जयपुर. Rajasthan News: राजस्थान के खनन एवं भूविज्ञान विभाग ने एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। विभाग ने 16 फरवरी 2024 तक पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 23% अधिक विकास दर के साथ ₹7513 करोड़ से अधिक का राजस्व एकत्र कर लिया है। यह उपलब्धि राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूती देने के साथ-साथ विभाग की सक्रियता और कुशल प्रबंधन को दर्शाती है।
प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने विभागीय अधिकारियों को बकाया वसूली को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और कोर्ट केस के चलते रुकी हुई वसूली के मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और वित्तीय वर्ष समाप्ति तक अधिकतम वसूली सुनिश्चित करनी होगी।
प्रमुख सचिव का कड़ा संदेश: राजस्व वसूली में नहीं होगी कोताही
प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने खनिज भवन में आयोजित वर्चुअल बैठक में फील्ड अधिकारियों से संवाद किया और सख्त निर्देश दिए कि:
- बकाया एसेसमेंट कार्य को प्राथमिकता से निपटाया जाए।
- कोर्ट के स्टे वाले मामलों में विभागीय पक्ष मजबूती से रखा जाए और स्टे हटवाने के प्रयास किए जाएं।
- राजकीय बकाया राशि की वसूली में तेजी लाई जाए।
- फील्ड अधिकारियों को 100% लक्ष्य प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
नवगठित समितियों की बैठकें अनिवार्य
बैठक के दौरान विधानसभा प्रश्नों, ध्यानाकर्षण और विशेष उल्लेख पर समय पर उत्तर भेजने की जरूरत बताई गई। नवगठित जिला स्तरीय समितियों की हर महीने बैठकें आयोजित कर स्थानीय स्तर की माइनिंग से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यालय स्तर पर कड़ी निगरानी
निदेशक माइंस दीपक तंवर ने बताया कि मुख्यालय पर सख्त मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू की गई है। सभी जिलों से:
- रॉयल्टी एसेसमेंट और क्लोजिंग एरर का समाधान 7 से 15 दिनों में प्रस्तुत करने को कहा गया है।
- संयुक्त सचिव माइंस आशु चौधरी ने विधानसभा प्रकरणों के उत्तर शीघ्र भेजने और सरकार द्वारा मांगी गई जानकारी प्राथमिकता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
राजस्थान का खान विभाग राज्य की अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभों में से एक है। 23% की प्रभावशाली वृद्धि दर और ₹7513 करोड़ का राजस्व संग्रहण इस बात का प्रमाण है कि विभाग बेहतर नीतियों और अनुशासन के साथ राजस्व वसूली और माइनिंग सेक्टर में सुधार की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
