
जयपुर. Rajasthan Vidhansabha Session: उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के प्रत्येक विद्यार्थी को गुणवत्तापूर्ण, रोजगारपरक एवं आधुनिक शिक्षा प्राप्त हो। साथ ही, प्रदेश की परम्पराओं एवं संस्कृति का सम्मान करने वाली शिक्षा भी विद्यार्थी ग्रहण कर सकें। इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्धता से आगे बढ़ रही हैं। डॉ. प्रेम चन्द बैरवा मंगलवार को विधान सभा में उच्च शिक्षा विभाग (मांग संख्या-22) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने उच्च शिक्षा विभाग की 25 अरब 85 करोड़ 55 लाख 45 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प को पूर्ण करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार विकसित राजस्थान की दिशा में कार्य कर रही है। इसमें उच्च शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर रही है, जिसके महत्वपूर्ण एवं दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन मंत्रालय के ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन की रिपोर्ट के अनुसार उच्च शिक्षा में देश के औसत सकल नामांकन अनुपात 28.4 से अधिक राजस्थान का सकल नामांकन अनुपात 28.6 है।
डॉ. बैरवा ने कहा कि उच्च शिक्षा क्षेत्र में हमारी सरकार ने एक वर्ष में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। प्रदेश में सत्र 2024-25 में 37 नवीन राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की गई हैं। महिला शिक्षा को बढ़ावा देते हुए गत वर्ष 13 नए कन्या महाविद्यालय प्रारम्भ किए। वर्तमान बजट में भी 12 कन्या महाविद्यालय खोलना प्रस्तावित किया गया है। राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर 43 एवं स्नातकोत्तर स्तर पर 33 नवीन विषयों में अध्ययन प्रारंभ किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पारंपरिक विषयों के साथ-साथ तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा को भी बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित है। इसके लिए 33 जिला मुख्यालयों पर स्थित 33 महाविद्यालयों में बीबीए पाठ्यक्रम तथा कम्प्यूटर सांइस विषय प्रारम्भ किए गए हैं। सात संभाग मुख्यालय पर 7 महाविद्यालयों में बीसीए कोर्स प्रारंभ हो गए हैं।
डॉ. बैरवा ने कहा कि डिजिटल शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चरणबद्ध रूप से महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम और आईसीटी लैब से ई-लर्निंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में रिक्त पदों को भरने के लिए भी त्वरित कदम उठाए हैं। आगामी दिनों में प्रक्रिया को और गति प्रदान की जाएगी। कॉलेज शिक्षा विभाग में लगभग 2600 शिक्षकों के पद रिक्त है। इनके विरूद्ध लगभग 2500 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा चल रही है। उन्होंने महाविद्यालयों के निर्माण में सहयोग देने वाले भामाशाहों का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय एवं श्री हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लोकार्पण हो चुका है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय शिफ्ट हो चुका है। श्री हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय नवीन परिसर में निकट भविष्य में शिफ्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले बजट में गुरू-शिष्य की परम्परा को पुन:स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालयों के कुलपति को कुलगुुरू की पद्वी प्रदान किया जाना प्रस्तावित किया था। इसकी पालना में द राजस्थान यूनिवर्सिटीज लॉ एमेन्डमेन्ट बिल, 2025 विधानसभा में पुन:स्थापित कर दिया गया है। प्रयास है कि बिल सदन में इसी सत्र में पारित हो।
डॉ. बैरवा ने कहा कि विद्यार्थियों में निराशा एवं अन्य कारणों से आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार शैक्षणिक और मानसिक स्वास्थ्य, सुरक्षा के प्रति सचेत एवं सजग है। इसी क्रम में कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए केन्द्र सरकार से जारी दिशा-निर्देशों को अंगीकार करते हुए विभाग ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोचिंग संस्थानों पर सक्षम वैधानिक नियंत्रण के लिए विधेयक ‘द राजस्थान कोचिंग सेंटर कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल, 2025Ó प्रक्रियाधीन है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों के गुणवत्ता मानकों में अभिवृद्धि के परिपेक्ष्य में वर्ष 2024 में 45 राजकीय महाविद्यालयों में नैक प्रत्यायन ग्रेडिंग प्राप्त हुई है। सरकार छात्रवृत्ति वितरण भी समयबद्ध सुनिश्चित करा रही है। विभाग द्वारा कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी एवं देवनारायण स्कूटी योजना में 20 हजार 105 स्कूटियों का वितरण किया गया है। साथ ही, वर्ष 2025 के बजट में 35 हजार स्कूटियां वितरित करने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना में सभी वर्गों के अंतर्गत 12वीं उत्तीर्ण प्रतिभावान छात्राओं को विभाग वरीयता अनुसार स्कूटी प्रदान करता है। इसमें ओबीसी वर्ग की छात्राएं भी लाभान्वित होती है।
डॉ. बैरवा ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 126 विद्यार्थियों को विदेश और 57 विद्यार्थियों को देश के संस्थानों में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई हैं। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक 285 विद्यार्थियों को 100 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में राजस्थान उच्च शिक्षा क्षेत्र में भी अग्रणी प्रदेश बन रहा है।
