
जयपुर. Mahatma Gandhi English Medium School: राजस्थान सरकार ने राज्य में संचालित महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों को लेकर एक बड़ा और छात्रहित में मुख्य निर्णय लिया है। पहले इन स्कूलों में से उन विद्यालयों को बंद किए जाने की योजना थी जिनमें प्रत्येक कक्षा में दस से कम छात्र नामांकित हैं। यह संख्या छह सौ से आठ सौ स्कूलों के आस-पास मानी जा रही थी। मगर अब शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से निर्णय लिया है कि कोई भी महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल बंद नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, सभी ३७३७ स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रहेगी। राज्य सरकार के इस निर्णय के पीछे शिक्षक संघ रेसटा की निरंतर मांग, छात्र हितों की चिंता और शिक्षा की पहुंच बनाए रखने में भूमिका है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए किए थे शुरू
राजस्थान के प्रत्येक जिले में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालित किए थे। ताकि क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। ये विद्यालय स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों की तरह ही है। ये थीम इसलिए शुरू की गई कि ग्रामीण और शरी क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी निजी स्कूलों जैसा वातावरण मिले। अच्छी शिक्षा पा सकें।
आखिर बंद करने का विचार क्यों आया
राज्य सरकार ने ये विचार उस समय किया जब यह पाया गया कि कई स्कूलों में छात्र संख्या बहुत कम है। विशेष रूप से कई विद्यालयों में प्रत्येक कक्षा में दस से भी कम छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षा मंत्री ने सुझाव दिया था कि इन स्कूलों को फिर से हिंदी माध्यम में परिवर्तित कर दिया जाए, जिससे संसाधनों का समुचित उपयोग हो सके। लेकिन इस प्रस्ताव पर भारी विरोध हुआ, विशेष रूप से शिक्षक संगठनों और ग्रामीण जनता ने जमकर इस निर्णय का विरोध किया था। इसके बाद सरकार को बेकफुट पर आना पड़ा।
अब भी जारी है स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया
शिक्षा सत्र 2025-26 में राज्य के सभी 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पूर्ववत प्रवेश प्रक्रिया जारी रहेगी। शिक्षा निदेशक माध्यमिक आशीष मोदी की ओ से इस आशय के आदेश जारी कर दिए थे। साथ ही , छह मई को जिन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया स्थगित करने का आदेश दिया गया था, उन्हे भी रद्द कर दिया गया है।
15 जून तक कर सकेंगे प्रवेश के लिए आवेदन
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम सकूलों में प्रवेश प्रक्रिया सात मई से शुरू हो चुकी है। ये 15 जून तक जारी रहेगी। इसमें आवेदन शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। इसमें प्रत्येक अभ्यर्थी अधिकतम पांच स्कूलों में आवेदन कर सकेगा। इस प्रक्रिया के तहत १९ जून को प्रवेश दे दिया जाएगा और एक जुलाई से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो जाएगी।
गंभीर समस्या: 17500 पद शिक्षकों के खाली
राजस्थान के 3737 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विद्यार्थियों को शिक्षा तो मिल रही है। लेकिन 17500 शिक्षकों के पद इन स्कूलों में अब भी रिक्त हैं। यही नहीं, पिछली बोर्ड परीक्षाएं भी कई स्कूलों में बिना नियमित शिक्षकों के कराई गई। इससे छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है। जिस पर सरकार की ओर से ध्यान नहंी दिया जा रहा है। इनमें अधिकांश छात्र बिना विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों के ही वार्षिक और बोर्ड परीक्षाएं देने को मजबूर हैं। जाहिर है, जब तक शिक्षकों की नियमित नियुक्ति इन स्कूलों में नहीं की जाती है, तब तक इन स्कूलों में नामांकन भी प्रभावित होने की संभावना है।
शिक्षकों ने की परीक्षा पास, अब पदस्थापन का इंतजार
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग ने पहले से कार्यरत शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए थे। २५ दिसंबर २०२४ को इसको लेकर परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद १३ से १६ जनवरी २०२५ के बीच ४१ जिलों के विकल्प पत्र शिक्षकों से भरवाए गए। लेकिन अब चार माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पदस्थापन आदेश जारी नहीं किया गया है। इससे न सिफ शिक्षक निराश हैं बल्कि छात्रों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है।
स्कूलों में शिक्षकों का करें पदस्थापन
राजस्थान शिक्षक रेसटा के प्रदेशाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद ने बताया कि जिन शिक्षकों ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है, उनका पदस्थापन मई माह में ही कर दिया जाए। ताकि जुलाई से शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र में अधिक से अधिक छात्रों का नामांकन सुनिश्चित किया जा सके।
