
नई दिल्ली. Share Market Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के कारण वैश्विक बाजारों में मची उथल-पुथल का असर भारत के शेयर बाजार पर भी साफ देखा जा रहा है। कारोबार शुरू होते ही बीएसई सेंसेक्स में 3500 अंकों की गिरावट आई, वहीं एनएसई निफ्टी भी 1000 अंक तक गिर गया। इस ऐतिहासिक गिरावट ने निवेशकों में अफरातफरी मचा दी है, जबकि रिलायंस और टाटा जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों पर भी इसका गहरा असर पड़ा।
सेंसेक्स और निफ्टी में 5 % से ज्यादा की गिरावट
आज के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स अपने पिछले बंद स्तर 75,364.69 से लुडक़ते हुए 71,449 के स्तर तक पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी भी 22,904 से गिरकर 21,758 पर खुला और कुछ ही समय में निफ्टी-50 में 1,000 अंक की गिरावट देखी गई। सेंसेक्स भी 71,425 तक आ गया।
रिलायंस, टाटा और अन्य दिग्गज कंपनियों के शेयरों में गिरावट
आज के गिरावट के दौरान बीएसई का लार्जकैप इंडेक्स पूरी तरह से लाल हो गया। टाटा स्टील का शेयर 10.43त्न गिरकर 125.80 रुपये पर आ गया। इसके अलावा, टाटा मोटर्स 8.29त्न, इंफोसिस 7.01त्न, टेक महेन्द्रा 6.85त्न, एल एंड टी 6.19त्न, एचसीएल टेक 5.95त्न, अडानी पोर्टस 5.54त्न, टीसीएस 4.99त्न, रिलायंस 4.55त्न और एनटीपीसी 4.04त्न की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, मारूति, कोटक बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसईंड बैंक, टाइटन, एसबीआई, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी 2-3त्न की गिरावट देखने को मिली।
वैश्विक मंदी और अर्थव्यवस्था पर खतरे के संकेत
इस गिरावट के साथ ही विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक मंदी के संकेत साफ तौर पर दिख रहे हैं। बढ़ती महंगाई, केंद्रीय बैंकों की सख्त नीतियां और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के कारण यह गिरावट जारी रहने का अंदेशा है। यदि यह सिलसिला जारी रहता है, तो न केवल शेयर बाजार, बल्कि समूची अर्थव्यवस्था एक गहरे संकट में फंस सकती है। छोटे निवेशक से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक सभी अपने नुकसान का आकलन करने में लगे हुए हैं। साथ ही, आम जनता भी इस आर्थिक तूफान के प्रभाव को सडक़ों पर महसूस कर रही है, क्योंकि उनका भविष्य और जमा-पूंजी अब इस बाजार के उतार-चढ़ाव से जुड़ी हुई है।
