
You Tuber Jyoti Malhotra: हरियाणा के हिसा में रहने वाली एक यूटयूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर हाल ही में चौंकाने वाला खुलासा हुआ ळै। जिस महिला को लाखों लोग ट्रेवल्स वीडियो के लिए फॉलो कर रहे थे, वह अब जासूसी के आरोप में गिरफ्तार की जा चुकी है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अनुसार ज्योति कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में थी और वह ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक बड़ी जासूसी साजिश में शामिल थी। इस पूरे मामले में ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है क्योंकि यह सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक पूरे नेटवर्क के संकेत मिल रहे हैं। हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर देश की खुफिया एजेंसियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और इंटेलिजेंस ब्यूरो की संयुक्त पूछताछ में पता चला है कि ज्योति मल्होत्रा न केवल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संपर्क में थी, बल्कि उन्होंने चीन, बांग्लादेश और दुबई जैसे देशों की संदिग्ध यात्राएं भी की थीं। उनका पासपोर्ट 2018 में जारी हुआ था और 2028 तक वैध है।
आप भी जाने कौन हैं ज्योति मल्होत्रा
33 वर्षीय ज्योति मल्होत्रा हरियाणा के हिसार की रहने वाली है। वह ट्रेवल विद जो नाम यूटयूब चैनल चलाती है, जिसके 3.77 लाख सबस्क्राइबर है। इंस्टाग्राम पर भी उसके 1.33 लाख फॉलोअर हैं। उसे शुक्रवार को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्टेंशन इलाके से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार ज्योति ने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की थी और दोनों बार पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से गहरे संपर्क में रही। दर्ज एफआईआर में दावा किया गया है कि वह दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक अधिकारी के संपर्क में भी थी।

व्हाट्सएप चैट के खुले राज
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि ज्योति और आईएसआई अली हसन के बीच व्हाट्सएप पर हुई बातचीत के दौरान पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ। ये बातचीत कोडवडर्स में होती थी, जिससे साफ होता है कि ज्योति को जासूसी में प्रशिक्षित किया जा रहा था।
बातचीत का एक हिस्सा
- अली हसन: जब तुम अटारी गई थीं, वहां किस-किस को प्रोटोकॉल किया?
- ज्योति: किसे मिला, मुझे नहीं मिला
- अली हसन: मतलब, जैसे कोई अंडरकवर एजेंट हो, जिसे देखकर पहचाना जा सके। उसे गुरुद्वारे के अंदर लाना था, दोनों को एक कमरे में बैठाना था। ये काम करना था।
- ज्योति: नहीं, वो इतना पागल नहीं था।
आईएसआई अधिकारी और ज्योति के बीच हुई बातचीत से स्पष्ट है कि पाकिस्तान भारतीय खुफिया एजेंट्स की पहचान के लिए ज्योति का इश्तेमाल कर रहा था।
जासूसी नेटवर्क की गहराई
दर्ज की गई एफआईआर में बताया गया है कि २०२३ में ज्योति की मुलाकात एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश नामक व्यक्ति से हुई, जो पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत था। वह पाकिस्तान वीजा के लिए गई थी, जहां उसकी पहली मुलाकात हुई। उसके बाद उसका संपर्क दानिश के सहयोगी अली अहवान से हुआ, जिसने पाकिस्तान में ज्योति की रहने की व्यवस्था की और साथ ही आईएसआई अधिकारियों से मुलाकात भी करवाई।
बताया गया है कि वह व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, स्नैपचेट जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से संपर्क में रहती थी। कई बार उसने संवेदनशील जानकारी साझा की। आईएसआई के लोग उसे एसेट के तौर पर ट्रेन कर रहे थे। पुलिस को शक है कि उसके जरिए भारत के इंटेलिजेंस नेटवर्क को कमजोर करने की कोशिश की जा रही थी।
देश की सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
13 मई को भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी को जासूसी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर देश से निष्कासित कर दिया। इसी कार्रवाई के बाद पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को भी हिरासत में लिया। हिसार पुलिस अधीक्षक ज्योति ने पहलगाम हमले से पहले कश्मीर की यात्रा की। उससे पहले वह पाकिस्तान गई थी। अब पुलिस इन दोनों यात्रों के बीच किसी साजिशी संबंध की जांच कर रही है।
सोशल मीडिया के पीछे की जासूसी
जिस सोशल मीडिया चैनल से ज्योति मल्होत्रा ने अपनी पहचान बनाई, उसी को माध्यम बनाकर वह देश के दुश्मनों से संपर्क में थी। लाखों फॉलोअर्स वाले इस चैनल का इश्तेमाल वह पाकिस्तान में अपनी प्रवेश और संपर्क सुविधा के लिए करती थी।
जांच में क्या निकल सकता है आगे
पुलिस की जांच अब इस ओर बढ़ रही है कि ज्योति के माध्यम से और कौन-कौन लोग इस जासूसी नेटवर्क से जुड़े हैं।
सवाल जो अब भी खड़े
- क्या वह सिर्फ दानिश और अली अहवान तक सीमित थी या अन्य पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के संपर्क में थी?
- क्या उसने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के एजेंट्स की पहचान कराकर उन्हे जोखिम में डाला?
- क्या उसकी यात्राओं में कोई फाइनेंसियल लेन-देन या क्रिप्टो मनी ट्रेल मौजूद हैं?
एक ट्रेवलर नहीं, संभावित ट्रेटर?
ज्योति मल्होत्रा का केस भारत में सोशल मीडिया के जरिए फैलते जासूसी नेटवर्क की तरफ एक खतरनाक संकेत है। यूटयूब पर ट्रेवल ब्लॉगर के रूप में मशहूर एक महिला कैसे दुश्मनों से जुउ़ गई, यह न सिर्फ चौंकाने वाला है। बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बउ़ा खतरा भी है। अब सवाल ये है कि क्या उसकी गिरफ्तारी से एक बड़े अंतरराष्ट्रीय जासूसी रैकेट का पर्दाफाश होगा? क्या ज्योति जैसी और सोशल मीडिया एक्टिव लोग देश के दुश्मनों के एजेंट बन चुके हैं?

‘ऑपरेशन सिन्दूर’ और पहलगाम हमले के बाद गिरफ्तारियां
ज्योति की गिरफ्तारी 7 मई को हुए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के कुछ दिनों बाद हुई, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचों पर सैन्य कार्रवाई की थी। इससे पहले, 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। जांच एजेंसियों का मानना है कि ज्योति ने इन घटनाओं से पहले पाकिस्तान की यात्रा की थी, जो संदेह को और गहरा करता है।
अब तक 14 गिरफ्तारियां, उत्तर भारत में नेटवर्क सक्रिय
पिछले दो हफ्तों में देश के अलग-अलग हिस्सों से 14 लोगों की गिरफ्तारी हुई है— जिनमें से 8 पंजाब, 5 हरियाणा और 1 उत्तर प्रदेश से हैं। पिछले 24 घंटों में ही चार नई गिरफ्तारियां हुई हैं। ये सभी संवेदनशील सैन्य जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने के आरोप में पकड़े गए हैं।
छिपाने के लिए कोड नाम का इस्तेमाल
एफआईआर के अनुसार, ज्योति ने शाकिर का नाम अपने फोन में ‘जट्ट रंधावा’ के नाम से सेव कर रखा था ताकि उस पर कोई शक न करे। भारत लौटने के बाद भी वह व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड माध्यमों से पाकिस्तान एजेंट्स से संपर्क में बनी रही।
एनआईए और गृह मंत्रालय की बड़ी जांच की तैयारी
हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि एनआईए टीम ने ज्योति मल्होत्रा से लंबी पूछताछ की है और उन्हें शक है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। गृह मंत्रालय अब इस पूरे नेटवर्क की जांच एनआईए को सौंपने पर विचार कर रहा है। इसमें यह जांचा जाएगा कि क्या दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग और पाकिस्तान स्थित पीआईओएस ने भारतीय यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स को प्रोपेगंडा और जासूसी के लिए इस्तेमाल किया।
जासूसी गिरोह में शामिल अन्य गिरफ्तारियां:
पंजाब – गुरदासपुर से दो गिरफ्तार
डीजीपी गौरव यादव के अनुसार, सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह को गुरदासपुर से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से तीन मोबाइल फोन और आठ जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इन पर ऑपरेशन सिन्दूर से जुड़ी संवेदनशील जानकारी, जैसे कि सेना की तैनाती और गुप्त स्थानों की जानकारी ढ्ढस्ढ्ढ को देने का आरोप है।
हरियाणा – नूंह से एक झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार
नूंह जिले के कांगडक़ा गांव के निवासी मोहम्मद तारीफ को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। वह स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर है। उसने कबूल किया है कि उसने पाक उच्चायोग के एक कर्मचारी को सिम कार्ड दिया था और पाकिस्तान की यात्रा भी की थी।
उत्तर प्रदेश – रामपुर से आईएसआई एजेंट गिरफ्तार
रामपुर से शाहज़ाद वहाब (35) को गिरफ्तार किया गया है। वह आईएसआई के लिए 20 लोगों की भर्ती कर चुका था, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। वह अपने हैंडलर्स के कहने पर उन्हें पैसा भी मुहैया करवा रहा था।
ओडिशा की यूट्यूबर प्रियंका सेनापति पर भी जांच
पुरी की रहने वाली 21 वर्षीय यूट्यूबर प्रियंका सेनापति के खिलाफ भी जांच शुरू की गई है। वो ज्योति मल्होत्रा के संपर्क में थी। हालांकि, अब तक उसके खिलाफ कोई आपत्तिजनक साक्ष्य नहीं मिले हैं।
