
जयपुर. Rajasthan Khadi Fest: राजस्थान में आयोजित खादी फेस्ट का उद्घाटन जयपुर सांसद मंजू शर्मा और खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने मंगलवार को किया। यह राज्य स्तरीय प्रदर्शनी 20 जनवरी से 3 फरवरी तक बजाज नगर, जयपुर में आयोजित हो रही है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना और ‘वोकल फॉर लोकल’ मुहिम के प्रति जागरूकता फैलाना है।
खादी के बाजार में ऐतिहासिक वृद्धि
उद्घाटन समारोह में जयपुर सांसद मंजू शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन, खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन’ के मंत्र ने खादी को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक पहचान दिलाई है। उन्होंने बताया कि खादी और ग्रामोद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है और इसने विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाया है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी आंदोलन को नई दिशा मिली है। खादी का बाजार अब 30 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।” उन्होंने यह भी बताया कि खादी और ग्रामोद्योग के माध्यम से लगभग 85 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। वर्तमान में 165 संस्थाओं के माध्यम से 25,000 से अधिक बुनकरों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है।
खादी फेस्ट: एक नई दिशा में प्रदर्शनी
खादी फेस्ट में कुल 134 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 80 स्टॉल खादी उत्पादों के लिए और 54 स्टॉल ग्रामोद्योग से संबंधित उत्पादों के लिए हैं। प्रदर्शनी में खादी की कताई बुनाई, हैंडमेड पेपर, मोमबत्ती उद्योग और अन्य ग्रामीण हस्तशिल्प उद्योगों को प्रदर्शित किया जा रहा है। सांसद मंजू शर्मा और मनोज कुमार ने प्रदर्शनी में विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन किया और खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े विभिन्न उद्योगों के बारे में जानकारी ली।
खादी का सामाजिक और आर्थिक महत्व
खादी न केवल एक पारंपरिक कपड़ा है, बल्कि यह भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में गहरे तरीके से जुड़ा हुआ है। यह ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन का अहम हिस्सा बन चुका है। खादी उत्पादों ने लाखों ग्रामीण महिलाओं को रोजगार दिया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और वे आत्मनिर्भर बनी हैं। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के आंकड़ों के अनुसार, खादी उत्पादों के उत्पादन में तेजी आई है और इसके निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह न केवल स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिर रोजगार के अवसर भी पैदा करता है।
खादी फेस्ट: एक विशेष अवसर
राज्य स्तरीय इस प्रदर्शनी का आयोजन खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा किया गया है, जो कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से जहां एक ओर खादी के उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण हस्तशिल्प और उद्योगों को भी समर्पित मंच मिलेगा।
खादी से जुड़े कुछ अहम आंकड़े
- खादी का बाजार अब 1.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
- लगभग 85 लाख लोग खादी और ग्रामोद्योग के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
- 165 संस्थाओं के माध्यम से 25,000 से अधिक बुनकरों को रोजगार मिल रहा है।
- खादी उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।
यह प्रदर्शनी न केवल खादी के पारंपरिक महत्व को उजागर करती है, बल्कि इसे फैशन और सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करती है। प्रदर्शनी 3 फरवरी तक चलेगी, और यह स्वदेशी उत्पादों के प्रति लोगों की जागरूकता को और बढ़ाने का एक शानदार अवसर है।
सहयोग और उपस्थिति
इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी (नॉर्थ जोन) जे.के. गुप्ता, राज्य निदेशक राहुल मिश्रा, राज्य खादी संघ के मंत्री अनिल शर्मा सहित आयोग के कई वरिष्ठ अधिकारी और खादी संघों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
