
नई दिल्ली. One Nation One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने भारत में एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के लागू होने से 22 राज्यों में समय से पहले चुनाव कराने होंगे, जबकि 4 राज्यों में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वन नेशन वन इलेक्शन लागू होता है तो राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में देरी से चुनाव होंगे।
ये होंगे फायदे
- चुनाव खर्च में कमी
- प्रशासनिक मशीनरी पर दबाव कम होगा
- राजनीतिक दलों की गतिविधियों में कमी
- मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी
क्या होगा नुकसान
- छोटे राजनीतिक दलों पर असर
- विपक्षी दलों को कम समय मिलेगा
- चुनाव आयोग की चुनौतियां बढ़ेंगी
- राज्यों की स्वायत्तता पर असर
22 राज्यों पर इसका प्रभाव
- बिहार
- कर्नाटक
- दिल्ली
- गोवा
- असम
- गुजरात
- हरियाणा
- हिमाचल प्रदेश
- झारखंड
- केरल
- महाराष्ट्र
- मणिपुर
- मेघालय
- नागालैंड
- पुडुचेरी
- पंजाब
- तमिलनाडु
- त्रिपुरा
- उत्तर प्रदेश
- उत्तराखंड
- जम्मू-कश्मीर
- पश्चिम बंगाल
इन 4 राज्यों पर कोई प्रभाव नहीं
- ओडिशा
- आंध्र प्रदेश
- सिक्किम
- अरुणाचल प्रदेश
क्रियान्वयन समूह का गठन किया जाएगा
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मिली मंजूरी की जानकारी हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए एक क्रियान्वयन समूह का गठन किया जाएगा। अगले कुछ महीनों में देश भर के विभिन्न मंचों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
