खैरथल (तिजारा) rajasthan news: सरिस्का बाघ परियोजना के तहत विस्थापित हुए परिवारों की छह वर्षों से लंबित पुनर्वास प्रक्रिया अब समाप्त हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, राज्य पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा, तिजारा विधायक महंत बालकनाथ योगी और प्रशासन के समन्वित प्रयासों से इस ऐतिहासिक पुनर्वास कार्य को सफलता मिली है।
प्रथम चरण में, ग्राम कांकवाड़ी के 8 परिवारों का विस्थापन किया गया, जिसके बाद सुकोला के 24, पानीढाल के 24, हरिपुरा के 9, डाबली के 14 और लोज के 99 परिवारों सहित कुल 178 परिवारों को 350 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि पर पुनर्वासित किया गया। प्रत्येक परिवार को 600 वर्ग गज का आवासीय भूखंड और 6 बीघा कृषि भूमि प्रदान की गई।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का संबोधन और पर्यावरण संरक्षण की पहल
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने खैरथल-तिजारा जिले के रूंध तिजारा में आयोजित एक कार्यक्रम में विस्थापित परिवारों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए वृक्षारोपण भी किया। भूपेंद्र यादव ने इस विस्थापन प्रक्रिया को सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बताया और इसे सामाजिक एवं पर्यावरणीय समन्वय का बेहतरीन उदाहरण बताया।
शिक्षा के क्षेत्र में विकास की दिशा में कदम
विस्थापित परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए भूपेंद्र यादव ने प्राथमिक विद्यालय में दो नए कक्षों के निर्माण की घोषणा की। ये कक्ष संसदीय कोष से बनवाए जाएंगे, और इसके अलावा, एक कमरा पूर्व सभापति नगर परिषद भिवाड़ी संदीप दायमा द्वारा बनाने की घोषणा की गई।
राज्य मंत्री बोले सरिस्का क्षेत्र में कुल 42 बाघ और बाघिन
राज्य मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि सरिस्का क्षेत्र को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाने के लिए पूरी तत्परता से काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरिस्का क्षेत्र में कुल 42 बाघ और बाघिन हैं, और अब विस्थापित परिवारों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी परिवारों को अब गैर खातेदारी अधिकार मिल गए हैं।
पानी की आपूर्ति के लिए बोरवेल्स और बिजली कनेक्शन प्रदान किए
जिला कलेक्टर किशोर कुमार ने बताया कि विस्थापन स्थल पर दो आवासीय कॉलोनियां विकसित की गई हैं। पानी की आपूर्ति के लिए बोरवेल्स और बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा, आवासीय कॉलोनियों में सड़कें और कृषि भूखंडों तक पहुँचने के लिए रास्ते बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 350 हेक्टेयर भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है, और अब विस्थापित परिवारों को कृषि ऋण, पीएम आवास योजना और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
लगभग छह वर्षों के बाद, विस्थापित परिवारों को उनकी आवंटित भूमि का आधिकारिक अधिकार प्राप्त हुआ। यह कदम सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक परिवर्तन है, जिससे इन परिवारों का जीवनस्तर बेहतर होगा। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, जयपुर के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, अन्य जनप्रतिनिधि और विस्थापित परिवार उपस्थित थे। यह पुनर्वास प्रक्रिया न केवल विस्थापित परिवारों के लिए एक नया जीवन प्रदान करती है, बल्कि यह सरकार के समाज कल्याण और पर्यावरणीय संतुलन के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
