
नई दिल्ली.Railway News: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में हुई कुछ घटनाओं, जिनमें ट्रेनों के पटरी से उतरने की कोशिशें भी शामिल हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय ने सभी ट्रेनों में कई कैमरे लगाने का निर्णय लिया है।
क्यों लगाए जा रहे हैं कैमरे?
पटरी से उतरने की घटनाओं में कमी: कैमरे पटरियों और आसपास के क्षेत्र पर लगातार नजर रखेंगे, जिससे पटरी से उतरने की कोशिशों को समय रहते पकड़ा जा सकेगा।
यात्रियों की सुरक्षा: कैमरे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेंगे, क्योंकि इससे अपराधों पर नजर रखना आसान हो जाएगा।
रेलवे संपत्ति की सुरक्षा: कैमरे रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा में भी मदद करेंगे, क्योंकि इससे चोरी और अन्य अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी।
कहां-कहां लगेंगे कैमरे?
कैमरे इंजन, गार्ड कोच, कैटल गार्ड और बोगियों पर लगाए जाएंगे। इन कैमरों से प्राप्त होने वाले फुटेज को एक केंद्रीय डेटा सेंटर में संग्रहित किया जाएगा।
कब तक पूरा होगा यह काम?
कैमरे लगाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी और अगले तीन महीनों के भीतर सभी ट्रेनों में कैमरे लगा दिए जाएंगे।
कैमरे कैसे करेंगे काम?
संदिग्ध वस्तुओं का पता: कैमरे पटरियों पर मौजूद संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाने में सक्षम होंगे।
आपातकालीन ब्रेक: संदिग्ध गतिविधि देखने पर कैमरे ड्राइवर को तुरंत सूचित करेंगे, जिससे वह आपातकालीन ब्रेक लगा सके।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता: कुछ कैमरों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जाएगा, जिससे वे और अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगे।
इस प्रोजेक्ट इतना होगा खर्च
रेलवे इस प्रोजेक्ट पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है। ये कैमरे पटरियों पर संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाएंगे और ड्राइवरों को आपातकालीन ब्रेक लगाने के लिए सचेत करेंगे। भारतीय रेलवे 40,000 कोचों, 14,000 इंजनों और 6,000 ईएमयू को एआई संचालित सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की योजना बना रहा है।
इसलिए महत्वपूर्ण है ये प्रोजेक्ट
यह प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा में काफी सुधार होगा। यह प्रोजेक्ट रेलवे को एक सुरक्षित और भरोसेमंद परिवहन माध्यम बनाने की दिशा में एक कदम है।
