे दिया है। आज भी जगुआर की जरूरत इसलिए है क्योंकि ये कम ऊंचाई पर उड़ते हुए दुश्मन के इलाके में गुपचुप तरीके से घुसकर हमला करने में माहिर है। जब तक तेजस जैसे स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान पूरी संख्या में तैयार नहीं हो जाते या राफेल जैसे एडवांस्ड जेट का स्क्वाड्रन आकार नहीं ले लेता, तब तक जगुआर जैसे भरोसेमंद स्ट्राइक प्लेटफॉर्म पर ही वायुसेना को भरोसा रखना होगा।

115 जगुआर अब भी हैं सक्रिय
Jaguar Fighter Jet Photo AI Genreted
भारतीय वायुसेना ने अब तक करीब 160 जगुआर फाइटर जेट अपनी स्क्वाड्रन में शामिल किए थे। इनमें जगुआर ढ्ढस् (सिंगल-सीटर स्ट्राइक), जगुआर ढ्ढक्च (ट्रेनर वर्जन) और समुद्री अभियानों के लिए जगुआर ढ्ढरू शामिल रहे हैं। फिलहाल लगभग 115 जगुआर विमान सक्रिय ड्यूटी में हैं, जो गहराई में दुश्मन के इलाकों में घुसकर स्ट्राइक करने में माहिर हैं। इन विमानों की तैनाती अंबाला, जामनगर और गोरखपुर जैसे अहम एयरबेस पर की गई है। भारतीय वायुसेना में छह जगुआर स्क्वाड्रन हैं और हर स्क्वाड्रन में औसतन 20 विमान रहते हैं।
2035 तक स्काई में दहाड़
Jaguar Fighter Jet Photo AI Genreted
विशेषज्ञों के मुताबिक जगुआर फाइटर जेट को साल 2035 तक सक्रिय सेवा में रखने की योजना है। इसके लिए भारतीय वायुसेना ने इसे तकनीकी तौर पर अपग्रेड करने की बड़ी योजना तैयार की। इसके तहत इसे आधुनिक एवियॉनिक्स, लेजर गाइडेड बम और एडवांस्ड रडार सिस्टम से लैस किया गया है।
एईएसए रडार और घातक बमों से अपग्रेड
Jaguar Fighter Jet Photo AI Genreted
नए अवतार में जगुआर फाइटर जेट को इजऱाइली EL/M -2052 AESA रडार दिया गया है। यह रडार मौजूदा जेट को मल्टी टारगेट ट्रैकिंग और लंबी दूरी तक दुश्मन के ठिकानों की पहचान की क्षमता देता है। साथ ही इसमें लेजर गाइडेड बम, टेक्सट्रॉन CBU-105 सेंसर फ्यूज्ड हथियार जैसे घातक हथियार लगाए गए हैं। CBU-105 बमों की खासियत यह है कि इन्हें एक बार दुश्मन इलाके में गिराने के बाद ये खुद ही लक्ष्य की पहचान कर लेते हैं और कई छोटे-छोटे सबम्यूनिशन छोड़ते हैं, जो बख्तरबंद वाहनों और रनवे को नष्ट करने में बेहद कारगर हैं।
सटीक बमबारी में और ज्यादा दक्ष
Jaguar Fighter Jet Photo AI Genreted5
अपग्रेडेड जगुआर अब एक साथ 4 से 6 सेंसर फ्यूज्ड बम दाग सकता है। यानी अब जगुआर के एक ही sortie (उड़ान मिशन) में दुश्मन के कई अहम ठिकानों को एकसाथ नेस्तनाबूद किया जा सकता है। इसमें नई एवियॉनिक सिस्टम और सटीक नेविगेशन उपकरण लगे हैं, जिससे निशाना चूकने की संभावना न्यूनतम हो गई है।

 

पुराना ही सही, लेकिन अपग्रेडेड जगुआर फाइटर जेट भारतीय वायुसेना की रीढ़ है। आधुनिक हथियार, एडवांस्ड रडार, घातक बम और नई टेक्नोलॉजी के साथ यह विमान आने वाले दस वर्षों तक दुश्मनों के लिए खौफ बना रहेगा। भारतीय वायुसेना के बेड़े में इसका होना यह दिखाता है कि सही रखरखाव और समय पर अपग्रेड किसी भी युद्धक मशीन की उम्र बढ़ा सकता है और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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