जयपुर. Rajasthan illegal sand mining case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI ) जयपुर शाखा ने शनिवार को सात जिलों में खनन मामलों से जुड़े अलग-अलग स्थानों पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान सीबीआई ने दस्तावेज, नकदी और कुछ हथियार जब्त किए हैं। जिन स्थानों पर छापे मारे गए, उनमें राज्य के एक प्रमुख रेत व्यापारी का कार्यालय और आवास भी शामिल हैं। सीबीआई टीम ने भरतपुर, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, बूंदी, भीलवाड़ा और नागौर में 10 स्थानों पर छापे मारे। छापेमारी के दौरान इन स्थानों पर मिले दस्तावेज भी जब्त किए हैं। जब्त दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इसके साथ ही टीम ने भीलवाड़ा में 20 लाख रुपए भी जब्त किए गए हैं। इधर, जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के धांधोली मोड़ स्थित बजरी रॉयल्टी नाके पर शनिवार को सीबीआई टीम संभावित बजरी खनन एवं परिवहन मामले को लेकर नाके में घंटों तक दस्तावेज खंगालने के साथ जांच में जुटी रही। बजरी कारोबारी मेघराज सिंह शेखावत ने एक बयान जारी करके कहा कि मेरे किसी ठिकानों पर सीबीआई ने दबिश नहीं दी है।
भीलवाड़ा में संजय गर्ग के कार्यालय पर छापा
जोधपुर की सीबीआई की टीम ने अवैध बजरी खनन के मामले में शनिवार को भीलवाड़ा के रमा विहार में बजरी लीज धारक संजय गर्ग के कार्यालय पर छापा मारा। खनिज विभाग ने संजय गर्ग के नाम पर दो बजरी की लीज जारी की थी। एक भीलवाड़ा तहसील के हमीरगढ़, कान्याखेड़ी, मंगरोप तथा दूसरी मांडलगढ़ क्षेत्र। भीलवाड़ा की लीज 4 दिसंबर 2023 को समाप्त हो गई थी, लेकिन 6 माह के लिए स्टॉक समाप्त करने के लिए विभाग ने टीपी दे रखी थी। इसके चलते बनास नदी से बजरी का दोहन किया जा रहा था। जबकि मांडलगढ़ क्षेत्र की लीज 2023 में ही समाप्त हो गई थी।
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिए थे निर्देश
अदालत ने सीबीआई को चंबल और बनास नदियों के आस-पास के इलाकों में इसी तरह के माफिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करने के लिए कहा है, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने एक नया मामला दर्ज किया है। अवैध बजरी खनन के संबंध में दर्ज एफआईआर की जांच के तहत छापेमारी की गई है।
न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई
बूंदी पुलिस ने 29 सितंबर 2023 को 10 डंपर अवैध बजरी के पकड़े थे। इनमें एक डंपर अवैध बजरी का जहाजपुर का था। इस मामले में सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया। न्यायालय ने जहाजपुर के डंपर चालक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मामला राजस्थान उच्च न्यायालय में पहुंचा। न्यायालय ने सरकार व पुलिस को इस मामले की गंभीरता से जांच करने के आदेश दिए। सरकार के गंभीरता से नहीं लेने पर न्यायालय ने इसकी जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए।
