
नई दिल्ली. Rahul Met the Porters: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार सुबह फिर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का दौरा किया, जहां उन्होंने एक बार फिर कुलियों से मुलाकात की और उनके साथ समय बिताया। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ के दौरान स्टेशन पर मची भगदड़ के बारे में कुलियों से बातचीत की। राहुल गांधी कुछ दिन पहले भी स्टेशन पर आकर कुलियों से मिले थे, और उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की थी। लेकिन आज उन्होंने एक बार फिर उन्हें समझने और उनके हालात का जायज़ा लेने के लिए इस दौरे को प्राथमिकता दी।
राहुल गांधी ने कहा, “जब मैंने कुलियों से बातचीत की, तो उन्होंने मुझे बताया कि भगदड़ वाले दिन, जब हर कोई घबराया हुआ था, तो कुलियों ने मिलकर कितनी मुश्किलों के बावजूद यात्रियों की जान बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश की। वे अपनी शारीरिक शक्ति, रेहड़ी का इस्तेमाल, और यहां तक कि अपनी जेब से भी पैसे खर्च करके घायलों को अस्पताल पहुंचाने, मृतकों के शवों को बाहर निकालने और हर तरह से लोगों की मदद करने में जुटे थे।” यह सुनकर राहुल गांधी ने उन कुलियों की बहादुरी और उनके मानवता के प्रति योगदान की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “यहां के कुलियों ने 15 फरवरी को हुई भगदड़ के दौरान एक तरह से अपनी जान जोखिम में डालकर कई लोगों की जान बचाई और राहत कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लिया।”
राहुल गांधी ने इन मेहनतकश कुलियों की मेहनत और संवेदनशीलता को देखकर कहा, “मैं इन भाइयों की संवेदनाओं से गहरे प्रभावित हुआ हूं। वे रोज़ाना की दिहाड़ी पर निर्भर रहते हुए भी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, लेकिन उनका हौसला और मानवता की भावना बहुत प्रेरणादायक है। उनका संघर्ष और जज़्बा हमें बहुत कुछ सिखाता है।” राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कुलियों ने अपनी समस्याओं और ज़रूरतों के बारे में उनसे बातचीत की और उनकी मदद करने की अपील की। उन्होंने यह वादा किया कि वह हर संभव प्रयास करेंगे ताकि इन मेहनतकश कामकाजी लोगों की मदद की जा सके और उनके अधिकारों की रक्षा हो सके।
राहुल गांधी का यह दौरा एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश थी कि एक नेता का कर्तव्य सिर्फ राजनीतिक विचारधाराओं तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह समाज के हर वर्ग के साथ खड़ा रहकर उनकी समस्याओं को समझे और उनका समाधान निकाले। यह मुलाकात केवल एक राजनीतिक घटना नहीं थी, बल्कि एक मानवता के प्रति गहरी संवेदना और समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सच्ची समझ का प्रतीक थी।
