
जयपुर. Rajasthan News: ग्रीष्मकाल में पेयजल आपूर्ति को लेकर सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं कि गर्मी में पानी की कोई कमी न हो और इस मुद्दे को प्राथमिकता के साथ सुलझाया जाए। मंत्री चौधरी ने मंगलवार को बांसवाड़ा जिला कलक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जलदाय विभाग के अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि ग्रीष्मकाल में पेयजल प्रबंधन के लिए कंटीन्जेंसी योजना के अनुरूप कार्य किए जाएं और विभागीय गतिविधियों को बेहतर बनाने के साथ ही जिले में पानी की आपूर्ति को सुचारू रखा जाए। उन्होंने जलदाय विभाग को सक्रिय रहने और समस्या के समाधान में त्वरित कार्यशैली अपनाने की सलाह दी।
मंत्री ने निर्देश दिए कि जहां भी पानी की जरूरत हो, वहां ट्यूबवैल, हैंडपंप लगाए जाएं और पुराने एवं परम्परागत जल स्रोतों का अधिकतम उपयोग किया जाए। ग्रीष्मकाल में पेयजल से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के लिए सभी उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि जल प्रबंधन से जुड़ी सभी योजनाओं के कार्य गुणवत्ता के साथ किए जाएं, ताकि उनके प्रभावी परिणाम सामने आएं।
चौधरी ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी कि पेयजल प्रबंधन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। आरयूआईडीपी के तहत पेयजल संबंधित कार्यों को भी सही तरीके से अंजाम देने के निर्देश दिए गए हैं। गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने जिले में जल प्रबंधन को प्राथमिकता देने और प्रभावित इलाकों में पानी की समस्या को शीघ्र हल करने का आग्रह किया। बैठक में बांसवाड़ा जिला प्रमुख रेशम मालवीया, जिला कलक्टर डॉ. इन्द्रजीत यादव, डूंगरपुर और बांसवाड़ा के जलदाय विभाग के अधिकारी मौजूद थे। दोनों जिलों के जनप्रतिनिधियों ने भी पानी की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत चर्चा की और स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
