
जोधपुर. Jodhpur Discom: राजस्थान के जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Jodhpur Discom) ने बिजली चोरी पर नकेल कसने के लिए सख्त अभियान चला रखा है। अप्रैल 2025 से जून 2025 के बीच सिर्फ तीन महीनों में ही डिस्कॉम ने 580 मामलों में कार्रवाई कर 1.51 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम वसूल की है। यह कार्रवाई सिर्फ उपभोक्ताओं पर ही नहीं रुकी-सतर्कता बैठक में लापरवाह अधिकारियों पर भी गाज गिरी है।
जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक डॉ. भंवरलाल ने हाल ही में सतर्कता अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने साफ कहा कि बिजली चोरी सिर्फ राजस्व का नुकसान नहीं, बल्कि ईमानदार उपभोक्ताओं के साथ अन्याय है। इसलिए लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसी के तहत सिरोही के सहायक अभियंता (सतर्कता) अरुण कुमार बोडाना को निलंबित कर दिया गया, जबकि फलोदी के सहायक अभियंता (सतर्कता) गोपालराम सारण को चार्जशीट थमा दी गई।
गांव से शहर तक शिकंजा
जोधपुर डिस्कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा कार्रवाई जोधपुर ग्रामीण सर्कल में हुई, जहां 142 प्रकरणों में 53.90 लाख रुपये की वसूली की गई। इसके बाद बीकानेर ग्रामीण सर्कल में 133 प्रकरणों से 21.81 लाख और बीकानेर सिटी में 71 प्रकरणों से 22.31 लाख रुपये जमा करवाए गए। पाली, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जालोर, जैसलमेर और चूरू सर्कल में भी बिजली चोरों पर लगाम कसने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की गई।
निर्दोष न फंसे, दोषी न बचे
बैठक में डॉ. भंवरलाल ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि किसी भी शिकायत को हल्के में न लिया जाए। हर जांच निष्पक्ष हो-उपभोक्ता की बात सुनी जाए, उसके दस्तावेज देखे जाएं और ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई हो। प्रबंध निदेशक ने कहा कि यह जरूरी है कि निर्दोष उपभोक्ता को बेवजह न परेशान किया जाए, लेकिन जो वास्तव में बिजली चोरी कर रहे हैं, उन्हें किसी कीमत पर न बख्शा जाए।
जनता से भी की गई अपील
डिस्कॉम ने आम उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि बिजली चोरी की सूचना नि:संकोच दें। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में पहचान गुप्त रखी जाएगी ताकि किसी को डर न लगे। इस अभियान का मकसद पारदर्शी और न्यायसंगत बिजली आपूर्ति व्यवस्था कायम करना है।
गुणवत्ता युक्त बिजली, जीरो टॉलरेंस नीति
डॉ. भंवरलाल ने कहा कि जोधपुर डिस्कॉम का लक्ष्य उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त बिजली उपलब्ध कराना है। इसके लिए लाइन लॉस, तकनीकी खामियों और चोरी-तीनों पर सख्ती से लगाम जरूरी है। उन्होंने चेताया कि जो अधिकारी या कर्मचारी इस मुहिम में लापरवाही करेगा, उस पर तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
अगले कदम: और बड़ा अभियान
डिस्कॉम ने साफ किया कि यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले महीनों में छापेमारी और सतर्कता अभियान और बड़े स्तर पर चलेंगे। इसके लिए विशेष टीमें गठित की जा रही हैं, जो रात-दिन छापे मारेंगी। ग्रामीण इलाकों में भी जांच बढ़ाई जाएगी क्योंकि कई जगह अवैध कनेक्शन की शिकायतें ज्यादा आ रही हैं।
राजस्थान में बिजली चोरी लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है। जोधपुर डिस्कॉम का यह सख्त रुख दिखाता है कि अब सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं होगी-जवाबदेही भी तय होगी, चाहे वह उपभोक्ता हो या अधिकारी। इस ऑपरेशन करंट से ईमानदार उपभोक्ताओं में भरोसा बढ़ा है और बिजली चोरी करने वालों में खलबली मची है।
