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“One Nation, One Election” बिल पर विपक्षी हंगामा, प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के नाम पर चर्चा तेज

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Priyanka gandhi
Opposition uproar over “One Nation, One Election” bill, discussion on Congress names including Priyanka Gandhi intensifies
नई दिल्ली. “One Nation, One Election” यानी एक देश, एक चुनाव को लेकर संसद में विपक्षी सांसदों का विरोध बढ़ता जा रहा है। इस बीच खबर है कि कांग्रेस पार्टी इस विधेयक पर चर्चा करने के लिए गठित होने वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में अपनी ओर से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत चार सांसदों को भेज सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के नेता प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत और रणदीप सुरजेवाला के नाम JPC के लिए प्रस्तावित किए जा सकते हैं।
कानून मंत्री ने पेश किया “एक देश, एक चुनाव” विधेयक
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने “संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024” और “संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024” को लोकसभा में पेश किया, जिसके तहत प्रस्तावित किया गया कि भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं। इस विधेयक पर विपक्षी दलों ने तीव्र विरोध दर्ज कराया, जबकि सदन में इस पर मतदान हुआ। विधेयक के पक्ष में 263 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 198 वोट पड़े। इसके बाद, मेघवाल ने “संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024” को भी पेश किया, जिसे ध्वनिमत से सहमति मिली।
प्रियंका गांधी का आरोप – “संविधान विरोधी”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस विधेयक को “संविधान विरोधी” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है और इसे हम कड़ी निंदा करते हैं। उनका कहना था, “हम इस विधेयक का विरोध करते हैं क्योंकि यह हमारे संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ है।” इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने विधेयक को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए सरकार से माफी की मांग की।
टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों का विरोध
ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी इस विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के लिए लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी और राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले के नाम प्रस्तावित किए हैं। विपक्षी दलों जैसे कांग्रेस, DMK, TMC, समाजवादी पार्टी, एनसीपी, शिवसेना-यूबीटी और AIMIM ने इस विधेयक का विरोध किया। उनका कहना था कि इससे राज्यों की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान
विधेयक पर तीखी बहस के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में स्पष्ट किया कि इस विधेयक से राज्यों की शक्तियों में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट से यह निर्णय लिया है कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भेजा जाएगा, जहां इसकी विस्तृत चर्चा की जाएगी।”
राजनीतिक दलों का समर्थन और विरोध
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने इस विधेयक पर कुछ महीने पहले राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किया था। 32 राजनीतिक दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया। मतदान में विधेयक के पक्ष में 263 और विरोध में 198 वोट पड़े, जिससे साफ हो गया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को इस विधेयक के समर्थन में बड़ी संख्या में सांसदों का समर्थन हासिल है।
अब क्या होगा?
अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद, क्या यह विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में पास हो पाएगा? क्या विपक्षी दलों का विरोध सरकार के इस प्रयास को विफल कर पाएगा, या फिर भाजपा इसे सफलतापूर्वक पारित कराने में कामयाब होगी? समय ही बताएगा, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल तेज है और आगामी चुनावों में यह बड़ा राजनीतिक विषय बन सकता है।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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