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Pahalgam Terror Attack: अमेरिकी सैटेलाइट डाटा तक पहुंच रखने वाली पाकिस्तानी कंपनी ने पहलगाम की तस्वीरें मंगवाईं? सामने आया बड़ा खुलासा

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pahalgam Terror Attack
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नई दिल्ली. Pahalgam Terror Attack: एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिका की सैटेलाइट इमेजरी तक अवैध पहुंच रखने वाली एक पाकिस्तानी कंपनी ने भारत के संवेदनशील क्षेत्र कश्मीर में स्थित पहलगाम की तस्वीरें मंगवाई थीं- वो भी उस आतंकी हमले से ठीक पहले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। मामले की जड़ एक पाकिस्तानी जियोस्पेशियल टेक्नोलॉजी कंपनी ‘बिजनेस सिस्टम इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड’ तक जाती है, जिसका संचालन पाक-अमेरिकी नागरिक ओबैदुल्ला सैयद कर रहा था। इस कंपनी ने अमेरिका के कोलोराडो में स्थित एक सैटेलाइट इमेजिंग कंपनी से गुपचुप तरीके से हाई-रेज़ोल्यूशन उपग्रह चित्र हासिल किए और उन्हें पाकिस्तानी सरकार की रक्षा और परमाणु एजेंसियों को सौंप दिया।

परमाणु एजेंसियों से गुप्त संबंध

अमेरिकी एजेंसी होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन ने 2020 में इस गतिविधि का पर्दाफाश किया। जांच में पाया गया कि सैयद की कंपनी के संपर्क पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन और नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स से थे-जो पाकिस्तान के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम की रीढ़ मानी जाती हैं। इन एजेंसियों को अमेरिकी नियमों के तहत “संवेदनशील और प्रतिबंधित संस्थाओं” की सूची में रखा गया है, जिनके साथ तकनीकी और डेटा शेयरिंग पर सख्त रोक है।

अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन, फिर जेल

सैयद पर आरोप साबित होने के बाद उसे 2022 में अमेरिकी निर्यात कानूनों के उल्लंघन के तहत सजा सुनाई गई और जेल भेज दिया गया। उसने जानबूझकर ऐसे संवेदनशील डेटा पाकिस्तानी रक्षा संस्थाओं को पहुंचाए जो अमेरिकी सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकते थे।

2023 में फिर से एक्टिव और पहलगाम की दिलचस्पी

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जेल की सजा के बाद भी 2023 में क्चस्ढ्ढ फिर से सक्रिय हो गई और उसे अमेरिका की प्रमुख सैटेलाइट कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज का आधिकारिक पार्टनर बना दिया गया। इसी दौरान बीएसआई के पोर्टल से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र की उपग्रह तस्वीरों में असामान्य रुचि दिखाई गई। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 नागरिक मारे गए। जांचकर्ताओं को आशंका है कि इन सैटेलाइट इमेजेस का उपयोग हमले से पहले क्षेत्र की रेकी (निगरानी) के लिए किया गया होगा।

संदेह गहराया, मैक्सार ने रिश्ता तोड़ा

जैसे ही अमेरिकी अधिकारियों को इन गतिविधियों की भनक लगी, मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने बीएसआई को अपने आधिकारिक पार्टनर पेज से हटा दिया और यह दावा किया कि बीएसआई ने पहलगाम की तस्वीरों का कोई ऑर्डर नहीं दिया था। हालांकि, इसके उलट जांच रिपोर्ट में कई सबूत मिले हैं जिनसे साफ होता है कि सैयद और पाकिस्तानी रक्षा संस्थाओं के बीच वर्षों से गुप्त ईमेल आदान-प्रदान, चेक ट्रांसफर और वित्तीय लेन-देन चल रहा था। कुछ दस्तावेजों में पीएईसी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भेजे गए ईमेल और एनडीसी की ओर से बीएसआई पाकिस्तान को जारी किए गए चेक भी शामिल हैं।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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