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Russia-ukaraine War: 5800 किमी/घंटा की रफ्तार, 20 टारगेट एक साथ-ट्रंप यूक्रेन को देने जा रहे हैं पैट्रियट, रूस पर मंडरा रहा है नया खतरा!, जाने क्या है ये मिसाइल सिस्टम

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Donald Trump And Zelensky AI Genreted Photo
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वॉशिंगटन/कीव/मॉस्को. Russia-ukaraine War:  रूस-यूक्रेन युद्ध के तीसरे वर्ष में अमेरिकी राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और आगामी चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति गहरा असंतोष जताया है और संकेत दिए हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो अमेरिका यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल सिस्टम देने को तैयार रहेगा। यह वही मिसाइल प्रणाली है जिसे यूक्रेन “एरियल ब्रह्मास्त्र” मानता है और यही वजह है कि अब व्लादिमीर पुतिन की चिंता और बढ़ गई है।

ट्रंप-पुतिन वार्ता रही निराशाजनक

बीते गुरुवार को एक सार्वजनिक बयान में ट्रंप ने बताया कि उन्होंने पुतिन से बात की लेकिन वह बातचीत बेहद निराशाजनक रही। ट्रंप के शब्दों में मैं पुतिन से हुई बातचीत से बेहद निराश हूं। मुझे नहीं लगता कि वह युद्ध रोकने की दिशा में कोई गंभीर प्रयास कर रहे हैं। यह बहुत दुखद है। यह बयान उन्होंने आयोवा के डेस मोइन्स में हुई रैली के बाद वॉशिंगटन लौटते समय पत्रकारों से बातचीत में दिया।

यूक्रेन को ‘पैट्रियट मिसाइल’ देने के संकेत

शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से बातचीत के बाद ट्रंप ने साफ संकेत दिए कि अमेरिका यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल सिस्टम दे सकता है। एक प्रमुख अमेरिकी दैनिक से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें इन मिसाइलों की ज़रूरत है… वे काफी बुरी तरह से हमलों का सामना कर रहे हैं। उन्हें कुछ न कुछ तो चाहिए होगा अपनी रक्षा के लिए। ज़ेलेंस्की ने भी इस बातचीत की पुष्टि की और कहा कि वह और ट्रंप “आकाश रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों नेताओं ने रक्षा उत्पादन में संयुक्त भागीदारी, हथियारों की संयुक्त खरीद और निवेश पर चर्चा की।

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यूक्रेन की रक्षा रणनीति में पैट्रियट सिस्टम क्यों है निर्णायक?

पैट्रियट मिसाइल सिस्टम अमेरिका की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणाली है जिसे रेथियॉन टेक्नोलॉजीज ने विकसित किया है। इसे हवाई ढाल के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह एक साथ 20 हवाई लक्ष्यों को ट्रैक और इंटरसेप्ट कर सकता है। यह मिसाइल 5800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमले को रोक सकती है। यह प्रणाली पूरी तरह रडार-गाइडेड है, जो इसे सटीक और तेज़ बनाती है। यह मिसाइलें ड्रोन, फाइटर जेट्स और दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर सकती हैं। ज़ाहिर है कि अगर यूक्रेन को यह प्रणाली मिल जाती है, तो रूस के मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोकने में उसे बहुत बड़ी मदद मिलेगी।

पुतिन के लिए क्यों बन सकती है यह मिसाइल ‘खतरनाक ब्रह्मास्त्र’?

रूस ने युद्ध में अपनी आक्रामकता बनाए रखी है और अक्सर यूक्रेनी शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले करता रहा है। यूक्रेन के पास अब तक सीमित एयर डिफेंस सिस्टम थे, जिनसे वह सभी हमलों का मुकाबला नहीं कर पा रहा था। ऐसे में पैट्रियट सिस्टम रूस की रणनीतिक बढ़त को खत्म कर सकता है,मॉस्को के हवाई हमलों की प्रभावशीलता कम कर सकता है,और यूक्रेन की राजधानी कीव सहित बड़े शहरों को सुरक्षित रखने में सहायक हो सकता है।

अमेरिका में पैट्रियट डिलीवरी को लेकर भ्रम, लेकिन ट्रंप ने जताई गंभीरता

हाल ही में वॉशिंगटन द्वारा कुछ हथियारों की आपूर्ति को रोकने की खबरें आईं थीं, जिससे कीव में चिंता गहराई। हालांकि, जर्मनी ने भी इस अंतर को भरने के लिए पैट्रियट सिस्टम खरीदने की बात कही है। इसी बीच ट्रंप और ज़ेलेंस्की की 40 मिनट की फोन वार्ता हुई, जिसमें ट्रंप ने कहा कि वे अमेरिका की बंद हथियार आपूर्ति को फिर से शुरू कराने पर विचार करेंगे। ट्रंप के अनुसार उन्होंने इस विषय पर जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ से भी चर्चा की है।

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ज़ेलेंस्की की रणनीति: संयुक्त उत्पादन और निवेश

ज़ेलेंस्की ने अपनी टेलीग्राम पोस्ट में कहा कि यूक्रेन अब केवल विदेशी आपूर्ति पर निर्भर नहीं रहना चाहता, बल्कि अमेरिका के साथ संयुक्त रक्षा उत्पादन करना चाहता है, हथियारों की संयुक्त खरीद और निवेश में भागीदारी चाहता है। यह स्पष्ट संकेत है कि यूक्रेन अपने सैन्य ढांचे को दीर्घकालिक रणनीति के तहत मज़बूत करना चाहता है और अमेरिका इसमें उसका मुख्य भागीदार बन सकता है।

राजनीतिक संकेत: ट्रंप की शक्ति वापसी और रूस के लिए नई चुनौती

डोनाल्ड ट्रंप के 2024 चुनावों में दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावनाएं लगातार मज़बूत हो रही हैं। ऐसे में अगर वे सत्ता में लौटते हैं, तो उनकी नीतियां बाइडेन प्रशासन से अलग हो सकती हैं। अब तक उन्हें रूस के प्रति नरम रुख का प्रतीक माना जाता रहा है, लेकिन पुतिन के प्रति हालिया नाराजग़ी और यूक्रेन को पैट्रियट सिस्टम देने की संभावना ने इस धारणा को बदल दिया है।

क्या बदल जाएगा युद्ध का समीकरण?

रूस-यूक्रेन युद्ध में अब एक निर्णायक मोड़ आता दिख रहा है। यदि अमेरिका यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल सिस्टम देता है तो यूक्रेन की वायु रक्षा अभेद्य हो सकती है, रूस के हवाई हमले विफल हो सकते हैं, और कूटनीतिक दबाव के चलते रूस को संभावित वार्ता की ओर मजबूर होना पड़ सकता है। हालांकि, इस निर्णय के व्यापक प्रभाव हो सकते हैं न केवल युद्ध के मैदान पर, बल्कि अमेरिकी चुनावों, नाटो नीति और वैश्विक सामरिक संतुलन पर भी।

पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की कार्यप्रणाली – कैसे काम करता है यह ‘हवाई ब्रह्मास्त्र’?

अमेरिका का पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम न केवल तकनीकी रूप से अत्यंत उन्नत है, बल्कि युद्ध के मैदान में दुश्मन के हवाई हमलों को निष्फल करने की एक प्रमाणित प्रणाली भी है। आइए इसे सरल शब्दों में समझते हैं, यह कैसे काम करता है, इसके मुख्य घटक क्या हैं, और यह क्यों रूस के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है।

सिस्टम की संरचना: चार प्रमुख घटक

पैट्रियट प्रणाली कुल चार मुख्य घटकों से मिलकर बनी होती है:

AN/MPQ-65 रडार दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को सैकड़ों किलोमीटर दूर से पहचानता है
Engagement Control  Station (ECS) पूरे सिस्टम को नियंत्रित करता है और टार्गेट चुनता है
M901 Launching Station 8 मिसाइलों को एक साथ लोड करके लॉन्च करता है
PAC-3 या GEM-T मिसाइलें दुश्मन के टार्गेट को हवा में ही नष्ट करने के लिए भेजी जाती हैं

कैसे होती है ‘सदमे से पहले की पहचान’?

पैट्रियट का रडार बहुत ही शक्तिशाली है। जैसे ही कोई मिसाइल, फाइटर जेट या ड्रोन उसकी सीमा में आता है (लगभग 160 किमी तक की दूरी से), यह तुरंत उसे ट्रैक करता है। यह रडार 360 डिग्री कवरेज देता है और सेकंड्स में दर्जनों टारगेट पहचान सकता है।

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टारगेट लॉक और निर्णय प्रणाली

जब रडार दुश्मन की वस्तु को पहचान लेता है, तब ‘Engagement Control  Station’ कंप्यूटर इसका आकलन करता है:

  • क्या यह वस्तु दुश्मन की है?
  • इसकी गति, ऊँचाई और दिशा क्या है?
  • कौन सी मिसाइल भेजी जाए?

यह पूरी प्रक्रिया मात्र 15 सेकंड से भी कम समय में पूरी होती है। निर्णय पूरी तरह स्वचालित होता है, लेकिन इंसानी हस्तक्षेप की अनुमति भी है।

मिसाइल दागने की प्रक्रिया

एक बार टारगेट लॉक हो जाने पर, Launching Station से PAC-3 या GEM-T मिसाइल छोड़ी जाती है। ये मिसाइलें:

  • मैक 4.1 (यानी ध्वनि की गति से 4.1 गुना तेज़) की स्पीड से उड़ती हैं,
  • और लक्ष्य को डायरेक्ट हिट करती हैं। मतलब टकराकर उसे नष्ट करती हैं (जैसे एक गोली निशाने पर लगे)।
  • PAC-3 मिसाइलें विशेष रूप से बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जबकि त्रश्वरू-ञ्ज वर्जन एयरक्राफ्ट व क्रूज़ मिसाइलों पर प्रभावी है।
मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग: एक साथ 20 दुश्मन खत्म

पैट्रियट सिस्टम की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह एक ही समय में 100 से ज्यादा लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और कम से कम 20 को इंटरसेप्ट (मार गिराने) की क्षमता रखता है। यह विशेषता इसे रूस के ‘सैचुरेशन अटैक’ यानी एकसाथ कई ड्रोन और मिसाइल भेजकर भ्रम पैदा करने की रणनीति को विफल करने में सक्षम बनाती है।

मोबाइल और स्केलेबल डिज़ाइन

पैट्रियट सिस्टम पूरी तरह से मोबाइल होता है इसे ट्रकों पर माउंट किया जा सकता है और किसी भी स्थान पर तैनात किया जा सकता है।

  • इसके अतिरिक्त, यह ‘स्केलेबल’ होता है यानी:
  • चाहे केवल एक रडार और एक लॉन्चिंग स्टेशन हो, या 8+ यूनिट — सिस्टम समन्वय में कार्य करता है।
  • यह नाटो के अन्य डिफेंस सिस्टम जैसे IRIS-T, NASAMS, और ठाड़ के साथ एकीकृत होकर काम कर सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर से सुरक्षा

रूस के पास शक्तिशाली इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग तकनीक है। लेकिन पैट्रियट सिस्टम में एंटी-जैमिंग रेडार लगे हैं जो इन इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेपों से बचाव कर सकते हैं। यह विशेषता इसे और अधिक भरोसेमंद बनाती है।

सीमाएं और चुनौतियां

जहाँ एक ओर पैट्रियट सिस्टम बेहद उन्नत है, वहीं इसकी कुछ सीमाएं भी हैं:

चुनौती विवरण

  • लागत: एक बैटरी की कीमत $1 बिलियन डॉलर तक हो सकती है
  • मिसाइल मूल्य: एक PAC-3 मिसाइल की कीमत $3-5 मिलियन डॉलर होती है
  • भंडारण क्षमता:  सीमित प्रत्येक लॉन्चर में अधिकतम 8 मिसाइलें होती हैं
  • तैनाती में समय: इसे स्थापित करने और संयोजित करने में कुछ घंटे लगते हैं
यूक्रेन-रूस युद्ध (2022-2025): तीन साल की टाइमलाइन

2022: युद्ध की शुरुआत और पहले वर्ष की घटनाएं

फऱवरी 2022: युद्ध की घोषणा और आक्रमण

  • 24 फरवरी 2022: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने “विशेष सैन्य अभियान” की घोषणा की।
  • उसी दिन रूसी सेना ने यूक्रेन पर चार दिशाओं से पूर्ण सैन्य आक्रमण शुरू किया, जिसमें:
  • उत्तर से बेलारूस की ओर से कीव की ओर बढऩा
  • पूर्व में डोनेत्स्क-लुहान्स्क क्षेत्र पर दबाव
  • दक्षिण में क्रीमिया से हमला
मार्च 2022: कीव पर दबाव और वैश्विक प्रतिक्रियाएँ
  • रूस ने कीव को घेरने की कोशिश की लेकिन यूक्रेन ने शक्तिशाली प्रतिरोध किया।
  • अमेरिका, यूरोप, जापान और अन्य देशों ने रूस पर अभूतपूर्व आर्थिक प्रतिबंध लगाए।
  • 1 करोड़ से अधिक लोग बेघर हुए; लाखों ने पोलैंड, स्लोवाकिया और हंगरी में शरण ली।
अप्रैल 2022: बुचा नरसंहार और वैश्विक आलोचना
  • कीव से पीछे हटने के बाद बुचा में रूसी सेनाओं पर नागरिकों की हत्या का आरोप लगा।
  • “बुचा नरसंहार” की तस्वीरों ने वैश्विक जनमत रूस के विरुद्ध कर दिया।
मई-जून 2022: डोनबास युद्ध
  • रूस ने अपना ध्यान डोनेत्स्क और लुहान्स्क पर केंद्रित किया।
  • भारी बमबारी और तोपों के प्रयोग से कई शहर नष्ट हुए (जैसे सेवेरोडोनेत्स्क)।
सितंबर 2022: खारकीव में यूक्रेन का जवाबी हमला
  • यूक्रेनी सेना ने आश्चर्यजनक जवाबी हमला किया और खारकीव के बड़े हिस्से को पुन: प्राप्त किया।
  • रूस को लॉजिस्टिक फेलियर और जनरल स्तर की असफलताओं का सामना करना पड़ा।
अक्टूबर 2022: क्रीमिया ब्रिज विस्फोट
  • 8 अक्टूबर: रूस और क्रीमिया को जोडऩे वाला केर्च ब्रिज विस्फोट से क्षतिग्रस्त हुआ।
  • रूस ने यूक्रेनी ऊर्जा अवसंरचना पर जवाबी मिसाइल हमले शुरू किए।
नवंबर 2022: खेरसॉन की मुक्ति

यूक्रेनी सेना ने खेरसॉन शहर को रूस से आज़ाद कराया-यह पहली बड़ी रणनीतिक विजय थी।

2023: लंबी लड़ाई, ड्रोन युद्ध और नाटो की भूमिका
  • जनवरी-मार्च 2023: ड्रोनों का युद्ध
  • रूस ने ईरान-निर्मित शाहिद-136 ड्रोन से कीव और अन्य शहरों पर हमला शुरू किया।
  • यूक्रेन ने “स्टारलिंक”, पोर्टेबल रडार और पश्चिमी सहायता से बचाव तंत्र मज़बूत किया।
मई 2023: बखमुत पर भीषण संघर्ष
  • बखमुत शहर रूस और यूक्रेन के बीच महीनों तक युद्ध का केंद्र रहा।
  • वाग्नर ग्रुप ने बखमुत पर नियंत्रण लेने का दावा किया, लेकिन भारी हानि उठानी पड़ी।
जून 2023: खेरसॉन बांध टूटना
  • नोवा काखोव्का बांध विस्फोट से टूटा, जिससे भारी बाढ़ आई और लाखों लोग प्रभावित हुए।
  • रूस और यूक्रेन ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए।
जुलाई-अगस्त 2023: जवाबी आक्रमण
  • यूक्रेन ने दक्षिणी मोर्चे ज़ापोरिजयि़ा और रोबोटिन में जवाबी आक्रमण शुरू किया।
  • धीमी प्रगति और भारी बारूदी सुरंगों ने यूक्रेनी सेना की रफ्तार रोक दी।
सितंबर 2023: एफ-16 और अमेरिकी समर्थन की घोषणा
  • अमेरिका ने पहली बार यूक्रेन को F-16 लड़ाकू विमान देने की सहमति दी।
  • यूक्रेन को डेनमार्क, नीदरलैंड और नॉर्वे से भी रक्षा सहायता मिली।
नवंबर 2023: इजराइल-गाज़ा संघर्ष के बीच अमेरिका का ध्यान बंटा

दुनिया का ध्यान गाज़ा युद्ध की ओर मुडऩे से यूक्रेन को सैन्य सहायता में थोड़ी गिरावट महसूस हुई।

2024: थकावट, कूटनीति और अमेरिका में चुनावी असर

जनवरी-मार्च 2024: युद्ध का ठहराव

  • कई मोर्चों पर स्थिरता दिखने लगी।
  • दोनों सेनाएं लंबी दूरी के हमलों और ड्रोन हमलों पर निर्भर हो गईं।
  • मार्च 2024: रूस ने एविडिवका पर नियंत्रण पाया
  • यह डोनेत्स्क के पास स्थित एक प्रमुख यूक्रेनी ठिकाना था।
मई-जून 2024: अमेरिका में बजट विवाद

अमेरिका में बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को अतिरिक्त सहायता देने के लिए बिल पास कराया, लेकिन रिपब्लिकन सांसदों के विरोध के कारण देरी हुई।

  • रक्षा सहायता अस्थायी रूप से रोकी गई।
  • जुलाई 2024: NATO समिट में यूक्रेन को ‘लॉन्ग टर्म गारंटी’
  • नाटो देशों ने कहा कि यूक्रेन को दीर्घकालिक सैन्य और वित्तीय समर्थन मिलेगा।
  • अभी भी यूक्रेन को औपचारिक सदस्यता नहीं दी गई।
अक्टूबर 2024: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार में युद्ध मुद्दा बना
  • ट्रंप और बाइडेन के बीच यूक्रेन पर भिन्न मत सामने आए:
  • ट्रंप ने कहा कि वह सत्ता में आकर युद्ध समाप्त करवा देंगे।
  • बाइडेन ने रूस को ‘तानाशाही खतरा’ करार दिया।
2025: वर्तमान घटनाएं और आगे की दिशा
  • जनवरी-मार्च 2025: युद्ध की थकान और शांति की संभावनाएँ
  • युद्ध में तीन वर्ष पूरे हो चुके थे।
  • रूस और यूक्रेन दोनों ने अप्रत्यक्ष रूप से संभावित वार्ता की इच्छा जताई, लेकिन शर्तें तय नहीं हो पाईं।
अप्रैल 2025: ज़ेलेंस्की की नई रक्षा रणनीति
  • यूक्रेन ने संयुक्त रक्षा उत्पादन, निवेश और स्वदेशी हथियार निर्माण की नीति अपनाई।
  • मई-जून 2025: अमेरिका से फिर पैट्रियट, ड्रोन, F-16 की मांग
  • ज़ेलेंस्की ने ट्रंप से बात की और पैट्रियट मिसाइल सिस्टम पर चर्चा हुई।
  • अमेरिका ने अस्थायी रूप से डिलीवरी रोकी लेकिन फिर से समीक्षा शुरू हुई।
जुलाई 2025 (अब तक की स्थिति)
  • लड़ाई जारी है, लेकिन धीमी गति से।
  • डोनबास और दक्षिणी यूक्रेन के कुछ क्षेत्रों में रूस का नियंत्रण बना हुआ है।
  • पश्चिमी समर्थन लगातार दबाव में है, लेकिन पूरी तरह बंद नहीं हुआ।
खबर का स्रोत
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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