जयपुर. Rising Rajasthan Summit: राजस्थान में विकास की नई गाथाएं लिखी जा रही हैं, और राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट इसका बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरी है। इस समिट का समापन सत्र एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने राजस्थान के भविष्य के विकास का खाका प्रस्तुत किया। यह समिट राजस्थान को निवेश और नवाचार का नया केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और 2026 में इसे फिर से आयोजित करने का ऐलान किया गया।
राजस्थान: एक नए युग की शुरुआत
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने समिट के समापन सत्र में कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, 2047 तक भारत दुनिया की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था बनेगा, और राजस्थान इस यात्रा में अग्रणी भूमिका निभाएगा।” प्रधान ने विशेष रूप से राजस्थान के उद्यमिता क्षेत्र को सराहा और कहा कि राज्य के हर कोने में राजस्थानी उद्यमी आर्थिक और सामाजिक उन्नति की नई ऊंचाइयां छू रहे हैं।

राजस्थान के भौगोलिक विकट परिस्थितियों के बावजूद 11 प्रतिशत की विकास दर ने साबित कर दिया है कि राज्य की जनता की मेहनत और समर्पण के बल पर राजस्थान हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। श्री प्रधान ने राजस्थान को नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी के रूप में देखा और कहा कि यहां के आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान देश-विदेश में अपनी पहचान बना चुके हैं।
उद्यमिता से राजस्थान को बना रहे हैं अर्थनीति का केंद्र
प्रधान ने राजस्थान की विशेषता पर जोर देते हुए कहा, “राजस्थान में उद्यमिता का गुण जन्मजात है। यहां के लोग खुद को रोजगार देने में सक्षम हैं, और यही गुण राजस्थान को भविष्य में जयपुर और जैसलमेर को विश्व अर्थव्यवस्था के केंद्र बनाने में मदद करेगा।” इस दिशा में समिट का उद्देश्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र में किए गए एमओयू को सराहते हुए प्रधान ने कहा कि राजस्थान अब ग्रीन एनर्जी और न्यू एनर्जी के क्षेत्र में लीडर पॉजिशन पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा, “राजस्थान का यह ऊर्जा क्षेत्र भविष्य में बड़े पैमाने पर आधारभूत सुविधाओं और संसाधनों का निर्माण करेगा, जो राज्य के विकास की नींव बनेगा।”
मुख्यमंत्री का दृढ़ संकल्प: राइजिंग राजस्थान समिट 2026 में फिर होगा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समिट के समापन सत्र में राजस्थान के आगामी विकास का रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कहा, “राज्य सरकार राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान किए गए एमओयू को वास्तविकता में बदलने के लिए कृतसंकल्प है। अगले साल 11 दिसंबर 2025 को हम इन एमओयू की प्रगति की समीक्षा करेंगे और जनता के सामने इसका प्रदर्शन करेंगे।” मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 2026 में यह समिट फिर से आयोजित किया जाएगा, जिससे राजस्थान के विकास को और भी गति मिलेगी।

उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए कई अहम निर्णय
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए किए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में 11 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जा रहा है और जीआई टैग वाले उत्पादों को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
नवाचार और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां
मुख्यमंत्री ने एमएसएमई नीति-2024 और निर्यात संवर्धन नीति-2024 की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, “राजस्थान के एमएसएमई क्षेत्र ने राज्य की जीएसडीपी में 25 प्रतिशत योगदान दिया है, और राज्य सरकार ने इसे सशक्त बनाने के लिए कई नीतियां बनाई हैं।” इसके साथ ही, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार नई निर्यात नीति लेकर आई है, जो नई उद्यमियों को निर्यातक बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
राइजिंग राजस्थान: एक ऐतिहासिक मोड़
मुख्यमंत्री ने इस समिट के सफल आयोजन के लिए सभी मंत्रियों, निवेशकों, और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह समिट राजस्थान की क्षमता, आकांक्षाओं और संभावनाओं का प्रतीक है। इसके जरिए हम राजस्थान को एक नई दिशा में लेकर जा रहे हैं।”
विस्तृत अवसरों का दौरा
समिट के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न कंपनियों के एग्जीबिटर बूथ का दौरा किया, जिसमें हिंदुस्तान जिंक की 3डी आईवीआर तकनीक, उत्तर पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स, और आई स्टार्ट राजस्थान के बूथ पर रोबोटिक डॉग का संचालन भी देखा। मुख्यमंत्री ने इस समिट को राजस्थान की क्षमता का परिचायक बताया और इसे राज्य के भविष्य के लिए एतिहासिक अवसर करार दिया।
