
Trident-II D5 Missile: आज के समय में किसी देश की सैन्य शक्ति केवल उसके सैनिकों या टैंकों की संख्या से नहीं आंकी जाती, बल्कि उसकी आधुनिक मिसाइल प्रणाली और परमाणु हथियारों की क्षमता इस शक्ति का असली पैमाना बन चुकी है। ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक है कि दुनिया की सबसे महंगी मिसाइल कौन सी है, किस देश के पास है, और आखिर इसकी कीमत इतनी ज्यादा क्यों है? इस विश्लेषण में हम आपको बताएंगे एक ऐसी मिसाइल के बारे में जिसकी प्रति यूनिट कीमत लगभग 255 करोड़ रुपये (30.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर) है यह है ट्राइडेंट-II D5 मिसाइल।
ट्राइडेंट-II D5: कौन से देश के पास है यह मिसाइल?
ट्राइडेंट मिसाइल एक पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका ने विकसित किया है। यह अमेरिका और ब्रिटेन की नौसेनाओं में उपयोग में लाई जाती है। इसका मतलब यह है कि इन दोनों देशों की परमाणु पनडुब्बियों में ट्राइडेंट-II D5 मिसाइलें तैनात हैं और ये दोनों देश इसे अपनी परमाणु हमले की नीति का केंद्रीय स्तंभ मानते हैं।
विशेष विशेषताएं: क्यों खास है ट्राइडेंट मिसाइल?
1. लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता
ट्राइडेंट-II D5 मिसाइल की अधिकतम सीमा लगभग 6,500 समुद्री मील (करीब 12,000 किलोमीटर) है। इस वजह से यह मिसाइल दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंच सकती है और वैश्विक स्तर पर परमाणु हमला करने में सक्षम है।
2. एक साथ कई लक्ष्य भेदने की ताकत
इस मिसाइल में “मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल” प्रणाली होती है, जिसका मतलब है कि इसमें कई छोटे-छोटे परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं जो अलग-अलग दिशाओं में अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक मिसाइल से एक ही समय में अलग-अलग शहरों पर हमला किया जा सकता है।
3. अंतरिक्ष में इंजनरहित यात्रा
एक बार लॉन्च होने के बाद यह मिसाइल बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र पर चलती है यानी यह गुरुत्वाकर्षण और गति के बल से अंतरिक्ष में बिना इंजन के यात्रा करती है। यह प्रणाली न केवल अत्याधुनिक है, बल्कि इसे ट्रैक और इंटरसेप्ट करना भी बेहद कठिन बना देती है।
4. पनडुब्बी आधारित लॉन्च प्रणाली
ट्राइडेंट-II D5 मिसाइल परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों से लॉन्च की जाती है। ये पनडुब्बियां समंदर की गहराई में छिपी रहती हैं और दुश्मन की जानकारी में आए बिना किसी भी समय, कहीं से भी हमला कर सकती हैं।
इतनी महंगी क्यों है ट्राइडेंट मिसाइल?
प्रति मिसाइल लागत: 30.9 मिलियन डॉलर (करीब 255 करोड़ रुपये)
ट्राइडेंट-II D5 मिसाइल की प्रति यूनिट कीमत 30.9 मिलियन डॉलर (वर्ष 2019 तक) बताई गई है। इस मिसाइल कार्यक्रम की कुल लागत अरबों डॉलर में आंकी गई है। इसका कारण है:-
- अत्याधुनिक तकनीक जैसे कि एमआईआरवी, बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र नियंत्रण और सटीक लक्ष्य निर्धारण।
- अत्यधिक महंगे रॉकेट प्रणालियां और परमाणु हथियारों का संयोजन।
- गुप्त तकनीकों और संचालन की सुरक्षा।
- अंतरिक्ष तक पहुंचने और वहां से लक्ष्य भेदने की जटिलता।
इसके अलावा, इस प्रकार की मिसाइल का रखरखाव, संचालन, प्रशिक्षण और पनडुब्बियों के साथ समन्वय अत्यंत महंगा और जटिल होता है।
ट्राइडेंट-II D 5: सामरिक रणनीति का आधार स्तंभ
ट्राइडेंट-II D5 मिसाइल अमेरिका और ब्रिटेन की रणनीतिक परमाणु नीति का एक अहम हिस्सा है। यह केवल एक हथियार नहीं है, बल्कि एक ऐसा मनौवैज्ञानिक दबाव है जो इन देशों को वैश्विक सैन्य शक्ति बनाए रखने में मदद करता है। इसकी गुप्त तैनाती, व्यापक पहुंच, और एक साथ कई हमलों की क्षमता इसे परमाणु संतुलन बनाए रखने वाला एक शक्तिशाली औजार बनाती है।
क्या है इसका भविष्य?
अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ही देश ट्राइडेंट-II D5 मिसाइलों को 2040 तक अपनी नौसेनाओं में उपयोग करते रहने की योजना बना चुके हैं। अमेरिका डी 5 एलई (लाइफ एक्सटेंशन) कार्यक्रम के तहत इन मिसाइलों को और अधिक आधुनिक बना रहा है। इससे ये मिसाइलें आने वाले दशकों में भी अप-टू-डेट और कार्यशील बनी रहेंगी।
दुनिया की सबसे महंगी मिसाइल क्यों है ट्राइडेंट?
- यह पनडुब्बियों से दागी जाने वाली परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है।
- एक समय में कई लक्ष्यों को अलग-अलग दिशाओं में भेदने की ताकत रखती है।
- इसकी मारक क्षमता, लंबी दूरी और चुपके से प्रहार की विशेषता इसे अनूठा बनाती है।
- प्रति यूनिट 255 करोड़ रुपये की कीमत के साथ यह दुनिया की सबसे महंगी मिसाइल बन चुकी है।
यह मिसाइल केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि एक रणनीतिक हथियार प्रणाली है जो दुश्मनों के लिए मनोवैज्ञानिक दबाव का भी साधन है।
(नोट: यह खबर इंटरनेट पर उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर तैयार की गई है। bharatupdate9.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
