
जोधपुर. Rajasthan News: जोधपुर संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने गुरुवार को जोधपुर कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नियंत्रण कक्ष में मौजूद संसाधनों, कार्यप्रणाली और आपदा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं का सूक्ष्म अवलोकन कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान डॉ. सिंह ने सिविल डिफेंस द्वारा की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया और कंट्रोल रूम में उपलब्ध उपकरणों — जैसे दूरभाष, वायरलेस सेट, बिजली बैकअप और सायरन व्यवस्था-की कार्यशीलता की समीक्षा की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आपात स्थिति में सभी व्यवस्थाएं बिना किसी रुकावट के कार्य करें।
ब्लैकआउट और सायरन प्रणाली की विशेष समीक्षा
संभागीय आयुक्त ने विशेष रूप से ब्लैकआउट और सायरन प्रणाली की कार्यप्रणाली पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि सायरन बजने की स्थिति में आमजन को तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए और अपनी लाइटें बंद कर ब्लैकआउट के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, “ब्लैकआउट कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि नागरिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से सहयोग करें।”
रिकॉर्ड प्रबंधन और शिकायत निस्तारण पर जोर
डॉ. सिंह ने नियंत्रण कक्ष में रखे गए रजिस्टर, शिकायत प्रविष्टियों और उनके निस्तारण की प्रक्रिया का भी गहराई से निरीक्षण किया। उन्होंने सभी कार्मिकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी शिकायत लंबित न रहे और उस पर शीघ्र कार्रवाई हो। साथ ही उन्होंने नियंत्रण कक्ष में आवश्यक उपकरण जैसे टॉर्च, बैटरी, वायरलेस सेट आदि की उपलब्धता और कार्यक्षमता की भी जांच की।
कर्मियों को दी सतर्कता और संवेदनशीलता से काम करने की हिदायत
संभागीय आयुक्त ने कंट्रोल रूम में तैनात सभी कार्मिकों को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि वे हर सूचना को गंभीरता से लें और किसी भी आपात संदेश की स्थिति में तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएं, ताकि तत्काल निर्णय लिए जा सकें। डॉ. सिंह ने जोधपुर संभाग के नागरिकों से भी अपील की कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें।
तकनीकी उन्नयन के निर्देश
निरीक्षण के दौरान नियंत्रण कक्ष के प्रभारी अधिकारी रविंद्र शर्मा ने सिविल डिफेंस की मौजूदा तैयारियों की जानकारी दी। इस पर डॉ. प्रतिभा सिंह ने नियंत्रण कक्ष को तकनीकी रूप से और अधिक उन्नत बनाने और उसकी प्रभावशीलता बढ़ाने के निर्देश दिए।
