
जयपुर. Rajasthan vidhansabha session: जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबू लाल खराड़ी ने विधानसभा में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि बजट घोषणा 2024-25 के तहत 250 नए माँ-बाड़ी केंद्र खोलने की योजना के तहत 131 केंद्रों के उद्घाटन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। मंत्री ने बताया कि वर्तमान में घाटोल विधानसभा क्षेत्र में 118 माँ-बाड़ी केंद्र सक्रिय रूप से संचालित हो रहे हैं, और इस क्षेत्र में 5 नए केंद्रों को स्वीकृति भी मिल चुकी है।
सदन में दी गई जानकारी
बाबूलाल खराड़ी विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जनजाति क्षेत्र के विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे थे। विधायक नानालाल निनामा द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के तहत कुल 250 माँ-बाड़ी केंद्रों के लिए प्राप्त प्रस्तावों का सर्वे कार्य पूरी तरह से संपन्न हो चुका है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिन प्रस्तावों का सर्वे बाकी था, उसका कार्य भी प्रक्रिया में है और इसे शीघ्र पूरा किया जाएगा।
नए माँ-बाड़ी केंद्रों के लिए प्रक्रिया
मंत्री ने स्पष्ट किया कि जब भी नए माँ-बाड़ी केंद्र खोलने के लिए प्रस्ताव प्राप्त होते हैं, तो उनका सर्वे क्षेत्रीय जरूरतों के आधार पर किया जाता है। सर्वे में छात्रों की संख्या (6 से 12 वर्ष तक), विद्यालयों से दूरी और अन्य आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया जाता है। इन सभी मापदंडों को ध्यान में रखते हुए ही माँ-बाड़ी केंद्र खोलने का निर्णय लिया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि ये केंद्र स्थानीय जरूरतों के अनुरूप ही खोले जाते हैं, ताकि बच्चों को शिक्षा और देखभाल का लाभ मिल सके।
विधानसभा में हुए चर्चा के मुख्य बिंदु
- नई माँ-बाड़ी केंद्रों की घोषणा: बजट 2024-25 के तहत 250 केंद्रों को खोलने की योजना।
- वर्तमान स्थिति: घाटोल विधानसभा क्षेत्र में 118 केंद्र पहले से चल रहे हैं और 5 नए केंद्रों की स्वीकृति दी गई है।
- सर्वे प्रक्रिया: नए प्रस्तावों के सर्वे का कार्य पूरा किया गया है, शेष प्रस्तावों का सर्वे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
- नए केंद्रों का खोलने का निर्णय: सर्वे के आधार पर और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में माँ-बाड़ी केंद्र खोले जाएंगे।
माँ-बाड़ी केंद्रों का महत्व
माँ-बाड़ी केंद्रों का उद्देश्य जनजाति क्षेत्रों में 6 से 12 वर्ष के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना और उनकी देखभाल सुनिश्चित करना है। ये केंद्र खासकर उन क्षेत्रों में खोले जाते हैं जहां बच्चों को स्कूल जाने में कठिनाई होती है, जैसे कि दूर-दराज के ग्रामीण और जनजातीय इलाके। माँ-बाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को न केवल शिक्षा मिलती है, बल्कि उनके लिए एक सुरक्षित और पोषक वातावरण भी तैयार किया जाता है।
आंकड़े और योजनाएं
कार्य | आंकड़ा |
---|---|
कुल माँ-बाड़ी केंद्रों की योजना | 250 केंद्र |
घाटोल में संचालित केंद्र | 118 केंद्र |
नए स्वीकृत केंद्र | 5 केंद्र |
सर्वे कार्य की स्थिति | पूर्ण (बाकी प्रस्तावों का सर्वे प्रक्रिया में) |
बच्चों की आयु सीमा | 6 से 12 वर्ष |
सर्वे मापदंड | छात्रों की संख्या, विद्यालय की दूरी, क्षेत्रीय आवश्यकता |
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री द्वारा की गई इस घोषणा से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा और बच्चों की देखभाल के लिए गंभीर है। नए माँ-बाड़ी केंद्रों के माध्यम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों को भी शिक्षा और देखभाल का उचित अवसर मिले।
