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Russia-Ukraine war: क्या यूरोप और NATO रूस पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं? क्या तीसरे विश्व युद्ध की आहट है?

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Russia-Ukraine war: रूस-यूक्रेन युद्ध, जो अब लगभग दो वर्षों से अधिक समय से चल रहा है, हाल के दिनों में तेजी से बढ़ा है और यूरोप के समूचे क्षेत्र को अपनी चपेट में लेने का खतरा उत्पन्न कर रहा है। इस संघर्ष ने एक वैश्विक युद्ध की आशंका को जन्म दिया है, जिससे तीसरे विश्व युद्ध की संभावनाएं सशक्त होती दिख रही हैं। इस उथल-पुथल के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका और NATO के अन्य सदस्य देशों ने रूस के खिलाफ युद्ध की तैयारी तेज कर दी है। NATO के यूरोपीय सदस्य देश अपनी रक्षा तंत्र को और मजबूत करने में जुटे हैं, ताकि यदि स्थिति बिगड़ती है, तो वे रूस और उसके सहयोगियों से होने वाली संभावित आक्रामकता का सामना कर सकें।

रूस की बढ़ती धमकियां और NATO की तैयारी
रूस की सेना द्वारा उन देशों पर हमले की धमकी दिए जाने के बाद, जो रूस की सीमाओं के नजदीक स्थित हैं, यूरोपीय देशों में सुरक्षा उपायों को लेकर हड़कंप मच गया है। नवंबर 2023 के अंत से यूरोपीय देशों ने अपनी रक्षा रणनीतियों को अपडेट करना शुरू कर दिया है। जर्मनी की विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख ब्रूनो काल ने हाल ही में यह चेतावनी दी कि मास्को पश्चिमी देशों के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रहा है। हालांकि, काल का मानना है कि अगर NATO और विशेषकर अमेरिका, रूस के खिलाफ एकजुट रहते हैं, तो रूस कोई बड़ा आक्रमण नहीं करेगा।

NATO देशों का एकजुटता परीक्षण

विशेषज्ञों के मुताबिक, रूस अपनी शक्ति का परीक्षण करने के लिए NATO देशों के बीच एकता में दरार डालने के प्रयास कर रहा है। सितंबर में यूरोपीय संघ के रक्षा आयुक्त, आंद्रियस कुबिलियस ने यह स्पष्ट किया था कि NATO और EU के सदस्य देशों ने इस बात को स्वीकार किया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूरोपीय देशों पर आक्रमण की तैयारी कर रहे हैं। उनका मानना ​​है कि अगले 6-8 वर्षों के भीतर एक बड़ा युद्ध छिड़ सकता है, जिसमें रूस पूरी ताकत से यूरोप के खिलाफ युद्ध छेड़ेगा।

यूरोप की युद्ध पूर्व तैयारी

रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के बढ़ते प्रभाव के साथ, यूरोपीय देशों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने का निर्णय लिया है। NATO के पूर्वी सदस्य देशों जैसे पोलैंड और बाल्टिक राज्य (एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया) अपनी सीमाओं की सुरक्षा को पहले से कहीं अधिक मजबूत कर रहे हैं। इन देशों ने रूस और उसके सहयोगी बेलारूस से संभावित आक्रमण को देखते हुए अपनी सुरक्षा रणनीतियों में व्यापक बदलाव किए हैं।

लिथुआनिया, एस्टोनिया और लातविया ने अपनी सीमाओं को और मजबूत करने के लिए आपसी रक्षा समझौते किए हैं, जबकि जर्मनी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बनाए गए बंकरों को फिर से तैयार किया है। जर्मनी ने नागरिकों के लिए एक ऐप भी विकसित किया है, जिससे वे हमले की स्थिति में अपने नजदीकी बंकर को आसानी से ढूंढ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, पोलैंड, जो रूस के कालिनिनग्राद एक्सक्लेव और बेलारूस के साथ सीमा साझा करता है, ने अपनी ‘ईस्ट शील्ड’ परियोजना के तहत अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है।

नागरिकों को युद्धकालीन तैयारी के लिए जागरूक करना

युद्ध की आशंका के मद्देनजर, यूरोपीय देशों में अब नागरिकों को भी युद्धकालीन संकट के लिए तैयार किया जा रहा है। स्वीडन और फिनलैंड, जो हाल ही में NATO का हिस्सा बने हैं, अपने नागरिकों को युद्ध की स्थिति में क्या करना चाहिए, इस बारे में पर्चे वितरित कर रहे हैं। साथ ही, लिथुआनिया ने अपने नागरिकों के लिए विस्तृत निकासी योजनाएं तैयार की हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें त्वरित और सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला जा सके।

बाल्टिक देशों और हंगरी ने भी अपनी हवाई रक्षा प्रणालियों को मजबूत किया है और नए रक्षा ढांचे की घोषणा की है। ये कदम इस बात का संकेत हैं कि यूरोपीय देशों ने युद्ध के संभावित विस्तार से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को काफी बढ़ा लिया है।

रूस-यूक्रेन युद्ध: यूक्रेन की नई रणनीति

इस बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेन्स्की ने एक चौंकाने वाली घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि यदि यह युद्ध समाप्त करने के लिए आवश्यक हो, तो वह रूस को कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्रों को सौंपने के लिए तैयार हैं। उनका यह बयान रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक संभावित वार्ता की ओर इशारा करता है, लेकिन यह निर्णय पूरी दुनिया के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अब केवल दोनों देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया पर इसके गहरे प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। NATO और यूरोपीय देश  युद्ध की बढ़ती संभावनाओं के मद्देनज़र अपनी रणनीतियों को लगातार अपडेट कर रहे हैं, ताकि किसी भी संकट का सामना करने के लिए वे पूरी तरह से तैयार रहें। यह स्थिति न केवल यूरोप के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक खतरनाक मोड़ पर आ खड़ी है, जहां किसी भी समय तीसरे विश्व युद्ध की आहट सुनाई दे सकती है।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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