Pakistan and China: भारतीय सेना को आखिरकार दिसंबर 2024 में बोइंग द्वारा निर्मित दुनिया के सबसे उन्नत मल्टी-मिशन अटैक हेलीकॉप्टर AH-64E अपाचे की पहली खेप मिलने जा रही है। यह भारतीय सेना की वायु-युद्ध क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम है, हालांकि इस डिलीवरी में पहले वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला समस्याओं के कारण कुछ देरी हुई थी। पहले फरवरी 2024 में डिलीवरी का अनुमान था, लेकिन जरूरी कंपोनेंट्स में देरी के कारण इसे दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया था।
मूल स्थान पर तैनात होंगे अपाचे हेलीकॉप्टर
भारतीय सेना इन अपाचे हेलीकॉप्टरों को पश्चिमी सीमा पर स्थित रेगिस्तानी क्षेत्रों में तैनात करने की योजना बना रही है, ताकि इन चुनौतीपूर्ण इलाकों में दुश्मन के खिलाफ बेहतर मुकाबला किया जा सके। अपाचे हेलीकॉप्टर अपनी अत्याधुनिक तकनीकों और खुले इलाकों में संचालन करने की क्षमता के लिए मशहूर हैं। यह हेलीकॉप्टर जमीनी सैनिकों को करीबी हवाई समर्थन प्रदान करने, दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने और निगरानी मिशन को अंजाम देने में सक्षम होंगे।
आईएएफ पहले से कर रहा अपाचे का संचालन
भारतीय वायुसेना पहले से 22 AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों का संचालन कर रही है, जो 2019 और 2020 के बीच इंडक्ट किए गए थे। अब भारतीय सेना ने 2020 में एक अनुबंध के तहत छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद की है, जिससे सेना के हवाई संचालन में नई ताकत मिलेगी। इससे सेना और वायुसेना के बीच बेहतर समन्वय और संयुक्त संचालन क्षमता भी सुदृढ़ होगी।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियां और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता
डिलीवरी में देरी यह दर्शाती है कि वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं को बड़े पैमाने पर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो महामारी और भू-राजनीतिक तनावों से प्रभावित हैं। यही कारण है कि भारत को अपनी रक्षा निर्माण क्षमता को स्वावलंबी बनाने की आवश्यकता है। इस दिशा में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। बोइंग का टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) के साथ हैदराबाद में अपाचे हेलीकॉप्टर के फ्यूसेलेज के निर्माण के लिए साझेदारी भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर के बारे में
बोइंग AH-64 अपाचे एक अत्याधुनिक अमेरिकी अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसे टर्बो-शाफ्ट इंजन और दो क्रू मेंबर के लिए टैंडम कॉकपिट के साथ डिजाइन किया गया है। यह हेलीकॉप्टर अपनी नाइट विजन और टारगेट डिटेक्शन के लिए अत्याधुनिक सेंसर से लैस है। इसमें 30 मिमी M230 चेन गन और AGM-114 हेलफायर मिसाइल जैसे खतरनाक हथियारों को ले जाने की क्षमता है। यह हेलीकॉप्टर सुरक्षा, सामरिक क्षमता और बेहतर निर्णय लेने के लिए डिजिटल कम्युनिकेशन और उन्नत प्रणालियों से सुसज्जित है।
विशाल वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अपाचे की ताकत
बोइंग के अनुसार, AH-64E अपाचे दुनिया का सबसे उन्नत मल्टी-मिशन अटैक हेलीकॉप्टर है, जो विविध प्रकार के ऑपरेशनों के लिए सक्षम है। 1984 में अमेरिकी सेना को पहला AH-64A अपाचे हेलीकॉप्टर दिया गया था और अब तक 2,700 से अधिक अपाचे हेलीकॉप्टर विभिन्न देशों को सौंपे जा चुके हैं। इस हेलीकॉप्टर ने पांच मिलियन से अधिक घंटे उड़ान भरते हुए 1.3 मिलियन घंटे युद्ध क्षेत्र में बिताए हैं।
AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर
- 1. परिचय: बोइंग AH-64 अपाचे एक अत्याधुनिक और शक्तिशाली अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसे मुख्य रूप से युद्धक्षेत्र में दुश्मन के ठिकानों पर हमले करने, जमीन पर तैनात सैनिकों को समर्थन देने, और निगरानी (reconnaissance) के लिए डिजाइन किया गया है। AH-64E अपाचे, AH-64 के नए और उन्नत संस्करण के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसे दुनिया के सबसे उन्नत मल्टी-मिशन अटैक हेलीकॉप्टर के रूप में माना जाता है। इसका उपयोग विभिन्न देशों की सेनाएं करती हैं, और यह विशेष रूप से भारत सहित कई देशों के रक्षा बेड़े में शामिल है।
- 2. AH-64E का विकास: AH-64E, AH-64D अपाचे लॉन्गबो के उन्नत संस्करण के रूप में विकसित किया गया था। इसे 2000 के दशक के अंत में अमेरिकी सेना के लिए बोइंग द्वारा विकसित किया गया और 2011 में पहली बार इसका संचालन शुरू हुआ। AH-64E का उद्देश्य अधिक सटीकता, बेहतर सेंसर और इंटीग्रेटेड कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ एक मजबूत और विश्वसनीय हमला करना था।
इंजन और शक्ति
कॉकपिट
सेंसर और निगरानी प्रणाली
हथियार प्रणाली
विभिन्न मिशन प्रकार:
- अटैक मिशन: दुश्मन के सैनिकों, टैंक और बंकरों पर सटीक हमले करना।
- निगरानी और रिकॉन मिशन: दुश्मन की स्थिति का पता लगाना और जमीनी सेना को सटीक जानकारी देना।
- क्लोज एयर सपोर्ट: जमीनी सैनिकों को हवाई समर्थन प्रदान करना, ताकि वे दुश्मन के आक्रमणों से सुरक्षित रह सकें।
- नाइट ऑपरेशन्स: रात के समय या कम दृश्यता वाली परिस्थितियों में दुश्मन पर हमला करना।
कम्युनिकेशन और नेटवर्किंग:
- AH-64E में उन्नत डिजिटल संचार प्रणाली है, जो पायलटों को दूसरे हेलीकॉप्टरों, ग्राउंड फोर्सेज और एयरबॉर्न प्लेटफार्मों के साथ नेटवर्क आधारित संचालन करने में सक्षम बनाती है। यह हेलीकॉप्टर एक “स्व-संवेदन” क्षमता से लैस है, जो उसे अपने आस-पास के वातावरण को सटीक रूप से समझने और जवाब देने में मदद करता है।
सुरक्षात्मक प्रणाली: AH-64E हेलीकॉप्टर की डिज़ाइन में कई सुरक्षा विशेषताएँ शामिल हैं, जैसे:
- सुरक्षा उपायों को मजबूत करना: इसमें रेडंडेंट सिस्टम होते हैं, ताकि अगर एक सिस्टम में कोई समस्या आए, तो अन्य सिस्टम काम करना जारी रखें।
- स्ट्राइक से बचाव: हेलीकॉप्टर में “कम रेडियो और थर्मल हस्ताक्षर” की क्षमता है, जिससे यह दुश्मन की निगरानी से बच सकता है।
- विभिन्न सिस्टम फेल्योर से बचने के लिए मजबूती: इसकी संरचना और प्रणालियाँ ऐसे तरीके से डिज़ाइन की गई हैं, जिससे यह युद्धक्षेत्र में गंभीर चोटों के बावजूद उड़ान जारी रख सके।
- 5. भारतीय सेना में AH-64E अपाचे: भारत ने 2020 में 6 AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के लिए खरीदे थे। इन हेलीकॉप्टरों को पश्चिमी सीमा पर स्थित रेगिस्तानी इलाकों में तैनात किया जाएगा। भारतीय वायुसेना पहले ही AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों का संचालन कर रही है, और अब सेना को भी यह आधुनिक हेलीकॉप्टर मिलने से, दोनों सेनाओं के बीच समन्वय और संयुक्त संचालन क्षमता को और मजबूती मिलेगी।
सामरिक महत्व:
- स्ट्रैटेजिक भूमिका: AH-64E अपाचे का भारत के लिए सामरिक महत्व बहुत अधिक है। यह विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन जैसी प्रतिद्वंद्वी ताकतों के खिलाफ भारत की वायु-युद्ध क्षमता को मजबूत करेगा। इसकी उच्च गति, सटीकता और शक्तिशाली हथियार प्रणालियाँ भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़त साबित होंगी।
- हवाई रक्षा क्षमता: यह हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को जमीनी लड़ाई में दुश्मन के ठिकानों पर अचूक हमला करने और महत्वपूर्ण सामरिक लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता प्रदान करेगा।
