
जयपुर. India Pakistan War: पाकिस्तान सीमा से सटे इलाकों में बढ़ते तनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को आपातकालीन बैठक बुलाकर पूरे राज्य को अलर्ट मोड में डाल दिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “सीमावर्ती जिलों में हर जरूरी संसाधन और मानव बल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि संकट के समय त्वरित सहायता दी जा सके।” उन्होंने प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और उन्हें अपने मुख्यालय पर मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं।
सीमावर्ती जिलों को मिलेगा अतिरिक्त फंड और फोर्स
मुख्यमंत्री ने श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर को 5 करोड़ रुपये तथा फलौदी, जोधपुर और हनुमानगढ़ को 2.5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी करने के निर्देश दिए हैं ताकि ये जिले आपात स्थिति में तेजी से संसाधनों का प्रबंधन कर सकें। इसके अलावा, एसडीआरएफ की टीमें, अतिरिक्त आरएसी व होमगार्ड कंपनियां, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस सेवाएं भी सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजी जा रही हैं। चिकित्सालयों में दवाएं, ब्लड बैंक और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
ब्लैकआउट ड्रिल और इमरजेंसी प्लान पर सख्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैकआउट ड्रिल को गंभीरता से लागू किया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। आपात परिस्थितियों में नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए एक ठोस कार्य योजना के तहत प्रशासन को चौबीसों घंटे सतर्क रहना होगा।
सीधी निगरानी में सीमावर्ती जिले, रोजाना हो रही समीक्षा
भजनलाल शर्मा खुद हर सीमावर्ती जिले के डीएम, एसपी और रेंज आईजी से प्रतिदिन स्थिति का फीडबैक ले रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सेना और केंद्रीय एजेंसियों से समन्वय बनाकर काम किया जाए ताकि हर चुनौती का समय रहते जवाब दिया जा सके।
बैठक में आला अधिकारी मौजूद
मुख्यमंत्री निवास पर हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, डीजीपी यू.आर. साहू, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार, इंटेलिजेंस डीजी संजय अग्रवाल और एडीजी कानून व्यवस्था विशाल बंसल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
