
कीव/मॉस्को. Russia-Ukraine War: यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने रविवार को अपने देश की सुरक्षा एजेंसियों और सशस्त्र बलों द्वारा रूसी धरती पर की गई एक अभूतपूर्व सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी। इस ऑपरेशन को उन्होंने “शानदार और ऐतिहासिक” करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ़ रूस के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया था, जिसमें मास्को को “न्यायसंगत और योग्य” नुकसान हुआ है। ज़ेलेंस्की ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए बताया कि इस ऑपरेशन में कुल 117 ड्रोन का उपयोग किया गया, जो रूस के कई रणनीतिक सैन्य ठिकानों को भेदने में सफल रहे। उन्होंने इसे यूक्रेन की अब तक की “सबसे अनूठी और सफल ऑपरेशन” में से एक बताया।
ऑपरेशन स्पाइडरवेब: डेढ़ साल की तैयारी, तगड़ा वार
यूक्रेनी सुरक्षा सेवा द्वारा “ऑपरेशन स्पाइडरवेब” को अंजाम दिया गया, जिसकी योजना पर डेढ़ साल से अधिक समय से काम चल रहा था। ज़ेलेंस्की ने जानकारी दी कि ऑपरेशन की कमान यूक्रेनी सुरक्षा सेवा प्रमुख वासिल मलिउक के नेतृत्व में थी और हर एक कदम को बारीकी से योजनाबद्ध किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा प्रमुख वासिल मलिउक ने मुझे जो रिपोर्ट सौंपी, वह असाधारण थी। यह ऑपरेशन पूरी तरह से दुश्मन के क्षेत्र में, केवल सैन्य ठिकानों के खिलाफ़ किया गया था – खासतौर पर उन उपकरणों के खिलाफ़ जो यूक्रेन पर हमलों में इस्तेमाल हो रहे थे।
रूस की हवाई शक्ति को करारा झटका
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस ऑपरेशन में रूस के 40 से अधिक सामरिक लड़ाकू विमानों को निशाना बनाया गया। इनमें शामिल हैं:
- TU-95 और TU-22M3 रणनीतिक बॉम्बर्स
- A-50 निगरानी विमान (रूस के पास गिने-चुने बचे हैं
इनमें से कई विमान उन हवाई अड्डों पर खड़े थे जो रूस की प्रमुख सामरिक मिसाइल क्षमताओं को संचालित करते हैं।
ऑपरेशन की कुछ खास बातें
- 117 ड्रोन की मदद से हमला
- 34 प्रतिशत रणनीतिक क्रूज़ मिसाइल कैरियर्स को नुकसान
- हमले के लिए तीन टाइम ज़ोन में तैनात किया गया यूक्रेनी स्टाफ़
- सहयोगियों को ऑपरेशन से पहले रूस से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया
- अनुमानित 7 अरब डॉलर का नुकसान
हमले के प्रमुख ठिकाने
- बेलाया एयरबेस (IRKUTSK) – यूक्रेन से 4500 किमी दूर
- दियागिलेवो एयरबेस (RYAZAN) – पश्चिमी रूस में, कीव से 520 किमी
- ओलेन्या बेस (MURANSK, आर्कटिक सर्कल)
- इवानोवो एयरबेस
यूक्रेनी सूत्रों का दावा है कि इन सभी ठिकानों पर एक साथ हमले किए गए और रूस की रणनीतिक हवाई क्षमता को बड़े स्तर पर ध्वस्त किया गया।
एफएसबी मुख्यालय के पास से ऑपरेशन की निगरानी!
ज़ेलेंस्की ने यह भी खुलासा किया कि इस ऑपरेशन की निगरानी करने वाला “ऑफिस” एफएसबी (रूसी खुफिया एजेंसी) के क्षेत्रीय मुख्यालय के करीब था। यह बात उन्होंने गर्व के साथ साझा की और कहा कि यह “यूक्रेनी सुरक्षा तंत्र की साहसिक और उन्नत क्षमताओं” का प्रमाण है।
रूसी हमले की आशंका पहले ही जताई थी
यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि रूस एक बड़े पैमाने का हमला करने की तैयारी कर रहा है। शनिवार रात को रूस की ओर से लगभग 500 ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की गई, जिनमें से अधिकांश को यूक्रेनी सुरक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया। ज़ेलेंस्की ने कहा कि हर सप्ताह रूस हमलों की तीव्रता बढ़ा रहा है। अब वे समुद्री वाहकों से कैलिब्र मिसाइलें भी दाग रहे हैं। हम जानते हैं कि हम किससे लड़ रहे हैं, और हम हर संभव तरीके से अपना बचाव करेंगे।
ज़ेलेंस्की बोले: हमने युद्ध नहीं चाहा, अब भी युद्धविराम के लिए तैयार हैं
ज़ेलेंस्की ने संबोधन में कहा कि यूक्रेन ने 11 मार्च से ही युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था, जिसे अमेरिका ने समर्थन भी दिया। लेकिन रूस ने अब तक इस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हमने रूस को युद्धविराम का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने युद्ध को ही चुना। अब विश्व समुदाय को मिलकर रूस पर दबाव बनाना चाहिए – प्रतिबंधों के ज़रिए, कूटनीति के ज़रिए, और सैन्य दबाव के ज़रिए।
इस्तांबुल में शांति वार्ता से ठीक पहले हुआ हमला
यह ऑपरेशन ऐसे समय पर हुआ है जब यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता की संभावनाएं फिर से जागी हैं। सोमवार को इस्तांबुल में दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों के मिलने की योजना है। हालांकि CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इन वार्ताओं को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। बताया गया है कि यूक्रेन की ओर से जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
पूर्ण और बिना शर्त युद्धविराम
- कैदियों की अदला-बदली
- बंधकों और अपहृत बच्चों की रिहाई
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले तुर्की में प्रत्यक्ष वार्ता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन बाद में खुद इन बैठकों में शामिल नहीं हुए। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस रुकावट पर नाराजग़ी ज़ाहिर की है और पुतिन से वार्ता में तेजी लाने की अपील की है।
क्या अब बदलेगा युद्ध का रुख?
यूक्रेन द्वारा रूसी धरती पर सबसे बड़े और समन्वित हमले ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अब केवल बचाव में नहीं, बल्कि आक्रामक नीति भी अपना रहा है। यह हमला रूस के लिए सैन्य और मनोवैज्ञानिक दोनों स्तरों पर एक बड़ा झटका है। जहाँ एक ओर यूक्रेन यह संदेश देना चाहता है कि उसकी सैन्य क्षमताएं गहराई तक प्रहार करने में सक्षम हैं, वहीं दूसरी ओर वह वैश्विक समुदाय को यह भी बताना चाहता है कि वह अब भी शांति के लिए तैयार है, लेकिन सम्मानजनक शर्तों पर।
(WITH ANI INPUT)
