
सीरिया. Syrian Civil war: लुकास किन्नी, जो एक ब्रिटिश नागरिक और हॉलीवुड निर्देशक के बेटे हैं, ने जब इस्लाम अपनाया, तो पूरी दुनिया हैरान रह गई थी। अब एक बार फिर वह सुर्खियों में हैं, क्योंकि उन्होंने हयात तहरीर अल-शाम जैसे कट्टरपंथी सीरियाई विद्रोही समूह में एक महत्वपूर्ण पद हासिल कर लिया है। अपनी प्रभावशाली सोशल मीडिया उपस्थिति और रणनीतिक रूप से चलाए गए अभियानों के चलते किन्नी को इस समूह के नेतृत्व का आदर और मान्यता प्राप्त हुई है। उनका एक वीडियो, जिसमें वह कंधे पर एक एके-47 राइफल लिए हुए थे, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस वीडियो में एक दिलचस्प और अनोखा पहलू यह था कि किन्नी ने अपने साथ एक टूथब्रश भी ले रखा था, जो बाद में ऑनलाइन दर्शकों के बीच हंसी-मजाक का विषय बन गया।
लुकास किन्नी का अतीत
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लुकास किन्नी वह पहले सफेद ब्रिटिश नागरिक थे, जिन्होंने सीरिया में जिहाद में भाग लिया था। आज वह हयात तहरीर अल-शाम के प्रमुख सदस्य बन चुके हैं, लेकिन उनकी वर्तमान स्थिति पर कई सवाल बने हुए हैं, खासकर यह कि क्या वह अब जीवित हैं या नहीं। किन्नी के माता-पिता ने लंदन में अपने बेटे के बारे में कोई जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया है। लुकास का जन्म पश्चिमी लंदन के हैमरस्मिथ में हुआ था। उनके पिता, पैट्रिक किन्नी (68), एक अमेरिकी नागरिक हैं और फ्लोरिडा में रहते हैं, जबकि उनकी मां डेबोरा (62) ब्रिटिश नागरिक हैं।
पैट्रिक किन्नी हॉलीवुड की मशहूर फिल्मों जैसे ‘इंडियाना जोन्स एंड द लास्ट क्रूसेड’ और ‘एम्पायर ऑफ द सन’ में काम कर चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, लुकास के माता-पिता के बीच तलाक उस समय हुआ था, जब वह एक कैथोलिक प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। उनकी मां डेबोरा अब अपने दूसरे पति के साथ पश्चिमी इंग्लैंड में रहती हैं और अब वह डेबोरा फिट्स के नाम से जानी जाती हैं।
शिक्षा और धर्म परिवर्तन
लुकास किन्नी ने अपनी किशोरावस्था में कैथोलिक धर्म अपनाया था और ‘होल्ली कम्यूनियन’ में भाग लिया था, जो कैथोलिक धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। स्कूल में रहते हुए उन्होंने एक पुजारी बनने का विचार भी किया था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनका जीवन एक नई दिशा में मुड़ने लगा, और वह एक कट्टरपंथी विचारधारा को अपनाने लगे।
जिहाद में भागीदारी और इस्लाम धर्म अपनाना
लुकास किन्नी ने 2013 में नुसरा फ्रंट (जो बाद में हयात तहरीर अल-शाम में तब्दील हो गया) में शामिल होने का फैसला लिया। इस समूह ने बशर अल-असद के शासन के खिलाफ सीरिया में संघर्ष किया और किन्नी ने इस संघर्ष में भाग लिया। उन्होंने कई प्रोपेगैंडा वीडियो में अपनी उपस्थिति दर्ज की, जिसमें वह एके-47 राइफल के साथ नजर आए। उन्होंने अल-कायदा से अपनी निष्ठा भी जाहिर की।
नाम बदलकर ‘अबू बसिर अल-ब्रिटानी’
इस्लाम अपनाने के बाद, लुकास ने अपना नाम बदलकर अबू बसिर अल-ब्रिटानी रख लिया। 2018 में उन्हें सीरिया के इदलिब प्रांत के ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हुए देखा गया था। अगर वह अब भी जीवित हैं, तो उनकी उम्र अब 35 साल होगी।
परिवार की प्रतिक्रिया
लुकास किन्नी के सौतेले पिता, जो पश्चिमी इंग्लैंड में एक पत्थर के घर में रहते हैं, ने ‘डेली मेल’ से बातचीत करने से मना कर दिया और अपने सौतेले बेटे के जिहादी बनने पर कोई टिप्पणी नहीं की। 2015 में मिसेज डेबोरा फिट्स (लुकास की मां) ने मीडिया से कहा था, “लुकास अब एक लक्ष्य बन चुका है। मुझे खुशी है कि वह अल-कायदा से जुड़ा है, इस्लामिक स्टेट से नहीं, लेकिन जाहिर है मुझे चिंता होती है।” लुकास किन्नी का जीवन एक उलझन भरे और असाधारण सफर की तरह है। वह एक कैथोलिक परिवार से शुरू होकर एक कट्टरपंथी ब्रिटिश जिहादी बन गए। आज उनका नाम हयात तहरीर अल-शाम के एक प्रमुख सदस्य के रूप में जाना जाता है। हालांकि, उनके जीवन की वर्तमान स्थिति और भविष्य पर कई सवाल बने हुए हैं, खासकर यह कि वह अब जीवित हैं या नहीं। क्या उनका जीवन अंधेरे रास्ते पर और आगे बढ़ेगा, या उनका अस्तित्व अब समाप्त हो चुका है? यह सवाल केवल समय ही हल कर सकेगा।
