नई दिल्ली. Vijay malya: मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) से जुड़े 180 करोड़ रूपए के लोन डिफॉल्ट मामले में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एसपी नाइक निंबालकर की ओर से 29 जून को माल्या के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया गया था और एक विस्तृत आदेश सोमवार को उपलब्ध कराया था। यह वारंट 2007 और 2012 के बीच IOB से तत्कालीन परिचालन किंगफिशर एयरलाइंस की ओर से लिए ऋणों के कथित हेरफेर के लिए सीबीआई द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के मामले से संबंधित था।
अदालत ने क्या कहा
CBI की दलील और “भगोड़े” के रूप में उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए जारी किए अन्य गैर-जमानती वारंट का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा, यह उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके खिलाफ ओपन-एंडेड एनबीडब्ल्यू जारी करने का एक उपयुक्त मामला है। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने दावा किया है कि बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर ने “जानबूझकर” भुगतान में चूक कर सरकारी बैंक को 180 करोड़ रुपये से अधिक का गलत नुकसान पहुंचाया।
ईडी की ओर से जांच किए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित है। वह वर्तमान में लंदन में है। भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।
क्रेडिट सुविधाएं एक समझौते के तहत दी गई थी
केंद्रीय एजेंसी की ओर से हाल ही में अदालत में मामले में दायर एक आरोप पत्र के अनुसार ये क्रेडिट सुविधाएं एक समझौते के तहत बैंक की ओर से बंद निजी वाहक को जारी की थीं। RBI ने अगस्त 2010 में शिकायतकर्ता बैंक (मामले में) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को संबंधित दिशानिर्देशों में ढील देकर मौजूदा सुविधाओं के पुनर्गठन के लिए किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (केएएल) के प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया था। आईओबी सहित ऋणदाताओं ने मास्टर डेट रीकास्ट एग्रीमेंट (MDRA) के माध्यम से केएएल को मौजूदा क्रेडिट सुविधाओं का पुनर्गठन किया था। समझौते पर केएएल और 18 बैंकों के संघ के बीच हस्ताक्षर किए थे।
क्या कहा सीबीआई ने
सीबीआई ने कहा कि मामले में आरोप झूठे वादों, लिए ऋणों को लेने के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने से संबंधित हैं। आरोपपत्र में दावा किया है कि आरोपी ने बेईमानी से और धोखाधड़ी के इरादे से, “जानबूझकर” उपरोक्त ऋणों के तहत पुनर्भुगतान दायित्वों में चूक की और ऋणों पर डिफ़ॉल्ट के कारण 141.91 करोड़ रुपये का गलत नुकसान किया।
जांच एजेंसी ने लगाए आरोप
जांच एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि ऋण को शेयरों में बदलने पर 38.30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त गलत नुकसान हुआ। आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए सीबीआई अदालत ने मामले में माल्या और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। जांच एजेंसी ने माल्या के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी करने के लिए दबाव डाला और कहा, आरोपी एक भगोड़ा है।
