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Masterstroke of Modi government: भारत और तालिबान अधिकारियों की बैठक में बड़ा समझौता, पाकिस्तान के लिए चुनौती

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India and Taliban officials
Masterstroke of Modi government: Big agreement in the meeting between India and Taliban officials, challenge for Pakistan
Masterstroke of Modi government: भारत और तालिबान के बीच दुबई में हुई महत्वपूर्ण बैठक ने क्षेत्रीय कूटनीति में एक नई दिशा तय की है। यह पहली बार था जब भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार से सीधे संवाद किया, जो 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद सत्ता में आई थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब मुत्ताकी के बीच इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें मानवता सहायता, चाबहार पोर्ट के माध्यम से व्यापार बढ़ाना, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शरणार्थी पुनर्वास शामिल थे। इसके साथ ही, दोनों देशों ने क्रिकेट के क्षेत्र में सहयोग और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर भी सहमति जताई। भारत का यह रणनीतिक कदम अफगानिस्तान में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है, जिससे पाकिस्तान में चिंता का माहौल बन सकता है।
दुबई में भारत-तालिबान बैठक
यह बैठक बुधवार को दुबई में हुई, और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैस्वल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बैठक की तस्वीरें साझा की। तस्वीरों में दोनों पक्षों के अधिकारी वार्ता में हिस्सा लेते हुए नजर आए। विदेश मंत्रालय ने इसे अफगानिस्तान की मानवीय आवश्यकताओं, द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय सुरक्षा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। भारत ने अफगान जनता को मानवीय और विकासात्मक सहायता प्रदान करने के अपने संकल्प को फिर से दोहराया, जबकि दोनों पक्षों ने चाबहार पोर्ट के माध्यम से व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।

चाबहार पोर्ट और क्रिकेट में सहयोग
बैठक में दोनों पक्षों ने क्रिकेट, जो अफगान युवाओं के बीच एक लोकप्रिय खेल है, में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई। इसके अलावा, चाबहार पोर्ट के माध्यम से व्यापार, वाणिज्य और मानवीय सहायता को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई। हालांकि, अफगानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंताएँ बनी रहीं। भारत ने तालिबान के महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना की है, और इन मुद्दों को इस वार्ता के दौरान भी उठाया गया।
भारत की विकासात्मक सहायता की प्रतिबद्धता
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत और अफगानिस्तान के बीच ऐतिहासिक दोस्ती और दोनों देशों के बीच मजबूत जनसंपर्क को रेखांकित किया। उन्होंने अफगानिस्तान के तत्काल विकासात्मक आवश्यकताओं के जवाब में भारत की तत्परता को स्पष्ट किया। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारतीय नेतृत्व को अफगान लोगों के लिए निरंतर सहयोग और समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। भारत ने यह भी आश्वासन दिया कि वह अफगानिस्तान में आगामी विकासात्मक परियोजनाओं में सक्रिय रूप से भाग लेगा।
पाकिस्तान के लिए नई चुनौती
यह बैठक पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन सकती है, खासकर जब भारत ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के वायु हमलों की आलोचना की थी, जिनमें कई निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान और तालिबान के बीच संबंध अब तनावपूर्ण होते जा रहे हैं, पाकिस्तान तालिबान पर आतंकवादी संगठनों को शरण देने का आरोप लगा रहा है। भारत का अफगानिस्तान के साथ सकारात्मक और रचनात्मक सहयोग पाकिस्तान के लिए नई चुनौती उत्पन्न कर रहा है। भारत का अफगानिस्तान के साथ बढ़ता संबंध पाकिस्तान को चिंतित कर सकता है। पाकिस्तान इस बढ़ती साझेदारी को लेकर असहज महसूस कर सकता है, और यह रिश्तों में और तनाव को जन्म दे सकता है।
भारत और अफगानिस्तान का नया सहयोग
भारत का यह कदम क्षेत्रीय कूटनीति और अफगानिस्तान में विकास को लेकर एक नई उम्मीद का संकेत है। अफगानिस्तान के साथ इस सहयोग के जरिए भारत अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, जो न केवल अफगानिस्तान बल्कि समग्र क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देगा।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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