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Taliban attacked Pakistan: तालिबान ने पाकिस्तान पर हमला किया, बड़ी संख्या में सैनिक मारे गए, अब स्थिति कुछ और गंभीर…

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Taliban attacked Pakistan: Taliban attacked Pakistan, a large number of soldiers were killed, now the situation is more serious…
Taliban attacked Pakistan: तालिबान के काबुल में सत्ता में लौटने के बाद, पाकिस्तान ने इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा था। उस समय के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान के सत्ता में लौटने का स्वागत करते हुए इसे अफ़ग़ानिस्तान की स्वतंत्रता की ओर एक कदम बताया था। उन्होंने इसे “गुलामी की जंजीरों को तोड़ने” जैसा बताया। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख़ राशिद अहमद ने भी तालिबान के सत्ता में वापसी को इस क्षेत्र के लिए फायदेमंद बताया था। लेकिन अब, वही तालिबान पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। हाल ही में तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा पार कर एक गंभीर हमले को अंजाम दिया, जिसमें कम से कम 19 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। पाकिस्तान सेना ने जवाबी कार्रवाई में 13 तालिबान लड़ाकों को मार गिराने का दावा किया है।
तालिबान से दोस्ती का अब खामियाजा 
तालिबान और पाकिस्तान के रिश्तों का इतिहास बहुत जटिल रहा है। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के खिलाफ तालिबान ने कई सालों तक संघर्ष किया, और इस दौरान पाकिस्तान ने उसे अपने क्षेत्र में सुरक्षित पनाह दी। पाकिस्तान के प्रमुख शहरों जैसे क्वेटा, पेशावर और कराची में तालिबान के नेता आराम से छिपते रहे। पाकिस्तान ने तालिबान के पुनरुत्थान में मदद की थी, और इसके बिना तालिबान का अफगानिस्तान में पुनः सत्ता में लौटना मुश्किल था। लेकिन अब, तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद, पाकिस्तान के लिए यह सहयोग एक भारी बोझ बन चुका है। हाल ही में पाकिस्तान पर किए गए हमलों ने यह सिद्ध कर दिया कि तालिबान का पाकिस्तान से नाता अब उलट चुका है।
पाकिस्तान द्वारा की गई हवाई हमलों का बदला 
तालिबान का यह ताजा हमला पाकिस्तान के अफगानिस्तान में किए गए हवाई हमलों का प्रतिशोध था। पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में बमबारी की थी, जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। तालिबान ने इस हमले को “कायरतापूर्ण” बताते हुए बदला लेने की धमकी दी थी। इसके तीन दिनों के भीतर, तालिबान के लड़ाकों ने पाकिस्तान की सीमा पार कर दी और बड़े पैमाने पर हमला बोल दिया। अफगान रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को स्वीकार किया लेकिन इसे पाकिस्तान की सीमा के रूप में मान्यता देने से इनकार किया।
ड्यूरेन्ड लाइन विवाद और तालिबान का रुख 
ड्यूरेन्ड लाइन, जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान अफगानिस्तान और भारत के बीच सीमा के रूप में खींचा गया था, हमेशा से विवादित रही है। पाकिस्तान के गठन के बाद से कोई भी अफगान सरकार ने इस सीमा को स्वीकार नहीं किया। पाकिस्तान इस सीमा पर बाड़ लगा रहा है, लेकिन तालिबान इस सीमा को मानने से हमेशा इनकार करता रहा है। यहां तक कि 1990 के दशक में भी तालिबान ने ड्यूरेन्ड लाइन को सीमा के रूप में नहीं माना था।
पाकिस्तान के लिए बढ़ती समस्याएं – TTP का खतरा 
पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की गतिविधियां हाल के महीनों में तेज हो गई हैं। खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में पाकिस्तान सेना पर हमलों में वृद्धि हुई है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह हमले और भी बढ़ गए हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान TTP के आतंकवादियों को अफगानिस्तान में पनाह दे रहा है और पाकिस्तान के खिलाफ हमले करने की छूट दे रहा है, हालांकि तालिबान ने इस आरोप को खारिज किया है।
पाकिस्तान की गलत रणनीति का प्रतिफल 
तालिबान अब वही रणनीति अपना रहा है जो पाकिस्तान ने पहले अमेरिका और अफगान सरकार की मांगों को नकारते हुए तालिबान के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए अपनाई थी। तालिबान ने पाकिस्तान से कहा है कि वह TTP से संबंधित अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही करें। तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान के आंतरिक मुद्दों पर अफगानिस्तान का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि अब पाकिस्तान को अपने पुराने फैसलों का खामियाजा अकेले ही भुगतना पड़ रहा है, जब उसने तालिबान को समर्थन दिया था।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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