
जयपुर. Rajasthan News: राजस्थान के डेयरी उत्पाद अब सिर्फ राज्य तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड की समीक्षा बैठक में खुलासा किया कि सरस के उत्पादों की गुणवत्ता और शुद्धता ने उसे पूरे देश में एक विशेष पहचान दिलाई है। कुमावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में सरस को विश्वस्तरीय ब्रांड बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
वाइट बटर में 757%की अभूतपूर्व वृद्धि!
बैठक के दौरान पशुपालन मंत्री ने सरस के उत्पादों की बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि का जिक्र किया। वाइट बटर की बिक्री में 757% का शानदार उछाल आया है, जबकि स्वीट्स में 38%, घी में 21%, फ्लेवर्ड मिल्क में 20% और फ्रेश प्रोडक्ट्स में 18%की वृद्धि दर्ज की गई। यह आंकड़े इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि सरस की गुणवत्ता और ग्राहकों का विश्वास इसे भारतीय डेयरी बाजार का बड़ा खिलाड़ी बना रहे हैं।
पशुपालकों को आर्थिक संबल देने की दिशा में बड़ी पहल
पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने बैठक में बताया कि सहकारी डेयरियाँ न केवल किसानों और पशुपालकों को आर्थिक संबल प्रदान कर रही हैं, बल्कि रोजगार के बड़े अवसर भी उत्पन्न कर रही हैं। आगामी समय में सभी सहकारी संघों में रिक्त पदों को भरने और नए पद स्वीकृत करने की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी।
नवाचारों से दुग्ध उत्पादकों के लिए आसान हुई राहें
आरसीडीएफ ने दुग्ध संकलन के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं। इनमें से सबसे बड़ा कदम है “सरस अमृतम अभियान”, जिसमें औचक निरीक्षण के द्वारा दुग्ध की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। इस अभियान के तहत अब तक 9,182 नमूने एकत्रित किए गए हैं और 5,820 औचक निरीक्षण किए गए हैं। इसके साथ ही “दूध का दूध, पानी का पानी” अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें उपभोक्ताओं से दूध के सैंपल लेकर उनकी निशुल्क जाँच की जा रही है। इस अभियान के तहत अब तक 15,060 सैंपल की जाँच हो चुकी है।
सरस स्वरोजगार योजना: युवाओं और महिलाओं के लिए बड़ा मौका!
सरस ने अपनी “स्वरोजगार योजना 2024” के तहत युवाओं, महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को ईमित्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने का अवसर दिया है। इस योजना के तहत अब तक 12,265 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 8,250 आवेदनों को मंजूरी दी गई। ये आवेदक अब सरस बूथ, पार्लर, कैफे और शॉप एजेंसी के रूप में अपनी आजीविका कमा सकेंगे।
दीपावली के पर्व पर सरस मिठाइयों का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
दीपावली 2024 में सरस ने 125 मेट्रिक टन से अधिक शुद्ध मिठाइयाँ बनाई और पूरे राज्य में बेचीं, जो एक नवाचार और कीर्तिमान के रूप में सामने आया। इस दौरान अलवर का मिल्क केक, बीकानेर के रसगुल्ले और सोनपापड़ी सबसे ज्यादा पसंद किए गए।
बायो-फ्लेक्सी प्लांट्स और कई नई पहल
सरस के विकास के साथ-साथ बायो-फ्लेक्सी प्लांट्स भी स्थापित किए जा रहे हैं, जैसे जयपुर डेयरी, भीलवाड़ा डेयरी, और गंगानगर डेयरी। इसके अलावा, म्यारा योजना के तहत 21,000 रुपये का अनुदान भी लड़कियों के विवाह हेतु प्रदान किया जा रहा है। आरसीडीएफ अब दुग्ध समितियों को बहुउद्देशीय बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है, ताकि समितियाँ घी, पशु आहार, माइक्रो एटीएम, खाद बिक्री, सरस मिनी मार्ट जैसी सेवाएँ भी प्रदान कर सकें।
