
नई दिल्ली. Operation Sindoor: एलओसी पर कुछ दिनों पहले तक छाए युद्ध जैसे माहौल के बीच भारत ने दुश्मन के गढ़ में घुसकर ऐसा प्रहार किया कि आतंक की जड़ें हिल गईं। 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के पहले ही दिन भारतीय सेना ने आतंक के अड्डों को चुन-चुनकर तबाह कर दिया। इस सटीक सैन्य कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें इन संगठनों के 5 बड़े कमांडर भी शामिल थे। सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि यह ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है।
भारत का टारगेट एक-एक कर साफ! मारे गए 5 बड़े आतंकी आका
मोहम्मद यूसुफ अजहर- मसूद अजहर का साला और आईसी-814 अपहरण का मास्टरमाइंड
इस ऑपरेशन में ढेर किए गए आतंकियों में सबसे खतरनाक नाम था मोहम्मद यूसुफ अजहर। वह न सिर्फ जैश-ए-मोहम्मद का टॉप कमांडर था, बल्कि 1999 के कुख्यात आईसी-814 विमान अपहरण का साजिशकर्ता भी था। मसूद अजहर का नजदीकी और रिश्तेदार होने के कारण यूसुफ जैश का रणनीतिकार था। उसे 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय ट्रेनिंग कैंप का संचालक भी माना गया था। इंटरपोल की रेड नोटिस लिस्ट में नाम होने के बावजूद पाकिस्तान ने उसे खुलेआम संरक्षण दे रखा था।
मुदस्सर खादियान खास उर्फ अबू जुंदाल- लश्कर-ए-तैयबा का संचालनकर्ता
मुरीदके स्थित एलईटी हेडक्वार्टर का जिम्मा देखने वाला मुदस्सर, लश्कर का एक बेहद शक्तिशाली चेहरा था। उसे पाक आर्मी और राजनीति में ऊंचे कनेक्शन हासिल थे। उसके जनाजे में पाक आर्मी चीफ, आईजी और यहां तक कि मुख्यमंत्री मरियम नवाज की ओर से फूल चढ़ाए गए। वह हाफिज सईद के दामाद और अन्य टॉप आतंकियों के साथ मिलकर भारत विरोधी साजिशें रचता था। 26/11 के हमलावरों को भी इसी के कैम्प से ट्रेनिंग मिली थी।

हाफिज मोहम्मद जलील-जेईएम का नीति-निर्माता
मसूद अजहर का साला और जेईएम की शूरा (उच्च निर्णय समिति) का सदस्य, जलील पठानकोट और पुलवामा हमलों की प्लानिंग में अहम भूमिका निभा चुका था। वह बहावलपुर के मुख्य ट्रेनिंग हब ‘मरकज सुभान अल्लाह’ का प्रमुख था। यह ठिकाना पाकिस्तान आर्मी के बड़े ठिकानों के पास स्थित था, जो पाक-आर्मी और आतंकियों की मिलीभगत का सबूत है।
मोहम्मद हसन खान-जेईएम का भविष्य और पीओके ऑपरेशनल चीफ का बेटा
मोहम्मद हसन खान, जैश के पीओके कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। वह कई भारत-विरोधी मिशनों की ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स संभालता था। उसका नेटवर्क भारत के वांटेड आतंकी आशिक नेंगरू और अन्य खतरनाक आतंकियों से जुड़ा था। वह मुजफ्फराबाद में ट्रेनिंग कैंप चलाता था, जहां से आतंकियों को भारत भेजा जाता था।
खालिद उर्फ अबू अकाशा – हथियारों का सौदागर और आतंक का रणनीतिकार
खालिद जम्मू-कश्मीर में कई हमलों का साजिशकर्ता और अफगानिस्तान से हथियार सप्लाई करने वाला लश्कर का एजेंट था। वह लश्कर और जैश की सेंट्रल कमेटियों का हिस्सा था और कई टॉप आतंकियों के साथ मिलकर काम करता था। उसके जनाजे में फैजाबाद के डिप्टी कमिश्नर और पाक आर्मी के अफसर भी शामिल हुए, जो पाकिस्तानी सरकार की भूमिका को उजागर करता है।
ऑपरेशन सिंदूर: सटीक इंटेलिजेंस और तेज़ एक्शन का कमाल
सेना की यह कार्रवाई पाकिस्तान की सीमा में मौजूद आतंकी ठिकानों के खिलाफ पहले से तय लक्ष्यों (टारगेट लॉक) को आधार बनाकर की गई। ऑपरेशन को नाम दिया गया – “सिंदूर”, जो भारत की पवित्रता, आत्मबल और जवाबी कार्रवाई की शक्ति का प्रतीक है। यह ऑपरेशन दिखाता है कि भारत अब केवल सहने वाला देश नहीं, बल्कि जवाब देने में भी सबसे आगे है।
भारत का संदेश साफ है-“आतंक के गढ़ में घुसकर मारेंगे!”
इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने एक बार फिर दुनिया को यह दिखा दिया है कि वह आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस रखता है। सेना की ओर से साफ किया गया है कि यदि पाकिस्तान ने अपने आतंकी नेटवर्क को बंद नहीं किया, तो ऐसे ऑपरेशन भविष्य में भी जारी रहेंगे।
