
जयपुर. Rajasthan Railway News: ट्रेन यात्रा के दौरान मोबाइल खो जाना या चोरी होना अब अतीत की बात हो सकती है! रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एक शानदार पहल शुरू की है, जो आपके खोए या चोरी हुए फोन को ढूंढना और भी आसान बना देगी। यह नई तकनीकी पहल सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि आपके लिए एक सुरक्षा कवच है!
CEIR पोर्टल से आरपीएफ का सुपरहिट ट्रैकिंग ट्रिक
अब आपके फोन को ढूंढने के लिए आपको पुलिस स्टेशन में घंटों खड़े होकर रिपोर्ट दर्ज कराने की ज़रूरत नहीं होगी। आरपीएफ ने दूरसंचार विभाग के CEIR (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) पोर्टल के साथ मिलकर एक डिजिटल हथियार तैयार किया है, जो आपके फोन के आईएमईआई (IMEI) नंबर के जरिए उसे ट्रैक कर सकता है और चोरों के लिए उसे बेकार बना देता है!
फोन खो गया? बस ये करें
- रेल मदद या 139 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करें।
- वैकल्पिक रूप से, सीधे सीईआईआर (CEIR) पोर्टल पर अपनी जानकारी भरें।
- आरपीएफ की साइबर सेल आपकी शिकायत को अपलोड करेगी और फोन को ब्लॉक कर देगी।
पायलट प्रोजेक्ट से मिली हरी झंडी
यह क्रांतिकारी योजना शुरू हुई थी नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) में मई 2024 से, और इसके परिणाम चौंकाने वाले थे:
- गायब मोबाइल अपने मालिकों तक पहुंचे।
- चोरों के चेहरे पर मुस्कान नहीं रही, क्योंकि उनके फोन ट्रेस कर पकड़ लिए गए।
- अब, इस सफलता के चलते भारतीय रेलवे इसे पूरे देश में लागू करने जा रही है।
फोन मिलने के बाद क्या होगा?
- अगर आपका फोन किसी नए सिम के साथ चालू होता है, तो CEIR पोर्टल उसे ट्रैक कर लेगा। इसके बाद:
- चोर को नजदीकी आरपीएफ पोस्ट पर फोन जमा करने के लिए कहा जाएगा।
- आप अपने दस्तावेज़ दिखाकर फोन वापस ले सकते हैं।
- यदि चोर लौटाने में असहयोग करता है, तो आरपीएफ (RPF) एफआईआर (FIR) दर्ज कर मामले को पुलिस के हवाले कर सकती है।
RPF की डिजिटल ताकत: ऑपरेशन अमानत से सीईआईआर तक
आरपीएफ के महानिदेशक मनोज यादव ने इस पहल को रेलवे सुरक्षा में एक मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा,
“सीईआईआर पोर्टल हमारी ताकत है, जो यात्रियों को उनके खोए हुए सामान को वापस दिलाने में मदद करता है।” ऑपरेशन अमानत के तहत, आरपीएफ ने जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच 84.03 करोड़ रुपये के कीमती सामान लौटाए हैं। अब सीईआईआर के साथ यह अभियान और भी तेज होगा।
