जयपुर. Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए सांचौर को जिला बनाए जाने के 16 महीने पुराने फैसले को पलट दिया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 7 अगस्त 2023 को सांचौर को जिला घोषित किया था, जिसमें रानीवाड़ा, चितलवाना और बागोड़ा क्षेत्र शामिल किए गए थे। लेकिन, अब इसे पुनः जालोर जिले का हिस्सा बना दिया गया है।
विरोध और विवादों के बीच लिया गया निर्णय
सरकार के अनुसार, सांचौर को जिला बनाए जाने का विरोध स्थानीय स्तर पर रानीवाड़ा और बागोड़ा के कुछ लोगों ने किया था। इसके अलावा, गुड़ामालानी को सांचौर जिले में जोड़ने की योजना भी क्षेत्रीय विरोध के कारण ठंडे बस्ते में चली गई। भाजपा सरकार ने इस स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करते हुए यह फैसला लिया।
नेताओं और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
पुखराज पाराशर: पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने इस कदम को जनता की उम्मीदों के साथ अन्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि सांचौर को जिला बनाना क्षेत्र की पुरानी मांग थी और इसे निरस्त करना विकास की संभावनाओं पर कुठाराघात है।
सुखराम विश्नोई: पूर्व राज्य मंत्री ने सवाल उठाया कि जब अन्य नए जिले बनाए जा सकते हैं, तो सांचौर को क्यों हटाया गया? उन्होंने इसे सांचौर के निवासियों के लिए असुविधाजनक बताया।
योगेंद्रसिंह कुम्पावत: कांग्रेस प्रवक्ता ने इस निर्णय की निंदा करते हुए कहा कि सांचौर की जालोर से दूरी 150 किलोमीटर है, जो ग्रामीणों के लिए प्रशासनिक कार्यों को जटिल बना देती है।
देवजी एम पटेल: पूर्व सांसद ने सरकार से पुनः समीक्षा करने और सांचौर को दोबारा जिला बनाने की मांग की।
श्रवणसिंह राव: भाजपा जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस सरकार पर बिना उचित प्रक्रिया के सांचौर को जिला घोषित करने का आरोप लगाया।
जनता में बढ़ता आक्रोश
सांचौर का जिला दर्जा खत्म होने से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। कई लोगों का कहना है कि यह कदम न केवल प्रशासनिक कठिनाइयों को बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी पीछे धकेलेगा। इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन की भी संभावना जताई जा रही है।
भविष्य की राह: ये फैसला सांचौर के लिए विकास की संभावनाओं पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। सरकार ने जनता की नाराजगी और विपक्ष के सवालों का जवाब कैसे दिया जाएगा, यह देखना बाकी है।
