
नई दिल्ली. Operatiobn Sindoor: भारत की ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन केवल भारतीय वायुसेना का काम नहीं था, बल्कि भारतीय सेना ने भी इसमें बराबरी से भाग लिया। यानी पाकिस्तान को एक नहीं, दो मोर्चों से घेरकर तबाही मचाई गई।
हवा से सतह पर… और सतह से सतह पर बरसी तबाही
सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि भारतीय वायुसेना ने हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया। वहीं, थलसेना ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें दागीं, जो जमीन पर मौजूद आतंकी ढांचों को चीरते हुए गईं। इस संयोजित हमले ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क की जड़ें हिला दीं। जैश, लश्कर और हिजबुल के अड्डे खत्म, 80 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए ऑपरेशन का लक्ष्य था-जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से खत्म करना। रात भर चले इस ऑपरेशन में 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए और 9 बड़े आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया।
बहुआयामी हमला, सीधी चेतावनी
यह दोतरफा हमला सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं था, बल्कि पाकिस्तान को यह सीधी चेतावनी थी कि अब आतंक के समर्थन की कोई कीमत नहीं चुकाई जाएगी। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन का मकसद इस्लामाबाद को यह कड़ा संदेश देना था कि भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को शह देने का अंजाम अब बहुत भारी पड़ेगा।
दुनिया भी आई भारत के साथ
इस ऑपरेशन से पहले ही भारत ने सशक्त कूटनीतिक तैयारी कर ली थी। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस जैसे प्रमुख देशों ने भारत के कदम का समर्थन किया। चीन की प्रतिक्रिया तटस्थ रही, जबकि खाड़ी देशों ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत के साथ खड़े होने के संकेत दिए। तुर्की को छोड़ किसी ने भी पाकिस्तान का खुला समर्थन नहीं किया।
कूटनीतिक मोर्चे पर भी मात
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि मुस्लिम देशों से समर्थन मिलेगा, लेकिन उल्टे वह कूटनीतिक रूप से और अधिक अलग-थलग पड़ गया। भारत की कूटनीति ने दिखा दिया कि अब आतंक पर सॉफ्ट स्टैंड लेने वालों के लिए भी कोई जगह नहीं बची है।
शहबाज शरीफ की बौखलाहट, भारत का ठोस जवाब
हमलों के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कार्रवाई को “युद्ध की खुली घोषणा” करार दिया और नागरिकों के हताहत होने का दावा किया। पाकिस्तान ने बदला लेने की धमकी दी है, लेकिन भारत ने साफ किया है—”हम तनाव नहीं चाहते, लेकिन जवाब देने में हिचकिचाएंगे नहीं।”
