Republic Day 2025: पीएम मोदी, सीएम योगी और उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दीं शुभकामनाएं, कांग्रेस अध्यक्ष ने उठाए गंभीर सवाल
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Republic Day 2025: PM Modi, CM Yogi and Vice President Dhankhar extended their best wishes, Congress President raised serious questions
नई दिल्ली. Republic Day 2025:भारत ने रविवार को अपने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर धूमधाम से समारोह मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन हुआ। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देशवासियों को अपनी शुभकामनाएं दीं और गणतंत्र दिवस के महत्व को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं।
पीएम मोदी ने दीं शुभकामनाएं, एक सशक्त भारत की कामना की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं! आज हम अपने गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर उन सभी महान विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने भारतीय संविधान को तैयार किया और यह सुनिश्चित किया कि भारत की विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो।
उन्होंने यह भी कहा कि यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को बनाए रखने और एक सशक्त, समृद्ध भारत बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को और मजबूती देगा। पीएम मोदी ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कामना की कि यह दिवस हम सभी को देश की समृद्धि और एकता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करे।
सीएम योगी ने संविधान में निहित कर्तव्यों का पालन करने का संकल्प लिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “प्रदेशवासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह गौरवशाली पर्व हमारे महान संविधान, लोकतांत्रिक परंपराओं और देश के अमर सपूतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है।” सीएम योगी ने सभी से संविधान में निहित कर्तव्यों का पालन करने का आह्वान करते हुए कहा, “आइए, हम सभी संविधान में निहित कर्तव्यों का पालन करने का संकल्प लें। जय हिंद!”
धनखड़ ने कहा, ‘अब वक्त है विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने का’
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ने भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब हम 2047 तक “विकसित भारत” के लक्ष्य को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि हमें सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी भावना और नागरिक कर्तव्यों के सभ्यतागत लोकाचार को बढ़ावा देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस परिवर्तनकारी यात्रा में नेतृत्व करें और आशा तथा संभावना की भावना को आगे बढ़ाएं।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने उठाए गंभीर सवाल
गणतंत्र दिवस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने गंभीर सवाल भी उठाए। खरगे ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) द्वारा संविधान पर लगातार हमला किया जा रहा है और संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “असहमति का गला घोटना अब सरकार की एकमात्र नीति बन गई है।” कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि इस देश में जो ‘एकता में विविधता’ का आदर्श रहा है, अब वहां ‘एक राष्ट्र, एक पार्टी’ थोपने की कोशिश हो रही है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी वर्गों – सशस्त्र बलों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों, किसानों, मजदूरों और राष्ट्र निर्माण में लगे अन्य वर्गों का आभार व्यक्त किया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह सवाल उठाने का वक्त है कि कैसे देश संविधान पर हो रहे हमलों का गवाह बन रहा है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति होंगे मुख्य अतिथि
गणतंत्र दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में भारत में मौजूद हैं। गणतंत्र दिवस परेड में भारत की सैन्य क्षमता और सांस्कृतिक विविधता का शानदार प्रदर्शन किया जाएगा, जो हर भारतीय के दिल को गर्व से भर देगा। इस परेड में भारत के गौरवमयी इतिहास और आज की शक्ति को प्रदर्शित करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का 76वें गणतंत्र दिवस पर विशेष फैशन: परंपरागत साफा और रंग-बिरंगे स्टाइल में नजर आए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर एक खास और पारंपरिक अंदाज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ गहरे भूरे रंग का बंद गले का कोट पहना, जो उनके सटीक और शाही लुक को और निखार रहा था। लेकिन सबसे आकर्षक था उनका लाल-पीले रंग का साफा, जो उनके इस खास दिन के पहनावे को और भी चमकीला और भव्य बना रहा था। यह साफा प्रधानमंत्री मोदी की परंपरा को जारी रखते हुए उनके लिए विशेष अवसरों पर पहनने वाले चमकीले और रंग-बिरंगे साफे का हिस्सा था।
पिछले वर्षों में मोदी का साफा स्टाइल: एक शानदार परंपरा
प्रधानमंत्री मोदी का साफा पहनने का सिलसिला कई वर्षों से जारी है। साल 2023 में भी उन्होंने कुर्ते और चूड़ीदार पायजामे के साथ बहुरंगी राजस्थानी साफा पहना था। उनका साफा हमेशा खास होता है और भारतीय संस्कृति और परंपरा को दर्शाता है। खासकर गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के दौरान यह उनकी पहचान बन चुका है। 2019 में अपने दूसरे कार्यकाल के बाद, प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस भाषण देते हुए बहुरंगी साफा पहना था। इस दौरान उनका साफा भारतीय संस्कृति की विविधता और रंगों का प्रतीक बन गया था।
बांधनी प्रिंट और राजस्थानी शिल्प का आकर्षण
प्रधानमंत्री मोदी के पहने गए साफे में बांधनी प्रिंट का विशेष आकर्षण था। बांधनी एक प्रकार की टाई-डाई विधि है, जो गुजरात और राजस्थान में विशेष रूप से लोकप्रिय है। इस विधि में कपड़े को बांधकर रंगाई की जाती है, जिससे कपड़े पर खूबसूरत डिज़ाइन तैयार होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी का साफा इस पारंपरिक कला का बेहतरीन उदाहरण था, जो भारतीय हस्तशिल्प को गर्व से प्रस्तुत करता है।
2014 से 2022 तक मोदी के अलग-अलग साफे की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी का साफा पहनने का सिलसिला 2014 में उनके पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण से शुरू हुआ था, जब उन्होंने जोधपुरी बंधेज साफा पहना था। इसके बाद उन्होंने हर साल रंग-बिरंगे, पारंपरिक साफे का चयन किया, जैसे 2015 में बहुरंगी लहरिया पीला साफा, 2016 में गुलाबी और पीले रंग का टाई-एंड-डाई साफा, और 2017 में लाल और पीले रंग का मिश्रित साफा। 2018 में उन्होंने केसरिया रंग का साफा पहना था। 2022 में उन्होंने उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी पहनी, जिसमें ब्रह्मकमल का डिज़ाइन था, जो उत्तराखंड का राजकीय फूल है।
साफे के साथ संस्कृति का खूबसूरत मेल
प्रधानमंत्री मोदी के साफे का हर चयन भारतीय संस्कृति और धरोहर को समर्पित होता है। इन साफों के माध्यम से प्रधानमंत्री ने न केवल भारतीय फैशन और शिल्पकला को बढ़ावा दिया है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विविधता और एकता को भी दर्शाया है। उनके साफे की विविधता हमें यह याद दिलाती है कि हर रंग, डिज़ाइन और शिल्प में भारतीय संस्कृति की गहरी धारा प्रवाहित होती है।