
नई दिल्ली. CBIC’s big move: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने GST (वस्तु एवं सेवा कर) नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसके तहत अस्थायी पहचान संख्या (TIN) को लेकर नए नियम अधिसूचित किए गए हैं। अब उन संस्थाओं को TIN जारी किया जाएगा जिन्हें GST पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में उन्हें कर भुगतान करना अनिवार्य होता है। यह फैसला हाल ही में हुई GST परिषद की बैठक में लिया गया था।
कौन पाएगा अस्थायी पहचान संख्या (TIN)?
अब तक GST पंजीकरण कराने की जरूरत उन कारोबारियों को होती थी जिनका सालाना टर्नओवर निर्धारित सीमा से अधिक होता था। लेकिन नए नियमों के तहत, ऐसे कारोबारी या व्यक्ति जो GST अधिनियम के तहत पंजीकरण कराने के लिए बाध्य नहीं हैं, लेकिन कुछ विशिष्ट लेन-देन के लिए कर अदा करना जरूरी है, उन्हें अस्थायी पहचान संख्या दी जाएगी। इस कदम से इन कारोबारियों के लिए कर भुगतान करना आसान हो जाएगा और उन्हें पूरा पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
GST पंजीकरण की मौजूदा सीमा
GST के तहत पंजीकरण कराने की सीमा को लेकर वर्तमान नियमों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में 40 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये से अधिक वार्षिक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए GST पंजीकरण अनिवार्य है। यदि किसी व्यवसाय का वार्षिक टर्नओवर इन सीमाओं से कम है, तो उसे GST पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है।
नए नियमों के लाभ
CBIC ने केंद्रीय GST नियमों में नया प्रावधान (नियम 16A) जोड़ा है, जिसके तहत अब वे व्यक्ति जो पंजीकरण के लिए अनिवार्य नहीं हैं, लेकिन फिर भी उन्हें GST के तहत कर चुकाना होता है, उन्हें अस्थायी पहचान संख्या दी जाएगी। इस फैसले से छोटे और अस्थायी कारोबारियों को कर भुगतान की प्रक्रिया में आसानी होगी।
कर भुगतान में सुगमता
यह बदलाव उन संस्थाओं के लिए एक राहत लेकर आया है, जो नियमित रूप से कर योग्य गतिविधियों में संलग्न नहीं होतीं। अस्थायी पहचान संख्या मिलने से कर भुगतान की प्रक्रिया सरल हो जाएगी, और इससे अनुपालन का बोझ भी कम होगा। इसके अलावा, सरकारी राजस्व संग्रहण में भी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि अधिक संख्या में लोग इस प्रक्रिया से जुड़ सकेंगे।
नए नियमों का असर
- छोटे और अस्थायी कारोबारियों को फायदा: उन्हें अब GST पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी।
- अनुपालन आसान होगा: यह कदम कारोबारियों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बना देगा और कानूनी जटिलताओं को कम करेगा।
- सरकारी राजस्व में सुधार: यह बदलाव कर भुगतान को और अधिक सुगम बनाएगा, जिससे सरकार के लिए राजस्व संग्रहण की प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो सकेगी।
CBIC का यह फैसला GST प्रणाली को और भी सरल और समावेशी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे ना सिर्फ छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी, बल्कि करदाता भी अपने कर भुगतान की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। यह कदम छोटे कारोबारियों और अस्थायी व्यापारों के लिए एक महत्वपूर्ण सहूलियत साबित होगा।
