जयपुर.Rajasthan News: राजस्थान में एकीकृत और सतत ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4.40 लाख करोड़ रुपये के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण का आकलन किया है। यह अनुमान पिछले वर्ष की तुलना में 22% अधिक है, जिससे स्पष्ट होता है कि राज्य में कृषि और ग्रामीण विकास को लेकर नाबार्ड का दृष्टिकोण और योजनाएं बहुत प्रभावी साबित हो रही हैं। नाबार्ड के इस प्रयास को सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने सराहा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2021 में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की स्थापना से लेकर, सहकारिता के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
विशेष स्टेट क्रेडिट सेमिनार में विमोचन
नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में राज्य फोकस पेपर 2025-26 का विमोचन किया गया। इस दस्तावेज़ में राज्य के विभिन्न जिलों में प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण की संभाव्यता का समेकित आकलन किया गया है। इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच, प्रमुख शासन सचिव-सहकारिता मंजू राजपाल, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को विशेष बना दिया। राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने सहकारिता को बढ़ावा देने में नाबार्ड के प्रयासों की सराहना करते हुए विभिन्न विभागों और बैंकों से अपेक्षा की कि वे इस दिशा में एकजुट होकर काम करें।
नाबार्ड की ऋण वितरण योजना का महत्व
नाबार्ड द्वारा प्रस्तुत स्टेट फोकस पेपर के अनुसार, अनुमानित 4.40 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरण का 47% कृषि और संबंधित कार्यों के लिए निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, 45% ऋण एमएसएमई क्षेत्र के लिए और 8% अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे आवास, शिक्षा, आदि के लिए निर्धारित किया गया है। इस ऋण वितरण के माध्यम से, राज्य में कृषि, ग्रामीण और सामाजिक संरचनाओं को मजबूती मिल सकेगी।
सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने की दिशा में नाबार्ड का योगदान
राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने नाबार्ड द्वारा सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और वित्तीय सहायता के माध्यम से सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि सरकार ने 2025 तक 5,000 पैक्स को “गो लाइव” करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे राज्य के सहकारी क्षेत्र की कार्यकुशलता और उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके।
भंडारण और खरीद सुविधाओं में सुधार
राज्य में भंडारण और खरीद सुविधाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से सहकारी क्षेत्र में 150 गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। इन गोदामों में प्रत्येक की क्षमता 500 से 1000 मीट्रिक टन होगी, जो कृषि उत्पादों के भंडारण और खरीद को अधिक प्रभावी बनाएगी।
