नई दिल्ली.One Nation One election: भारत में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) प्रस्ताव को लेकर संसद में एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया गया है। यह समिति लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए आवश्यक संविधान संशोधन और विधायी उपायों का मूल्यांकन करेगी। समिति में कुल 31 सदस्य हैं, जिनमें लोकसभा के 21 सदस्य और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल हैं।
यह विधेयक, जिसे केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पेश किया गया था, सरकार का दीर्घकालिक उद्देश्य है। इसके तहत लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनावों को एक साथ आयोजित करने की योजना है, जिससे चुनावी खर्चों में कमी और प्रशासनिक कार्यकुशलता में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
समिति में प्रमुख नेताओं में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, और बीजेपी नेता डॉ. संबित पात्रा का नाम शामिल है। इन नेताओं के अलावा अन्य सदस्य भी विभिन्न राजनीतिक दलों से हैं, जो विधेयक के पक्ष और विपक्ष में विचार करेंगे।
विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है, उनका कहना है कि इससे राज्यों के चुनावी अधिकारों पर प्रभाव पड़ेगा और सत्तारूढ़ पार्टी को अनुचित लाभ मिल सकता है। उनका यह भी कहना है कि यह कदम क्षेत्रीय दलों की स्वायत्तता और आवाज को कमजोर कर सकता है।
JPC में शामिल प्रमुख सदस्य
- पी.पी. चौधरी
- डॉ. सी.एम. रमेश
- अनुराग सिंह ठाकुर
- प्रियंका गांधी वाड्रा
- मनीष तिवारी
- सुप्रिया सुले
- डॉ. संबित पात्रा
- बांसुरी स्वराज
- धर्मेन्द्र यादव
समिति द्वारा इस विधेयक पर विस्तृत चर्चा और रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिससे देशभर में चुनाव प्रणाली में सुधार की दिशा तय हो सके।
