
जयपुर. Rajasthan Big News: राजस्थान की राजनीति में एक अहम बदलाव हुआ है, जिसमें राज्य सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में बड़ा कदम उठाया है। राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने बुधवार को चार विधेयकों को मंजूरी दे दी, जिससे राजस्थान के नागरिकों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे। इन नए कानूनों के तहत लोकतंत्र सेनानियों को 20 हजार रुपये मासिक पेंशन के साथ कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। आइए जानते हैं, इन नए कानूनों से राज्यवासियों को क्या फायदे होंगे।
1. राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2024: लोकतंत्र सेनानियों को मिलेगा सम्मान
राजस्थान सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की कड़ी मेहनत और संघर्ष को मान्यता देने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब, राजस्थान में लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह 20,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें 4,000 रुपये का मेडिकल भत्ता और रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा भी मिलेगी। यह न सिर्फ लोकतंत्र सेनानियों के लिए, बल्कि उनके आश्रितों के लिए भी एक बड़ी राहत होगी।
राज्य सरकार ने इस विधेयक के तहत यह भी प्रावधान किया है कि सेनानी की मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी को यह सारी सुविधाएं आजीवन मिलती रहेंगी। इसके साथ ही, लोकतंत्र सेनानियों को राष्ट्रीय पर्वों पर राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। यह सुविधा उन 1,140 लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिवारों को मिलेगी, जो राजस्थान में रहते हैं।
2. राजस्थान विश्वविद्यालय विधियां संशोधन विधेयक 2025: अब कुलपति होंगे ‘कुलगुरु’
राजस्थान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। अब से राज्य के 33 सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपति को ‘कुलगुरु’ के नाम से जाना जाएगा। यह कदम राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों में सम्मान और गरिमा को बढ़ाने के लिए उठाया है। इसके साथ ही, प्रति-कुलपति को ‘प्रति-कुलगुरु’ का सम्मान मिलेगा। इस विधेयक का उद्देश्य विश्वविद्यालयों में सांस्कृतिक और शैक्षिक सुधारों को बढ़ावा देना है, जिससे छात्रों और शैक्षिक संस्थानों को लाभ पहुंचे।
3. राजस्थान विधियां निरसन अधिनियम 2025: पुरानी और अप्रचलित कानूनों का सफाया
राजस्थान में कई पुराने और अप्रचलित कानून अब खत्म कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने 45 ऐसे कानूनों को निरस्त कर दिया है, जिनकी अब कोई उपयोगिता नहीं थी। इनमें मुख्य रूप से पंचायतीराज विभाग से संबंधित कानून शामिल हैं। इस कदम से राज्य सरकार के कामकाज में सरलता आएगी और प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
4. राजस्थान विधियां संशोधन अधिनियम 2025: प्राधिकरणों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की आवश्यकता नहीं
राजस्थान सरकार ने एक और अहम बदलाव करते हुए यह निर्णय लिया है कि अब राज्य के प्रमुख नगर सुधार न्यासी और विकास प्राधिकरणों में न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं होगी। खासतौर पर जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर विकास प्राधिकरणों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की आवश्यकता खत्म कर दी गई है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेशों के बाद उठाया गया है। इससे प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, और राजस्थान सरकार अब एक समान सेवा-शर्तें निर्धारित कर सकेगी।
