
Who is Kaamya Karthikeyan: आज हम आपको एक ऐसी युवा लड़की से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने साहस और संकल्प की नई मिसाल कायम की है। यह हैं काम्या कार्तिकेयन, जो महज 17 साल की उम्र में दुनिया के सात महाद्वीपों की सात सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन गई हैं। यह चुनौती उन्होंने हाल ही में पूरी की, जब उन्होंने अंटार्कटिका के माउंट विंसन की चोटी को फतह किया।
7 महाद्वीपों की 7 सबसे ऊंची चोटियां – एक अद्वितीय उपलब्धि
काम्या ने यह अद्वितीय और चुनौतीपूर्ण सफर शुरुआत किया था अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो से, और इसके बाद उन्होंने यूरोप के माउंट एल्ब्रस, ऑस्ट्रेलिया के माउंट कोसियसज़को, दक्षिण अमेरिका के माउंट एकॉनकागुआ, उत्तरी अमेरिका के माउंट डेनाली, और एशिया के माउंट एवरेस्ट जैसी कठिन चोटियों को पार किया। इस साहसिक यात्रा के अंतिम पड़ाव पर, रविवार को उन्होंने अंटार्कटिका में माउंट विंसन पर चढ़ाई पूरी की और अपनी इस ऐतिहासिक यात्रा को संपन्न किया। काम्या ने इस चोटी पर चढ़ने के बाद कहा, “विंसन मैसिफ की चढ़ाई मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। यह सातों महाद्वीपों में मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह सपना मैंने कई सालों से देखा था और आज उसे साकार कर लिया।”
नौसेना कमांडर की बेटी – एक प्रेरणादायक पृष्ठभूमि
काम्या भारतीय नौसेना के कमांडर एस कार्तिकेयन की बेटी हैं। उनके पिता ने इस उपलब्धि को और भी खास बना दिया, क्योंकि वे खुद भी उनके साथ इस यात्रा में शामिल थे। 24 दिसंबर को, जब काम्या ने माउंट विंसन के शिखर पर कदम रखा, तो भारतीय नौसेना ने उन्हें और उनके पिता को बधाई दी। इस उपलब्धि के बाद, भारतीय नौसेना ने ट्विटर पर इस ऐतिहासिक सफलता का जश्न मनाते हुए लिखा, “काम्या कार्तिकेयन और उनके पिता कमांडर एस कार्तिकेयन को हमारी हार्दिक बधाई। काम्या ने अपनी साहसिक यात्रा पूरी की और इतिहास रचा।”
सात साल की उम्र से ट्रेकिंग की शुरुआत
काम्या की यात्रा की शुरुआत सात साल की उम्र से हुई थी, जब उन्होंने उत्तराखंड में अपना पहला ट्रेक किया था। उस समय वह मात्र एक छोटे बच्चे की तरह थी, लेकिन उनके भीतर एक बड़ा सपना पल रहा था। 16 साल की उम्र में, उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की और इसके बाद से उनका साहसिक सफर जारी रहा। काम्या के इस अद्वितीय प्रयास और साहस को न केवल उनके परिवार और मित्रों ने सराहा, बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी थी।
समाज के लिए प्रेरणा
काम्या कार्तिकेयन का यह साहसिक कार्य न केवल उनके लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने साबित कर दिया कि यदि किसी में दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं होती। एक 17 वर्षीय छात्रा ने अपनी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से दुनिया के सबसे कठिन पहाड़ों को फतह किया, और अब वह एक युवा रोल मॉडल बन चुकी हैं। आज काम्या कार्तिकेयन उन सभी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो अपनी चुनौतियों से घबराते हैं। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि सपने बड़े हों तो किसी भी उम्र में उन्हें पूरा किया जा सकता है।
